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आंदोलन

AMU के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी के खिलाफ अब लखनऊ में दर्ज हुई FIR, विवादित भाषण देने का आरोप

Janjwar Desk
4 Feb 2021 11:33 AM GMT
AMU के पूर्व छात्र  शरजील उस्मानी के खिलाफ अब लखनऊ में दर्ज हुई FIR, विवादित भाषण देने का आरोप
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उस्मानी पर हिंदू समुदाय के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप है, जिसका वीडियो वायरल हो गया और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठी...

लखनऊ शरजील उस्मानी के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में विवादास्पद भाषण के संबंध में मामला दर्ज किया गया है। उस्मानी ने महाराष्ट्र के पुणे में एल्गार परिषद के कार्यक्रम में विवादास्पद भाषण दिया था। उस्मानी के भाषण के वीडियो पर अनुराग सिंह नाम के एक शख्स ने एफआईआर दर्ज कराई है, जिसे यूट्यूब पर पोस्ट किया गया था।

पुलिस ने कहा, इस शिकायत के आधार पर, भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए, 153 ए, 153 ए (2), 153 बी (1) (सी), 295 ए, 298, 504, 505 (1) (बी) और 505 (2) के तहत और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

उस्मानी 30 जनवरी को पुणे के गणेश कला क्रीड़ा मंच में आयोजित एल्गार परिषद कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उस्मानी पर हिंदू समुदाय के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप है, जिसका वीडियो वायरल हो गया और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठी।

महाराष्ट्र पुलिस ने भी विवादित भाषण देने के मामले में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र उस्मानी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

गौरतलब है कि सीएए विरोधी आंदोलनों मेें हिस्सेदारी करने के बाद एएमयू के पूर्व छात्र उस्मानी को जेल में डाल दिया गया था। उन्होंने पिछले साल सितंबर में अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए उस्मानी ने कहा, 'यह अच्छी तरह से डॉक्यूमेंटेड है कि जेलों में मुसलमानों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है। मेरे साथ उसी तरह से व्यवहार किया गया जैसे मुस्लिम कैदियों के साथ पुलिस अभिरक्षा में किया जाता है। मैं डिटेल में नहीं डालना चाहता। मुझे एक बैरक में रखा गया, जिसमें 145 अन्य कैदियों के साथ 42 लोगों को रखा गया था। उनमें से अधिकांश पर बलात्कार, हत्या और अन्य भीषण मामलों के आरोप लगाए गए थे। कैदियों ने मुझे स्थानीय समाचार पत्रों से पहचान लिया और वे मुझे शाहीन बागवाला के रूप में संदर्भित करते थे।'

उस्मानी ने बताया था, 'एक बार जब कैदी 26/11 मुंबई हमले पर आधारित फिल्म देख रहे थे, उनमें से कुछ ने मेरी तुलना आतंकवादी अजमल कजाब से की और यह भी टिप्पणी की कि मैं इसी तरह की गतिविधियों में लिप्त रहूंगा। मैंने महसूस किया है कि जेल बाहरी दुनिया का सूक्ष्म रूप है।'

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