UP : नट बस्ती में पुलिसिया बर्बरता, 5 माह की गर्भवती को इतना पीटा कि ब्लीडिंग के बाद कराना पड़ा अस्पताल में भर्ती
पीड़ितों से मुलाकात करता रिहाई मंच प्रतिनिधि मंडल
लखनऊ, जनज्वार। उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ स्थित थाना निज़ामाबाद क्षेत्र के ग्राम गंधुवई नट बस्ती में पुलिस द्वारा बर्बरता की घटना सामने आयी है। पुलिसिया मारपीट में बुरी तरह पीटे गये घायलों से सामाजिक राजनीतिक संगठन रिहाई मंच के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की। घटनाक्रम के मुताबिक 5 सितंबर को पुलिस ने नट बस्ती में घुसकर तांडव मचाया और इस दौरान पुलिस पुलिसकर्मियों ने बच्चों और महिलाओं को भी बुरी तरह पीटा।
नट बस्ती की एक गर्भवती महिला फरीदा को पुलिस द्वारा बुरी तरह पीटे जाने का भी मामला सामने आया। उसके पति ने बताया, उसकी पत्नी फरीदा 5 माह के गर्भ से है, पुलिस ने इस बात का भी ख्याल नहीं रखा और अमानवीयता दिखाते हुए उसे बुरी तरह पीटा। फरीदा को इतनी बुरी तरह पीटा गया कि उसे ब्लीडिंग होने लगी, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
रिहाई मंच के एक प्रतिनिधि मंडल ने महासचिव राजीव यादव के नेतृत्व में ग्राम गंधुवई की नट बस्ती का दौरा किया। 5 सितंबर की दोपहर में पुलिस द्वारा घरों में घुस कर पीटी गई महिलाओं और बच्चों से मुलाकात की और उनकी तकलीफ को जाना।
पीड़ित महिलाओं ने बताया कि दो व्यक्तियों के आपसी झगड़े में एक पक्ष ने पुलिस को फोन कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने बिना किसी उकसावे के एक तरफ से घरों में घुस कर महिलाओं को घसीटना और मारना शुरू कर दिया। गांव में मौजूद महिलाओं ने बताया कि 8-10 साल के बच्चों, गर्भवती और बूढ़ी महिलाओं को पुरुष पुलिसकर्मियों ने बर्बरता के साथ पीटा। एक गर्भवती महिला को ब्लीडिंग शुरू हो गई, जिसे उसी समय अस्पताल ले जाया गया।
पीड़ितों का कहना है कि गांव में डर व दहशत के कारण किसी ने पुलिस के खिलाफ घटना की रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाई। पुलिस के खिलाफ लोगों में काफी आक्रोश था। उन्होंने कहा कि 20 से अधिक महिलाओं और एक दर्जन के करीब किशोरों को चोटें आई हैं। इसके अलावा कई पुरुष भी चोटिल हैं।
रिहाई मंच प्रतिनिधि मंडल में महासचिव राजीव यादव, मसीहुद्दीन संजरी, एडवोकेट विनोद यादव, इमरान, अवधेश यादव, हीरालाल यादव शामिल थे।