भागलपुर के कहलगांव में 26 वर्षीय दलित युवक की हिरासत में मौत, पुलिसिया गुंडाराज में तब्दील होता बिहार
पुलिस कस्टडी में मरने वाले दलित युवक विनोद कुमार दास के परिजनों से मुलाकात करती फैक्ट फाइंडिंग टीम
जनज्वार। बिहार में भाजपा-जदयू शासन में दलित उत्पीड़न व हिरासत में पुलिस द्वारा की जा रही हत्याओं के कई मामले सामने आ रहे हैं। 7 जुलाई 2021 से 11 जुलाई 2021 तक हिरासत में रखने के बाद के बाद 20 जुलाई 2021 को दलित युवक विनोद कुमार दास की मौत का मामला सामने आया था, जिसे भाकपा-माले ने प्रमुखता से उठाया और फैक्ट फाइंडिंग टीम गठित कर मामले की सच्चाई का भी पता लगाया।
घटनाक्रम के मुताबिक रजौन (बांका) थाना की पुलिस के साथ कहलगांव (भागलपुर) थाना की पुलिस द्वारा एक 26 वर्षीय दलित युवक विनोद कुमार दास को गिरफ्तार कर 7 जुलाई 2021 से 11 जुलाई 2021 तक हिरासत में रखने के बाद के बाद 20 जुलाई 2021 को जेएलएनएमसीएच, भागलपुर (मायागंज अस्पताल) में इलाज के दौरान हुई उसकी मौत की जांच के लिए 31 अगस्त 2021 को भाकपा-माले की एक टीम ने बांका जिलान्तर्गत मृतक के गांव चकसफिया (रजौन) का दौरा किया।
जांच टीम के समक्ष स्पष्ट हुआ कि मृतक विनोद कुमार दास एक सीधा-सादा युवक था जो हल्के वाहन की ड्राइवरी और कभी-कभी रंग-पेंट का काम कर अपना व अपने परिवार का भरण-पोषण किया करता था।
परिजनों के मुताबिक 7 जुलाई 2021 को रात में करीब 8 बजे रजौन व कहलगांव थाना की पुलिस पूरे दल-बल के साथ मृतक के गांव चकसफिया पहुंची और उसके घर की तलाशी लेने लगी। तलाशी में कुछ नहीं मिलने के बाद पुलिस ने विनोद कुमार दास को उठा लिया और रजौन थाना ले जाकर उसकी पिटाई की। उसके बाद पुलिस उसे अपने साथ लेकर उसके मौसिया ससुराल तारडीह (अमरपुर) पहुंची और उसके मौसिया ससुर के घर की भी तलाशी ली।
मृतक विनोद की पत्नी अरुणा देवी उस दौरान अपने मौसा के यहां तारडीह, एक शादी समारोह में शामिल होने गयी हुई थी। मौसिया ससुर के यहां भी कुछ बरामद नहीं होने के बाद कहलगांव थाना की पुलिस उसे अपने साथ कहलगांव थाना ले गयी। दूसरी ओर शंभुगंज पुलिस ने विनोद के ससुराल कुर्माडीह (शंभुगंज) में उसके ससुर के घर की भी तलाशी ली। वहां भी पुलिस को कुछ बरामद नहीं हुआ। दरअसल पुलिस ने विनोद कुमार दास को एक चोरी केस सिलसिले में उसके घर से उठाया था, जो कहलगांव थाना में 25 जून 2021 को अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ है जिसका केस नम्बर - 419/21 कहलगांव थाना है।
विनोद के पिता बताते हैं, 11 जुलाई 2021 को संध्या में कहलगांव पुलिस ने कहलगांव थाना में उससे कागज पर हस्ताक्षर करवाया और विनोद को ले जाने को कहा। तब वे विनोद को लेकर अपने घर चकसफिया आ गए। उन्होंने बताया कि इससे पहले 10 जुलाई तक उसे अपने बेटे विनोद से नहीं मिलने दिया गया था।
ग्रामीण संतोष दास कहते हैं, कहलगांव थाना से घर लौटने के बाद विनोद चल भी नहीं पाता था। उसके चचेरे भाई विक्रम दास ने बताया कि पुलिस ने बहुत अन्याय किया है विनोद के साथ। थाना से आने के बाद उसने बताया कि पुलिस ने बहुत मारा है, बचेंगे नहीं, हम कुछ नहीं किए हैं। विनोद के पिता ने बताया कि पहले ग्रामीण डॉक्टरों से फिर अमरपुर (बहनोई के यहां से) में एक डॉक्टर बीके तिवारी के यहां इलाज कराया, लाभ नहीं होने पर अमरपुर अस्पताल ले गए जहां से मायागंज अस्पताल रेफर कर दिया, वहीं उसी दिन 20 जुलाई 2021 को रात करीब 8 बजे उसकी मृत्यु हो गयी।
मृतक विनोद कुमार दास की पत्नी अरुणा देवी से जांच टीम की भेंट नहीं हो पायी। वे अपने घर चकसफिया में नहीं थीं। मृतक के अन्य दो भाई सौरभ और सचिन भी घर में नहीं थे। मृतक विनोद के पिता कहते हैं, उनकी बहू यानी विनोद की पत्नी यहां नहीं रहना चाहती, ढाई-तीन साल के पोते को छोड़ कर भाग गयी थी, फिर बाद में बच्चे को ले गयी। वे अपने बहनोई दिलीप दास के यहां भरको (अमरपुर) में हैं। विनोद के पिता ने जो मोबाइल नंबर उपलब्ध कराया, उस पर मृतक की पत्नी को कॉल नहीं लगा। मोहल्ले के कुछ अन्य महिला-पुरुष ने भी बताया कि विनोद अच्छा लड़का था। किसी गलत काम में संलिप्तता के बारे में हमलोग कभी नहीं सुने थे। वह तो ड्राइवरी करता था।
वहां से निकल कर टीम रजौन थाना गयी, मगर थाना प्रभारी से मुलाकात नहीं हुई। टीम के मुकेश मुक्त ने जब थाना प्रभारी से मोबाइल पर सम्पर्क किया तो उसने बताया कि वे शाम तक लौटेंगे। कुछ देर बाद उसने मुकेश मुक्त के मोबाइल पर कॉल कर कहा कि आप लोग मृतक के पिता से बात कर लें। गौरतलब है कि 21 जुलाई 2021 को घटना के विरोध में ग्रामीणों द्वारा घंटों मुख्य सड़क जाम करने के बाद पुलिस और प्रशासन द्वारा मृतक के पिता से आवेदन लेकर रजौन थाना में ही FIR दर्ज की गयी है।
मृतक विनोद की पत्नी से भेंट करने जांच टीम भरको (अमरपुर) गयी। रजौन से मुख्य सड़क, भागलपुर-दुमका राज्य पथ पर आगे दक्षिण की ओर करीब 6-7 किलोमीटर की दूरी पर पुनसिया बाजार है, जहां से एक सड़क पश्चिम इंगलिश मोड़ की ओर जाती है। रजौन से इसी सड़क होकर करीब 20 किलोमीटर का फैसला तय कर जब टीम मृतक विनोद की पत्नी के बहनोई दिलीप दास के घर भरको पहुंची तो पता चला कि विनोद की पत्नी अपने मायके कुर्माडीह (शंभुगंज) में हैं। जांच टीम को यहां भी मृतक विनोद की पत्नी का वही मोबाइल नम्बर उपलब्ध कराया जो मृतक के पिता ने दी थी। उनकी पत्नी से मोबाइल पर फिर सम्पर्क करने की कोशिश की गयी, पर कॉल नहीं लगा।
दिलीप दास ने बताया कि अपने केस के सिलसिले में भागलपुर आने-जाने के दौरान वे यहां आती-जाती रहती हैं। आज ही अपने मायके गयी हैं। विनोद की पत्नी के ससुर ने उनके साथ मार-पीटकर उन्हें घर से भगा दिया था और बच्चा को भी छीन लिया था। रजौन पुलिस के हस्तक्षेप से 27 अगस्त 2021 को बच्चा वापस मिला है। अन्य महिला-पुरुष रिश्तेदारों ने भी बताया कि विनोद अच्छा लड़का था। पुलिस ही अत्याचार करेगी तो फिर लोग कहां जाएंगे! बताया गया कि भरको से (और पश्चिम यानी विपरीत दिशा में) कुर्माडीह करीब 20-22 किलोमीटर की दूरी पर है। संध्या हो चली थी। जांच टीम ने दिलीप दास से अपील की कि सम्भव हो तो एक-दो दिन में विनोद की पत्नी से जांच टीम की भेंट कराने की कोशिश करें। टीम ने उन्हें अपना सम्पर्क नम्बर दिया और वापस भागलपुर लौट आयी।
जांच टीम के वापस लौटने के एक दिन बाद 2 सितम्बर 2021 को दिन के करीब पौने एक बजे भागलपुर कचहरी परिसर से एक वकील राजीव सिंह ने कॉल कर जांच टीम के मुकेश मुक्त को मृतक विनोद की पत्नी के भागलपुर जिला मुख्यालय पहुंचने की सूचना देते हुए बताया कि कुछ लोग आप से मिलने का इंतजार कर रहे है। मृतक विनोद की पत्नी से मिलने के लिए जांच टीम की ओर से मुकेश मुक्त करीब सवा एक बजे भागलपुर कचहरी परिसर स्थित वकील राजीव सिंह के चेंबर पहुंचे। इस बीच दिलीप दास ने भी कॉल कर बताया। चेम्बर में वकील राजीव सिंह व उनके साथी वकील, मृतक विनोद की पत्नी अरुणा देवी, उनके ढाई-तीन वर्षीय पुत्र व भाई सहित कुछ अन्य दूसरे लोग भी मौजूद थे। अरुणा देवी के बहनोई दिलीप दास भागलपुर नहीं आए थे।
मृतक विनोद की पत्नी अरुणा देवी की ओर से उनके वकील राजीव सिंह ने बताया कि मृतक का पिता मनोज कुमार दास पुलिस थाना के दवाब में है। केस को मैनेज कराने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि आदि कई प्रकार के दलाल सक्रिय हैं, इसलिए मृतक की पत्नी की ओर इशारा कर कहा गया है कि किसी से बात ना करें, दरअसल इन्हीं वजहों से ये छुपकर रहती है।
उन्होंने बताया कि विनोद की मौत के विरुद्ध उसके पिता द्वारा दिए गए जिस आवेदन के आधार पर रजौन थाना में एफआईआर दर्ज हुआ है, वह दूसरा आवेदन है। जिसमें रजौन पुलिस को बचाने की कोशिश की गयी है। सबसे पहले उसके पिता ने जो आवेदन दिया था, उसे बाद में पुलिस के दवाब में आकर उसके पिता ने बदल दिया। एफआईआर दर्ज होने के बाद भी विनोद के पिता ने एक और आवेदन दिया है। वकील राजीव सिंह ने यह भी बताया कि अरुणा देवी का ससुर इसका (मृतक की पत्नी अरुणा देवी का) विवाह जबरन अपने दूसरे बेटे से कराना चाहता है। बातचीत के दौरान इस आशय की बात मृतक के पिता ने भी जांच टीम को बतायी थी।
मृतक विनोद की पत्नी अरुणा देवी कहती है, जब मेरे ससुर ने एफआईआर बदल दी तो मुझे शक हुआ। ससुर से पूछी तो वे एकदम से आगबबूला हो उठे। मुझे गाली-गलौज कर मुझ पर गंदा आरोप लगाया। मेरा बेटा छीन लिया और मुझे घर से भगा दिया। 27 अगस्त 2021 को अपने रिश्तेदार के साथ अपना बेटा लेने गयी तो गंदी-गंदी गाली देते हुए मेरे ससुर ने मुझे बेरहमी से पीटा। बाल पकड़ घसीटकर मुझे घर के आंगन से बाहर निकाल दिया। तब मैं रजौन थाना गयी। थाना के प्रभारी बुद्धदेव पासवान ने मेरा आवेदन तो नहीं लिया, किन्तु मेरे ससुर को बुलाया और मुझसे लिखवाकर मेरा बेटा मुझे सौंप दिया। मैं अपने बेटे को लेकर वहां से लौट गयी।
जांच टीम के पूछने पर अरुणा देवी ने बताया कि कहलगांव में पुलिस हिरासत से लौटने के बाद 12 जुलाई 2021 को मैं अपने पति से अपने ससुराल चकसफिया में मिली। उनकी हालत बहुत खराब थी। वे उठने-बैठने में भी उन्हें दिक्कत होती थी। उन्होंने (मृतक विनोद ने) बताया कि हम कुछ नहीं किए हैं, पुलिस ने बांधकर बहुत मारा है, हम बचेंगे नहीं। उनके दोनों पैर और चूतड़ पर गहरे जख्म के निशान थे। शरीर में भी चोट के कई निशान थे। हम लोगों ने पहले ग्रामीण डॉक्टर से इलाज कराया फिर अमरपुर ले गए। अमरपुर में मेरी ननद का ससुराल है। वहां से भागलपुर भेज दिया। भागलपुर के मायागंज अस्पताल में इलाज के दौरान ही उनकी मृत्यु हो गयी।
जांच टीम के सदस्यों का कहना है कि चकसफिया निवासी 26 वर्षीय दलित युवक विनोद कुमार दास की मौत पुलिस द्वारा की गई बर्बर पिटाई की वजह से हुई है। 7 जुलाई 2021 को करीब 8 बजे विनोद कुमार दास को पुलिस द्वारा जबरन उसके घर चकसफिया से उठाए जाने के बाद से लेकर 11 जुलाई 2021 की संध्या में उसे उसके पिता को सुपुर्द किए जाने तक के दौरान पुलिस हिरासत में अत्यंत ही बेरहमी से हाथ-पैर बांधकर उसकी अमानवीय पिटाई की गयी और जब वह मरनासन्न हो गया और किसी भी प्रकार से पुलिस के समक्ष उसका अपराध सिद्ध नहीं हो सका तो कहलगांव पुलिस ने उसे (विनोद को) उसके पिता को सुपर्द कर दिया। विनोद कुमार दास की मौत के लिए कहलगांव व रजौन थाना के इंचार्ज व अन्य पुलिसकर्मी जिम्मेदार हैं। हालांकि जांच टीम को यह भी प्रतीत हुआ कि मृतक के पिता मनोज कुमार दास पुलिस के भारी दवाब में हैं। इस मौत को हत्या कहना ज्यादा उचित है।
मगर इस मामले में अनुत्तरित सवाल यह है कि जिस चोरी कांड (कहलगांव थाना केस नम्बर - 419/21, तारीख - 25 जून 2021) में पुलिस द्वारा विनोद कुमार दास को हिरासत में लिया गया उस FIR में अज्ञात लोगों के विरुद्ध केस दर्ज कराया गया है। फिर कहलगांव पुलिस के पास उस केस के लिए करीब 60 किलोमीटर दूर चकसफिया, रजौन के एक दलित युवक का नाम कैसे आया? उसे हिरासत में लेने के लिए पुलिस के पास वारंट था? इतना ही नहीं तीन प्रखंड कहलगांव (भागलपुर), रजौन व शंभुगंज (बांका) की पुलिस ने एक ही दिन 7 जुलाई 2021 को तीन जगह मृतक के घर (चकसफिया), मृतक के मौसिया ससुराल (तारडीह) व मृतक के ससुराल (कुर्माडीह) में छापा मारकर तलाशी कैसे ली? पुलिस ने इतनी बड़ी कार्यवाई किसके इशारे पर की? पुलिस की इतनी बड़ी कार्रवाई के लिए किस उच्चाधिकारी ने व्यवस्था की?
भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल के मुताबिक जहानाबाद में कुछ दिन पहले हिरासत में पुलिस अत्याचार की वजह से मौत के शिकार हुए गोविंद मांझी के बाद अब भागलपुर के कहलगांव में पुलिस की बर्बरता के कारण 26 वर्षीय दलित युवक विनोद कमार दास की मौत की खबर सामने आई है। यह पुलिस द्वारा हिरासत में की गई हत्या है।
राज्य सचिव कुणाल ने बताया कि भाकपा-माले की एक जांच टीम ने भागलपुर जिले में हिरासत में हुई विनोद कुमार दास की मौत की जांच की। जांच टीम में टीम में भाकपा-माले, भागलपुर के जिला सचिव बिन्देश्वरी मंडल, भागलपुर नगर प्रभारी सह ऐक्टू के राज्य सचिव मुकेश मुक्त, बांका जिला संयोजक संजय मंडल व आशुतोष यादव शामिल थे। जांच टीम ने मृतक विनोद कुमार दास के पिता मनोज कुमार दास सहित चकसफिया-रजौन निवासी दर्जनों महिला-पुरुष के साथ ही भरको के कई लोगों से भी बातचीत कर घटना के संदर्भ में जाना।
फैक्ट फाइंडिंग टीम ने इस मामले में जांच के बाद मांग की है कि मृतक विनोद कुमार दास के हत्यारे कहलगांव थाना के इंचार्ज व अन्य सभी संलिप्त पुलिस कर्मियों को अविलम्ब बर्खास्त कर उसे गिरफ्तार किया जाय और हत्या का मुकदमा चलाया जाय। रजौन थाना के इंचार्ज व अन्य पुलिस कर्मियों को बर्खास्त किया जाय और उनकी भूमिका की जांच कर कार्रवाई की जाय। साथ ही पुलिस अधिकारियों-कर्मियों के विरुद्ध एससीएसटी एक्ट की धाराओं के तहत भी कार्रवाई हो।
मृतक विनोद कुमार दास की पत्नी अरुणा देवी को सरकारी नौकरी व आश्रित को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाय। इस पूरे घटना के लिए भागलपुर व बांका के जिला पदाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को जिम्मेदार ठहराया जाय और उनके खिलाफ विभागीय दंडात्मक कार्रवाई की जाय।