भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर बोले, PM मोदी धोते हैं सफाईकर्मियों के पैर और उनकी पुलिस बरसाती है लाठियां
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जनज्वार। शनिवार 19 सितंबर को भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर नोएडा के सेक्टर-6 प्रधिकरण ऑफिस के सामने धरना दे रहे सफाई कर्मचारियों को समर्थन देने पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों के परिवारों के लोगों पर हद से ज्यादा ज्यादती हो रही है, जेल में बंद किए गए लोगों को तुरंत रिहा किया जाए। अगर उन्हें जल्द रिहा नहीं किया गया तो हजारों की संख्या में सफाई कर्मी यहां आकर जिला बंद कर देंगे।
नौकरी छूटने के बाद नोएडा के मोरना गांव की झुग्गी में रह रहे सफाई मजदूर अनिल कुमार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इसकी मौत पर चंद्रशेखर ने मांग की कि जिस सफाई कर्मचारी की मौत हुई है, उसके परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी और मुआवजा दिया जाए।
भीम आर्मी चीफ ने शासन-प्रशासन पर हमलावर होते हुए कहा, अधिकारियों को एसी से बाहर निकलकर काम करना होगा। 2022 में सत्ता में आने पर इन सभी अधिकारियों की जांच होगी और ये जेल में होंगे।
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर बोले, एक तरफ प्रधानमंत्री सफाईकर्मियों के पैर धोते हैं और दूसरी तरफ उन पर लाठियां बरसाई जा रही हैं। ये कैसी समानता है, अगर जल्द इन लोगों को इंसाफ नहीं मिला तो वो दोबारा आकर यहां आंदोलन करेंगे। ये आंदोलन देश स्तर का होगा।
गौरतलब है कि नोएडा विकास प्राधिकरण कार्यालय के पास उद्योग मार्ग पर करीब दो सप्ताह से सफाईकर्मी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर धरना दे रहे हैं। कल शुक्रवार 18 सितंबर को पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर उन्हें धरनास्थल से खदेड़ दिया था।
अपने हकों के लिये आवाज उठाने का अधिकार भारतीय सँविधान हमे देता है। मेरे परिवार के साथ हो रहे इस अन्याय को, मैं चुपचाप घर मे बैठकर नहीं देखूंगा। हक की इस आवाज को और मजबूत करने, मैं कुछ ही देर में धरना स्थल पर पहुँच रहा हूँ। जय भीम,जय भारत। https://t.co/n6OVXYmRUT
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) September 19, 2020
संविदा पर काम करने वाले यह सफाई कर्मचारी योगी सरकार से खुद को नियमित करने समेत कई अन्य मांगों को लेकर 2 सितंबर से ही नोएडा सेक्टर-6 स्थित प्राधिकरण ऑफिस के सामने धरना दे रहे हैं। तीन दिन पहले ही प्राधिकरण के निर्देश पर ठेकेदारों ने 11 सफाई कर्मचारी नेताओं को नौकरी से निकाल दिया था, ताकि इनकी आवाज को दबाया जा सके।
इस बात से नाराज होकर तीन कर्मचारी बुधवार 16 सितंबर से भूख हड़ताल पर बैठ गए थे। नौकरी से निकाले जाने से आहत होकर एक सफाई कर्मचारी ने गुरुवार 17 सितंबर को आत्महत्या कर ली थी। शुक्रवार 18 सितंबर को सफाई कर्मचारी दोबारा से धरना स्थल पर आए और उन्होंने विरोधस्वरूप जगह-जगह कूड़ा बिखेर दिया। इसके बाद पुलिस ने व्यवस्था बिगाड़ने पर लाठीचार्ज कर उन्हें धरनास्थल से खदेड़ दिया था।