गाजीपुर बॉर्डर में भाजपा-किसान समर्थकों की झड़प को लेकर बड़ी कार्रवाई, बीकेयू के 200 लोगों पर दर्ज हुई FIR
गाजीपुर बार्डर में बुधवार को हुए बवाल के बाद पुलिस ने 200 किसान नेताओं पर मुकदमा दर्ज किया है.
जनज्वार ब्यूरो। दिल्ली और यूपी की सीमा पर बसे गाज़ीपुर में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं और नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे आंदोलनकारी किसानों के बीच बुधवार को झड़प हुई थी। झड़प में दोनों पक्षों के कई लोग घायल हुए। इसपर बड़ी कार्यवाही करते हुए पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन (BKU) के 200 कार्यकर्ताओं पर एफआईआर दर्ज़ की है।
पुलिस ने यह एफआईआर (FIR) भाजपा नेता अमित बाल्मीकि की शिकायत पर दर्ज की है। जिनके स्वागत के दौरान ही यह हंगामा हुआ था। वाल्मीकि ने गाजियाबाद के कौशांबी पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दी और भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं पर उनके साथ मारपीट करने का आरोप लगाया। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने धारा 147/148/223/352/427 व 506 के तहत दर्ज की है।
पुलिस को दी शिकायत में भाजपा नेता का आरोप है कि उनके स्वागत समारोह के दौरान भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने गाड़ियों में तोड़फोड़ की और जातिसूचक शब्दों को इस्तेमाल किया। वहीं, किसान संगठनों ने इस मामले पर कहा कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 7 महीनों से चल रहे उनके शांतिपूर्ण आंदोलन को बदनाम करने के लिए भाजपा और आरएसएस (RSS) ने यह पूरी साजिश रची है।
प्रत्यक्षदर्शियों की अगर माने तो, हंगामा उस समय हुआ जब भाजपा कार्यकर्ता उस फ्लाईओवर से अपना जुलूस निकाल रहे थे जहां केन्द्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे आंदोलनकारी किसान नवंबर 2020 से धरने पर बैठे हुए हैं, जिनमें अधिकतर भारतीय किसान यूनियन (BKU) के समर्थक हैं।
गौरतलब है कि बुधवार 30 जून की दोपहर करीब 12 बजे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और दोनों पक्षों के बीच लाठी-डंडे चले, जिस वजह से कुछ लोग जख्मी हो गए। सोशल मीडिया पर वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं जिनमें कथित रूप से कुछ गाड़ियां क्षतिग्रस्त हालत में दिख रही हैं। ये गाड़ियां भाजपा नेता अमित वाल्मिकी के काफिले का हिस्सा थीं और वाल्मिकी के स्वागत के लिए ही जुलूस निकाला जा रहा था।
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने दावा किया कि गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने जिला प्रशासन और सरकारी अधिकारियों को सूचित किया था कि वे पार्टी कार्यकर्ताओं को हटाएं क्योंकि वे स्वागत रैली के नाम पर हंगामा कर रहे हैं।
जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि 'उन्होंने किसानों के साथ दुर्व्यवहार किया और एक साजिश के तहत खुद अपने वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। सरकार की यह साजिश कामयाब नहीं होने वाली है क्योंकि पहले भी किसानों के प्रदर्शन को खत्म करने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाए जा चुके हैं।'
बाजवा ने कहा, 'हम आज (बुधवार) की घटना को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जा रहे हैं, और अगर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो हम उसके हिसाब से अपनी भविष्य की रणनीति की योजना बनाएंगे। हम भाजपा द्वारा किए गए हंगामे की निंदा करते हैं। यह हथकंडे काम नहीं करेंगे, क्योंकि किसानों का आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से पिछले सात महीनों से चल रहा है और भविष्य में भी जारी रहेगा।'
वहीं दूसरी तरफ गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि अपने दल के झंडे लहराते हुए भाजपा कार्यकर्ता अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए किसानों से भिड़ गए।