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आंदोलन

लखनऊ में दलित महिला की झुग्गी कब्जाकर भाजपा ने बना लिया आफिस, अब मिल रही जान से मारने की धमकी

Janjwar Desk
19 Jun 2020 9:01 AM GMT
लखनऊ में दलित महिला की झुग्गी कब्जाकर भाजपा ने बना लिया आफिस, अब मिल रही जान से मारने की धमकी
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झुग्गी उजाड़कर भाजपा ने बना लिया अपना आफिस
पीड़ित पक्ष ने जब भाजपा नेता के खिलाफ थाने में दी लिखित शिकायत तो कानून की धज्जियां उड़ाने वालों के विरुद्ध कार्यवाही करने की बजाय फोर्स भेजकर पीड़िता की बहू, समधन और पड़ोसी को बस्ती में से गिरफ्तार कर थाने के लॉकअप में कर दिया बंद...

लखनऊ, जनज्वार। योगी राज में उत्तर प्रदेश में दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के ऊपर दमन तेज हुआ है। मुख्यमंत्री के नाक के नीचे लखनऊ के हरदासी खेड़ा में भाजपा के द्वारा गरीब मुन्नी देवी की झुगी कब्जा करके भाजपा ऑफिस बनाया गया जिसका मुन्नी देवी द्वारा विरोध किया गया।

मुन्नी देवी और उनका नाबालिक बेटे ने मिलकर भाजपा के झंडे बैनर को हटाया और पुलिस के पास इसकी शिकायत की, मगर पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की। उल्टा मुन्नी देवी को ही परेशान किया गया। पीड़ित परिवार के मुताबिक भाजपा नेत्री ज्योत्सना सिंह के इशारे पर पीड़ित परिवार को परेशान किया गया।

इस मामले में भाकपा (माले) के जिला प्रभारी और पार्टी की राज्य स्थाई समिति के सदस्य रमेश सिंह सेंगर इस मामले में बताते हैं, लखनऊ के चिनहट थाना क्षेत्र के ग्राम हर दासी खेड़ा की बंजर जमीन पर 15-20 वर्षों से कच्ची-पक्की झोपड़ियां बनाकर रह रहे दलित और अति पिछड़ी जाति के मजदूरों को उजाड़ा जा रहा है। यह भाजपा से जुड़े भूमाफिया और अपराधियों के गठजोड़ से किया जा रहा है। वह कहते हैं, थाना चिनहट पुलिस से सांठ-गांठ करके भूमाफिया और भाजपा नेता गरीबों की जमीन कब्जाने की कोशिश कर रहे हैं।


रमेश सिंह सेंगर आरोप लगाते हैं, भाजपा नेत्री ज्योत्सना सिंह इसके लिए पैसा पानी की तरह बहा रही हैं। 15 जून को भाजपा नेत्री ज्योत्सना सिंह, कमल यादव, गौतम कुमार राजपूत की अगुवाई में मजदूर बस्ती में रहने वाली मुन्नी देवी की अनुपस्थिति में उनके पति जगदीश को डरा-धमका कर उनकी झोपड़ी को उजाड़ कर वहाँ भाजपा कार्यालय बनाने के लिए सभा की गई, जिसमें शासन-प्रशासन के निर्देशों और कोरोना महामारी के खतरों से बचाव के सारे मापदंडों का खुलेआम उल्लंघन करते हुए करीब 50-60 भाजपाई कार्यकर्ताओं की भीड़ को इकट्ठा किया गया।

भाकपा (माले) की नेता स्थानीय कमेटी की सचिव मंजू गौतम की सहायता से मुन्नी देवी ने थाना चिनहट पुलिस के पास शिकायत की, मगर न तो पुलिस मौके पर पहुंची और न ही गैरकानूनी आयोजन पर रोक लगाई गयी।

15 जून की देर रात मुन्नी देवी ने आकर अपनी झोपड़ी में भाजपा के झंडे, बैनर और पोस्टर लगे देखा तो वह आग बबूला होकर अपने पति को खूब खरी खोटी सुनाई और अपने नाबालिग पुत्र के साथ मिलकर तीनों ने सारे झंडे, बैनर और पोस्टर निकाल दिये।

पीड़ित परिवार के मुताबिक 16 जून की इसकी सूचना मिलने पर भाजपा नेत्री ज्योत्सना सिंह के निर्देश पर कमल यादव और गौतम कुमार राजपूत मोटर साइकिल से आये और लाशें बिछा देने तथा बस्ती फूंक देने की धमकी देकर चले गए। मुन्नी देवी ने घटना की लिखित तहरीर थाना चिनहट में दी, लेकिन थाना चिनहट पुलिस ने कानून की धज्जियां उड़ाने वालों के विरुद्ध कार्यवाही करने की बजाय फोर्स भेजकर पीड़िता की बहू मीनू, समधिन नीलू और पड़ोसी मीना को बस्ती में से गिरफ्तार कर थाने के लॉकअप में बंद कर दिया और शांति भंग की एकतरफा कार्यवाही करते हुए उनका चालान कर दिया।

पीड़ित परिवार कहता है कि थाना प्रभारी और चौकी इंचार्ज कमता भाजपा नेत्री ज्योत्सना सिंह और कमल यादव, गौतम कुमार राजपूत आदि के साथ बैठकर मजदूरों के दमन की योजना बना रहे थे।

माले नेता के मुताबिक पुलिस लगातार मजदूर बस्ती में छापेमारी कर रही है और 70 वर्षीय जगत राम, मंजू गौतम के बड़े भाई जो घटना के दो दिन पहले बहराइच के अपने गाँव में पिता की तेरहवीं की तैयारी में गये हुए थे, समेत कई लोगों को देशद्रोही के आरोप में जेल भेजने की धमकी दे रही है।

भाकपा (माले) नेता सेंगर ने कहा कि कमल यादव एक शातिर दिमाग का अपराधी है और 2014 में सपा से जुड़े भूमाफियाओं के इशारे पर आपराधिक कार्यवाहियां संचालित करता था। उसी समय उसने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर मंजू गौतम की छोटी बहन भानुमती के ऊपर जान लेना हमला किया था, जिसका मुकदमा स्पेशल जज (एस सी/एस टी एक्ट) लखनऊ के यहाँ चल रहा है।

उन्होंने आशंका जतायी है कि भूमाफिया-अपराधी गिरोह से मंजू गौतम, उनके परिवार, और पार्टी कार्यकर्ताओं को जान माल का खतरा है।

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