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आंदोलन

बड़ी खबर : CM खट्टर की मौजूदगी में किसानों पर हुआ बर्बर लाठीचार्ज, दर्जनभर किसानों समेत कई पुलिसवाले घायल

Janjwar Desk
16 May 2021 11:43 AM GMT
बड़ी खबर : CM खट्टर की मौजूदगी में किसानों पर हुआ बर्बर लाठीचार्ज, दर्जनभर किसानों समेत कई पुलिसवाले  घायल
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पुलिस ने किसानों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, 12 से भी अधिक किसानों को गंभीर चोटें आयी हैं, इसमें दो किसानों के सिर पर भी चोट है...

मनोज ठाकुर की रिपोर्ट

जनज्वार ब्यूरो, चंडीगढ़। हिसार में एक बार फिर से पुलिस और किसान आमने सामने हैं। यहां हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर कोविड अस्पताल का उद्घाटन करने आए थे, किसान उनके दौरे का विरोध कर रहे थे। किसानों के विरोध को देखते हुए भारी संख्या में मौके पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। जिंदल चौक के पास किसान जैसे ही खट्टर के काफिले की ओर बढ़े तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। किसानों ने भी पुलिस पर पथराव किया। किसानों का आरोप है कि इस घटना के बाद से उनके कई साथी गायब हैं।

हालात बिगड़ते देख कर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। पुलिस के बढ़ते दबाव से किसान एक बार तो पीछे हट गए, लेकिन बाद में वह एक बार फिर से आगे बढ़े। इस बार पुलिस ने जबरदस्त लाठीचार्ज किया। पुलिस ने किसानों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। बताया जा रहा है कि 12 से अधिक किसानों को चोट आई है। इसमें दो किसानों के सिर पर चोट आई है।

विरोध प्रदर्शन में महिला किसान भी शामिल थीं। एक महिला किसान के सिर पर भी चोट आई है। किसानों ने बताया कि उनके कुछ साथियों का पता नहीं चल पा रहा है। या तो उन्हें पुलिस ने पकड़ लिया या फिर वह डर के मारे छुपे हुए हैं।

हिसार में कोविड अस्पताल बनाया गया है। सीएम को इसी अस्पताल का उद्घाटन करना था। तय कार्यक्रम के अनुसार सीएम खट्टर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे, जहां उनके विरोध में पहले ही किसान जमा थे। सीएम के आते ही किसानों ने नारेबाजी तेज कर दी। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने कोशिश की, लेकिन किसान कार्यक्रम स्थल की ओर बढ़ते चले गए। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया।

सीएम के कार्यक्रम का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया। स्थिति यह रही कि जहां भी पुलिस को किसान मिले, उन्हें वहीं जबरदस्त तरीके से लाठियों से मारा गया।

तीन कृषि कानूनों के विरोध में हरियाणा के किसानों ने ऐलान कर रखा है कि भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टी जेजेपी के नेताओं, विधायकों और मंत्रियों का बहिष्कार किया जाएगा। उन्हें गांवों में आने नहीं दिया जाएगा। उनके कार्यक्रम का विरोध किया जाएगा।

इससे पहले करनाल जो कि सीएम खट्टर का अपना विधानसभा क्षेत्र है, के जिले के गांव कैमला में जनवरी में सीएम के हेलीकॉप्टर को किसानों ने उतरने नहीं दिया था। यहां भी बड़ी संख्या में किसान एकजुट हो गए थे। इस गांव में सीएम मनोहर लाल एक सभा को संबोधित करने आए हुए थे।

शुक्रवार 14 मई को जेजेपी के शाहबाद मारकंडा के विधायक व हरियाणा शुगर फेड के चेयरमैन रामकुमार काला का भी उनके विधानसभा क्षेत्र के गांव यारा में किसानों ने जबरदस्त विरोध किया था। उनका घेराव कर गांव से वापस जाने पर मजबूर कर दिया था। इससे पहले जेजेपी के नेता व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का भी जिंद में जबरदस्त विरोध किया गया था।

इधर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि यह सरकार मतदाताओं के बीच अपना विश्वास खो चुकी है। लोगों के बीच में जाने की हिम्मत नहीं है, इसलिए कोरोना की आड़ में कार्यक्रम करने की कोशिश हो रही है। यह गलत है, क्योंकि एक तो महामारी का वक्त है, ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह पहले हालात में सुधार की ओर ध्यान दें। इस सरकार को किसानों व मतदाताओं ने खारिज कर दिया है।

इनेलो के नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि सीएम को चाहिए कि वह केंद्र से मिलकर सबसे पहले तीनों कृषि कानूनों को खत्म कराए, क्योंकि यह कानून खेती व किसानों के खिलाफ है। इसलिए सरकार को चाहिए कि यह कानून तुरंत वापस लिए जाए। इधर कई पुलिसकर्मियों के भी घायल होने की जानकारी मिली है। बताया जा रहा है कि कम से कम 15 पुलिसकर्मियों को चोट आई है।

इस घटना पर किसान नेता पवन श्योरान कहते हैं, किसान सिर्फ खट्टर का विरोध करने आए थे, उनका विरोध शांतिपूर्वक था, लेकिन पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया। उन्होंने कहा कि क्योंकि किसानों ने पहले ही बीजेपी और जेजेपी के कार्यक्रमों के विरोध का ऐलान कर रखा है। इस पर अमल करते हुए ही यह यह घेराव किया जाना था। किसान नेता राजेश चहल ने बताया कि चाहे उनकी जान चली जाए, लेकिन बीजेपी व जेजेपी के नेताओं,मंत्रियों व विधायकों का विरोध जारी रहेगा। यह विरोध तब तक चलेगा, जब तक कि तीनों कृषि कानून वापस नहीं हो जाते।

इस घटना के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि वे जल्द ही वहां पहुंचेंगे। हरियाणा में निहत्थे किसानों पर लाठीचार्ज दुर्भाग्यपूर्ण है। किसान डरने वाले नही हैं। गाजीपुर बॉर्डर से हिसार के निकल चुका हूँ। आंदोलनकारी का रास्ता लाठी, गोली नहीं रोक सकती है।

वहीं किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि हिसार में लाठीचार्ज के विरोध में दो घंटे के लिए हाइवे जाम करने का ऐलान किया है। उन्होंने ऐलान किया कि इसके लिए युवा किसान आगे आयें, लेकिन स्थानीय रोड को जाम न करने की अपील उन्होंने की है। इस दौरान एंबुलेंस, आक्सीजन व सेना, डॉक्टर आदि की गाड़ी को आने जाने दिया जाए। गुरनाम सिंह चढूनी हिसार पहंंच गए, उन्होंने बताया कि वह आइजी कार्यालय का घेराव करने जा रहे हैं। कल यानी सोमवार 17 मई को सभी पुलिस स्टेशनों का घेराव करने का ऐलान भी उन्होंने किया है।

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