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आंदोलन

4 किसान नेताओं को गोली मारने की थी तैयारी, आंदोलन में पकड़े गये साजिशकर्ता ने किया दावा

Janjwar Desk
23 Jan 2021 2:56 AM GMT
4 किसान नेताओं को गोली मारने की थी तैयारी, आंदोलन में पकड़े गये साजिशकर्ता ने किया दावा
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किसान नेताओं का दावा ट्रैक्टर रैली को हिंसक बनाने की थी साजिश, पकड़े गये युवा को किया दिल्ली पुलिस के हवाले

ट्रैक्टर रैली को हिंसक बनाने की साजिश का किया किसानों नें भंडाफोड़, पकड़े गये मास्टरमाइंड युवक का दावा 26 जनवरी की रैली में 4 किसान नेताओं को जान से मारने की थी तैयारी, दिल्ली पुलिस के एक एसएचओ का भी नाम आया सामने...

जनज्वार,नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को विरोध में किसानों के अंदोलन का आंदोलन पिछले 2 महीने से अनवरत जारी है। किसान 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च का ऐलान कर चुके हैं। मगर किसानों की इस शांतिपूर्ण रैली को हिंसक बनाने की पूरी तैयारियां एक्सपोज हो गयी हैं। किसान यूनियन ने दावा किया है कि ट्रैक्टर मार्च के दौरान चार किसान नेताओं को गोली मारने की साजिश भी रची गयी है।

कल 22 जनवरी की देर रात सिंघु बार्डर पर किसान यूनियन ने एक ऐसे युवक को पकड़ा है, जिसने दावा किया है कि 26 जनवरी को किसानों के ट्रेक्टर मार्च के दौरान हिंसा और चार नेताओं को गोली मारने की साजिश रची गई थी।

सोशल मीडिया पर किसान यूनियन जो वीडियो पोस्ट किया है उसमें नकाबपोश शख्स कहते सुनायी दे रहा है, 'हमारा प्लान यह था कि जैसे ही किसान ट्रैक्टर मार्च को लेकर दिल्ली के अंदर घुसने की कोशिश करेंगे तो दिल्ली पुलिस इन्हें रोकगी। इसके बाद हम पीछे से फायरिंग करेंगे, ताकि पुलिस को लगे की गोली किसानों की तरफ से चलाई गई हैं। रैली के दौरान कुछ लोग पुलिस की वर्दी में भी होंगे, ताकि किसानों को तितर बितर किया जा सके।

पकड़े गये शख्स का दावा है कि ट्रैक्टर मार्च के दौरान स्टेज पर मौजूद चार किसान नेताओं को गोली मारने का आर्डर है। इन नेताओं की फोटो भी मुहैया करा दी गई है। सबसे बड़ी बात कि पकड़े गये युवक ने इसमें दिल्ली पुलिस के एक एसएचओ को भी संलिप्त बताया है। पकड़े गये युवक के मुताबिक प्रदीप नाम का एक एसएचओ जो राई थाने का है और इनके पास अपना चेहरा कवर करके आता था। हम लोगों ने उसका बैज देखा था।

पकड़े गये साजिशकर्ता ने बताया, जिन चार नेताओं को शूट करने का आदेश था उनका नाम मुझे नहीं पता है। उसके मुंह से सच उगलवाने के बाद किसानों ने उसे दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया है, ताकि वह उससे पूछताछ कर साजिशकर्ताओं तक पहुंच सके।

गौरतलब है कि ट्रैक्टर मार्च निकालने को लेकर किसानों और पुलिस के बीच अभी सहमति नहीं बन पायी ळै। किसानों की तरफ से ट्रैक्टर मार्च पर हुई दिल्ली पुलिस के साथ बातचीत को लेकर एक बयान जारी किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा है, पुलिस अधिकारियों के साथ हुई बैठक में पुलिस की तरफ से एक रोडमैप किसान नेताओं के सामने रखा गया है, जिसपर हम विचार करेंगे और रविवार 24 जनवरी को जवाब देंगे।'

जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने किसानों के सामने दिल्ली के बाहर रैली करने का प्रस्ताव रखा है, लेकिन किसान संगठन इस मांग पर अड़े हुए हैं कि ट्रैक्टर मार्च दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर ही होगा। ट्रैक्टर मार्च को लेकर देशभर से लाखों किसान दिल्ली में पहुंचने शुरू भी हो चुके हैं।

सरकार 18 महीनों तक नये कृषि कानूनों पर रोक लगाने का प्रस्ताव किसानों के सामने रख चुकी है, मगर किसान कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि किसी भी हालत में हम कानून वापस कराये बिना नहीं मानेंगे। जब तक किसान कानून वापस नहीं लेगी हमारा आंदोलन जारी रहेगा।

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