Begin typing your search above and press return to search.
आंदोलन

रोजगार के लिए देशव्यापी आंदोलन की तैयारी में 113 संगठनों ने किया संयुक्त युवा मोर्चा का गठन, जून में दिल्ली में होगा राष्ट्रीय सम्मेलन

Janjwar Desk
5 April 2023 4:43 AM GMT
रोजगार के लिए देशव्यापी आंदोलन की तैयारी में 113 संगठनों ने किया संयुक्त युवा मोर्चा का गठन, जून में दिल्ली में होगा राष्ट्रीय सम्मेलन
x
बेरोजगारी के कारण आत्महत्या की खबरें बढ़ती जा रही है, हमारे देश के युवाओं को सरकार से एक 'भरोसा' चाहिए कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो...

Yuva Hallabol : किसान आंदोलन के बाद अब एक देशव्यापी युवा आंदोलन की तैयारी जोरों पर है। देशभर के 113 समूहों और संगठनों ने साथ आकर ‘संयुक्त युवा मोर्चा’ का गठन किया है। यह जानकारी युवा नेता अनुपम ने प्रेस वार्ता कर दिया। प्रेस वार्ता को मशहूर वकील प्रशांत भूषण और पूर्व आईपीएस रहे यशोवर्धन आजाद उत्तर प्रदेश से राजेश सचान, पंजाब के लवप्रीत सिंह और अमनदीप कौर, तमिलनाडु से डॉक्टर पी ज्योति कुमार, जम्मू कश्मीर से विंकल शर्मा ने भी संबोधित किया।

युवा नेता अनुपम के आमंत्रण पर सोमवार 3 अप्रैल को देश के 22 राज्यों से आए समूह और संगठन रोजगार के मसले पर दिल्ली में जुटे। बैठक में आए प्रतिनिधियों, युवा नेताओं और विभिन्न राज्यों के भर्ती समूह और रोजगार के मसले पर कार्य कर रहे संगठनों ने हिस्सा लिया। राजनीतिक हलकों में इस बैठक की चर्चा जोरों पर है।

कई राज्यों के भर्ती समूह जैसे बिहार शिक्षक अभ्यर्थी, मध्यप्रदेश शिक्षक अभ्यर्थी, उत्तरप्रदेश पुलिस अभ्यर्थी, कार्यपालक सहायक, सेना अभ्यर्थी, राजस्थान लाइब्रेरियन अभ्यर्थी, रेलवे अभ्यर्थी, आशा वर्कर्स, कंप्यूटर शिक्षक अभ्यर्थी, महिला कामगार संघ, बिहार उर्दू अनुवादक, लेखपाल, खुदाई खिदमतगार सहित तमिलनाडु, केरल, जम्मू कश्मीर पंजाब सहित 22 राज्यों के युवा समूहों ने एक साथ आकर बड़े आंदोलन की जमीन तैयार करने का फैसला किया। इसके अतिरिक्त इस मुहिम को देश के प्रसिद्ध वकीलों, अर्थशास्त्रियों, पूर्व नौकरशाहों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का समर्थन भी मिल रहा है।


बैठक में मशहूर वकील प्रशांत भूषण, जाने-माने अर्थशास्त्री संतोष मेहरोत्रा, सामाजिक कार्यकर्ता अखिलेंद्र प्रताप सहित जेपी सेनानी दिनेश कुमार समेत कई जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हुए थे।

अनुपम ने बैठक में पेश प्रस्ताव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज रोजगार युवाओं के लिए जीवन मरण का सवाल बन चुका है। बेरोजगारी के कारण आत्महत्या की खबरें बढ़ती जा रही है। हमारे देश के युवाओं को सरकार से एक ‘भरोसा’ चाहिए कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो। यह भरोसा भारत रोजगार संहिता है, जिसके लिए हमें सामूहिक रूप से संघर्ष करना होगा। जनता के बीच परिवर्तन की इस आशा को जगाने के लिए एक जन आंदोलन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा हम सिर्फ समस्या को लेकर हल्ला नहीं मचा रहे, बल्कि समाधान भी सुझा रहे हैं। उन्होंने मांगों को रेखांकित करते हुए कहा कि हर वयस्क को रोजगार का अधिकार हो।

21-60 आयु वर्ग के प्रत्येक वयस्क के लिए उनके निवास के 50 किलोमीटर के दायरे में बुनियादी न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करने के लिए एक कानूनी गारंटी हो और सार्वजनिक क्षेत्र में सभी रिक्त पदों को निष्पक्ष और समयबद्ध तरीके से भरा जाए। स्थायी प्रकृति की नौकरियों में बड़े पैमाने पर संविदाकरण को समाप्त किया जाए।

उन्होंने आगे कहा कि मोडानीकरण की नीति तुरंत बंद हो। मोडानीकरण अर्थात घाटे का राष्ट्रीयकरण और लाभ का निजीकरण बंद हो। इसने सामाजिक न्याय को बुरी तरह प्रभावित किया है। इसके कारण असमानता अत्यधिक हो गई है और नौकरियों का नुकसान हुआ है।

Next Story

विविध