लखीमपुर खीरी कांड की बरसी पर किसान संगठनों का PM मोदी के नाम ज्ञापन, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी और जेलों में बंद किसानों को रिहा करने की मांग
लखीमपुर खीरी कांड की बरसी पर किसान संगठनों का PM मोदी के नाम ज्ञापन, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी और जेलों में बंद किसानों को रिहा करने की मांग
Indore news : संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर संभाग आयुक्त कार्यालय एवं महू तहसील कार्यालय पर जिले के संयुक्त किसान मोर्चा के घटक किसान संगठनों के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। किसानों का कहना है कि लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता अजय मिश्र टेनी हैं, जिनको केंद्रीय गृह राज्यमंत्री पद से बर्खास्त करके मोदी सरकार निर्दोष किसानों की जेल से रिहा करे और उन पर लगाए झूठे केस वापस ले। गौरतलब है कि पिछले साल आज ही के दिन 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश में शांतिपूर्ण किसान आंदोलन कर वापस लौट रहे किसानों पर थार गाड़ी चढ़ा दी गयी थी।
इस घटना में 4 किसान और एक पत्रकार शहीद हो गए और 13 से अधिक किसान बुरी तरह घायल हुए। किसान संगठनों का आरोप है कि इस घटना के पीछे सुनियोजित षड्यंत्र था, जिसे बाहुबली अजय मिश्र टेनी ने अपने बेटे आशीष मिश्र टेनी के साथ मिलकर रचा था। देशभर में इस कृतय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ। शहीद किसानों के अंतिम संस्कार के दौरान किसान नेताओं के साथ सरकार का कुछ मांगों पर समझौता हुआ, लेकिन उन मांगों पर न तो केंद्र सरकार और न ही राज्य की योगी सरकार ने कोई ध्यान दिया।
किसान संगठनों का कहना है कि आज अजय मिश्र टेनी की किसानों के प्रति अपमानजनक और शत्रुता पूर्ण बयानबाजी जारी है। किसानों की शहादत पर आज 3 अक्टूबर को आयोजित धरना प्रदर्शन में किसानों ने अजय मिश्र टेनी को तत्काल मंत्रिमंडल से बर्खास्त करते हुए हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता के दोष के बतौर जेल भेजने की मांग की।
इसके अलावा जेल में बंद किसानों की तत्काल रिहाई और फर्जी केसों की वापसी भी उनकी मुख्य मांग थी। किसान नेताओं ने कहा कि शहीद किसानों और घायलों के परिवारों को आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी का वादा सरकार को पूरा करना चाहिए। सरकार के प्रतिनिधि अधिकारियों द्वारा दिए गए आश्वासन के अनुसार योगी सरकार ने प्रत्येक शहीद हुए 5 किसानों के परिजनों को 45 लाख रुपए मुआवजा तो दिया है, लेकिन परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी नहीं दी गई है। इसके अलावा सभी 13 घायलों को 10 लाख रुपए का मुआवजा नहीं दिया गया है।
किसान नेताओं का आरोप है कि संबंधित गवाहों पर जानलेवा हमले हुए और पैरवी कर रहे किसान नेताओं पर फर्जी मुकदमे थोपने और डराने धमकाने की साजिशें होती रही हैं। उक्त ज्ञापन प्रधानमंत्री के नाम अपर आयुक्त रजनीश श्रीवास्तव को संभाग आयुक्त कार्यालय पर आज 3 अक्टूबर की दोपहर 12:00 बजे सौंपा गया।
अपर आयुक्त रजनीश श्रीवास्तव द्वारा तत्काल ज्ञापन प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर भेजने का आश्वासन दिया गया। इसके बाद डॉक्टर अंबेडकर नगर महू में दोपहर 3:00 बजे तहसीलदार अभिषेक शर्मा को भी उक्त ज्ञापन किसान सभा के स्थानीय कार्यकर्ताओं द्वारा सौंपा गया। इसके अतिरिक्त स्थानीय किसानों की समस्याओं को लेकर भावांतर योजना में गड़बड़ी, किसानों की फसल के बाकी दाम दिलाये जाने, आदिवासियों के राजस्व एवं वन भूमि के कब्जों के वन अधिकार पत्र तथा पट्टे उन्हें सौंपे जाने की मांग भी की गयी। इसके अलावा वन अधिकारियों द्वारा अवैध रूप से आदिवासियों को कब्जों से बेदखल करने तथा उनकी फसलों को नष्ट करने तथा उनको खेती के औजार ट्रैक्टर मोटरसाइकिल आदि जब्त करने की अन्यायपूर्ण कार्रवाई करने वाले रेंजर और अन्य अधिकारी कर्मचारियों को तत्काल निलंबित करने की मांग भी की गई।
किसान नेताओं ने सरकार द्वारा जंगल भूमि और शहरी क्षेत्र की राजस्व भूमि को नीलाम करने की साजिश को मजदूर किसानों को गुलाम बनाने की ओर ले जाने की साजिश करार दिया। साथ ही चेतावनी दी कि जिला स्तर पर उपरोक्त सवालों को लेकर संघर्ष किया जायेगा।
आज आयोजित धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष अरुण चौहान, किसान संघर्ष समिति के मालवा निमाड़ के संयोजक रामस्वरूप मंत्री, अखिल भारतीय किसान सभा अजय भवन के रूद्रपाल यादव, किसान मजदूर सेना के साथ ही बबलू जाधव, मध्य प्रदेश किसान सभा जिला इंदौर के कार्य कारी अध्यक्ष काशीराम नायक, किसान सेना के लखन सिंह, आदिवासी एकता महासभा से मनोहर कटारे, धन सिंह सोलंकी, सुभाष कपूर, खेत मजदूर यूनियन से भेरूलाल मालवीय एवं सीताराम अहिरवार समेत दर्जनों लोग उपस्थित रहे।