लखीमपुर खीरी के किसानों की हत्या के विरोध में इंदौर में प्रदर्शन, कहा मोदी-योगी सरकार ने संवैधानिक मर्यादाओं को किया तार-तार
लखीमपुर खीरी के मृतक किसानों को न्याय दिलाने के लिए इंदौर में प्रदर्शन
Lakhimpur Kheri violence इंदौर, जनज्वार। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज 3 अक्टूबर को इंदौर में भी लखीमपुर की घटना के विरोध में विभिन्न किसान संगठनों और जन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने संभाग आयुक्त कार्यालय पर प्रभावी प्रदर्शन किया।
गौरतलब है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे ने लखीमपुर खीरी में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे किसानों पर स्कॉर्पियो जीप चढ़ा दी, जिसमें 8 से ज्यादा लोगों की मौत अब तक हो चुकी है।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि योगी और मोदी सरकार अपराधी को संरक्षण देने का काम कर रही है। इसके विरोध में आज देशभर में प्रदर्शन हो गए तथा राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर अजय मिश्रा को तत्काल बर्खास्त करने तथा उनके बेटे पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने लखीमपुर घटना की न्यायिक जांच कराने अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त करने और उनके बेटे पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांगों की लिखी हुई तख्तियां हाथों में लिए हुई थी। प्रदर्शनकारियों ने करीब 1 घंटे तक संभागायुक्त कार्यालय के समक्ष नारेबाजी भी की। प्रदर्शनकारियों को सर्वश्री अरुण चौहान हरिओम सूर्यवंशी, रामबाबू अग्रवाल, विनीत तिवारी,रामस्वरूप मंत्री, सोहनलाल शिंदे आदि ने संबोधित किया।
बाद में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन संभाग आयुक्त को दिया, जिसमें कहा गया है कि कल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश) में किसानों को रौंदकर दिनदहाड़े उनकी बर्बर हत्या करने की घटना से पूरा देश क्षुब्ध है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्र "टेनी" के बेटे और उसके गुंडे साथियों ने जिस बेखौफ तरीके से यह कातिलाना हमला किया वह उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार की एक गहरी साजिश दिखाता है। अजय मिश्र पहले ही किसानों के खिलाफ भड़काऊ और अपमानजनक भाषण देकर इस हमले की भूमिका बना चुके थे। यह संयोग नहीं कि उसी दिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सार्वजनिक तौर पर अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को किसानों के खिलाफ लट्ठ उठाने और हिंसा करने के लिए उकसा रहे हैं।
ज्ञापन में मांग की गई कि केंद्रीय राज्य गृह मंत्री अजय मिश्र टेनी को तुरंत अपने पद से बर्खास्त किया जाए और उनके विरुद्ध हिंसा उकसाने और सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने का मुकदमा दायर किया जाए।
मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा "मोनू" और उसके साथी गुंडों पर तुरंत 302 (हत्या) का मुकदमा दर्ज हो और उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाए। इस वारदात की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक एसआईटी द्वारा की जाये। संवैधानिक पद पर रहते हुए हिंसा के लिए उकसाने के दोषी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को उनके पद से बर्खास्त किया जाए।
प्रदर्शन में प्रमुख रूप से अरविंद पौरवाल, सोनू शर्मा राजू जरिया, लाखन सिंह पटेल, भरत सोलंकी, छेदीलाल यादव, मोहम्मद अली सिद्दीकी, खुर्शीद मंसूरी, रजनीश जैन, मुस्तफा बादशाह आदि शामिल थे।