मोदी सरकार खुलकर उड़ा रही है किसानों का मजाक, यूपी में किसान सोशलिस्ट सभा ने दी धरना-प्रदर्शन की चेतावनी
Lucknow news : राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे किसान आंदोलन और उसकी प्रमुख मांगों, न्यूनतम समर्थल मूल्य को कानूनी गारंटी के रूप में किसानों को उपलब्ध कराया जाए, को अपना सोशलिस्ट किसान सभा ने समर्थन दिया है। आज 29 फरवरी को शहीद स्मारक, लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में सोशलिस्ट किसान सभा के पदाधिकारियों ने कहा, पंजाब के शम्भू व खनौरी सीमाओं पर जिस तरह से किसानों को हरियाणा व केन्द्र की पुलिस व सुरक्षा बलों का सामना करना पड़ रहा है ऐसा प्रतीत होता है जैसे अपने ही देश में हमारी सरकार किसानों को अपना दुश्मन मानती है। नरेन्द्र मोदी ने देश में जिन चार जातियों को गिनाया है, उसमें किसान भी है और वे किसान सम्मान निधि भी देते हैं। फिर भी किसान उनसे नाराज क्यों है और उसके साथ ऐसे सौतेला व्यवहार क्यों?
हम नौजवान किसान शुभकरन सिंह की पुलिस की गोली से मौत व सुरक्षा बलों द्वारा पंजाब की सीमा में घुसकर किसानों के ट्रैक्टरों को तोड़ने की कार्यवाही की निंदा करते हैं। सरकार और उसके नुमाइंदे यह जान लें कि वे जिस किसान और उसके उपकरणों का अपमान कर रहे हैं, ये वे ही है जो पूरे देश को खिलाते हैं, जिसमें वे भी शामिल हैं।
पिछली बार 13 महीनों के लम्बे किसान आंदोलन के बाद सरकार ने तीन विवादास्पद कानून वापस लिए थे और वायदा किया था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी के रूप में देंगे, किंतु अब सरकार अपने वायदे से मुकर गई है। सरकार में जो लोग निर्णय ले सकते हैं वे वार्ता में ही शामिल नहीं हैं। कनिष्ठ लोग जो वार्ता कर रहे हैं वे कोई निर्णय नहीं ले सकते। यानी सरकार खुलकर किसानों का मखौल उड़ा रही है और किसान की मजबूरी है कि उसे सरकार से वार्ता करनी ही होगी।
सोशलिस्ट किसान सभा ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उसने किसानों की प्रमुख मांग को नहीं माना तो यूपी में जगह जगह प्रदर्शन शुरू कर दिए जाएंगे।