किसान आंदोलन को लेकर PM मोदी और उनके कृषि मंत्री झूठ बोल कर रहे भ्रम फैलाने की कोशिश
इंदौर, जनज्वार। किसानों के आंदोलन में भागीदारी करते हुए 38 से ज्यादा किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं की मौत हो चुकी है। लगातार यह आंकड़ा बढ़ रहा है। सरकार की नीति और नियत को देखते हुए हरियाणा के सिख संत राम सिंह जी ने खुद को गोली मारकर इस सरकार की नीतियों का विरोध किया है। इन सब शहीद किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए आज 20 दिसंबर की शाम गांधी प्रतिमा रीगल तिराहे इंदौर पर श्रद्धांजलि सभा हुई।
श्रद्धांजलि सभा में किसान संघर्ष समिति, किसान खेत मजदूर संगठन, अखिल भारतीय किसान सभा, एटक, सीटू, एचएमएस, अखिल भारतीय शांति एवं एकजुटता संगठन, महिला फेडरेशन, बैंक और बीमा कर्मी संगठन सहित विभिन्न किसान संगठनों और मजदूर संगठनों के नेताओं ने हिस्सेदारी की।
गौरतलब है कि 20 दिसंबर को अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा ने देश भर में शहीद हुए किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि देने के लिए श्रद्धांजलि सभा आयोजित करने का आव्हान किया था, जिसके तहत देशभर के एक लाख से ज्यादा गांवों कस्बों और जिलों में श्रद्धांजलि सभा के आयोजन हुए उसी के तहत इंदौर में भी आयोजन किया गया था।
श्रद्धांजलि सभा में बोलते हुए विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार अपने हट पड़ी हुई है और देश के लाखों लाख किसान जो 25 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं उनकी बात को अनसुनी करते हुए झूठ का सहारा ले रही है। प्रधानमंत्री से लेकर कृषि मंत्री तक केवल झूठ बोलकर इस आंदोलन को गलत साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू कर दी गई है। यदि ऐसा है तो फिर क्यों नहीं किसानों को लागत से जुड़े दाम मिल रहे हैं। आज भी समर्थन मूल्य के नीचे मंडियों में अनाज और अन्य सच बिक रही है। यह साबित करता है कि प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री दोनों झूठ का सहारा ले रहे हैं।
इंदौर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में सर्वश्री, कैलाश लिंबोदिया, रामस्वरूप मंत्री,अरविंद पोरवाल, रूद्र पाल यादव प्रमोद नामदेव, विनीत तिवारी, अजीत केतकर, सारिका श्रीवास्तव, अर्शी खान, एसके दुबे, राजेंद्र अटल, राजेश यादव, छेदी लाल यादव सहित विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार रखते हुए सभी शहीद किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा कहा कि इनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और इस झूठी सरकार को काले कानून वापस लेना ही होंगे।
श्रद्धांजलि सभा बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे। सभा के बाद सभी उपस्थित लोगों ने शहीद किसानों की तस्वीरों के समक्ष मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।