Begin typing your search above and press return to search.
आंदोलन

निजीकरण के खिलाफ "हम देश नहीं बिकने देंगे" मुहिम की शुरुआत : अनुपम

Janjwar Desk
8 March 2021 12:04 PM GMT
निजीकरण के खिलाफ हम देश नहीं बिकने देंगे मुहिम की शुरुआत : अनुपम
x

file photo

बैंक यूनियनों के संयुक्त मंच के प्रतिरोध कार्यक्रम का 'युवा हल्ला बोल' ने किया समर्थन, 9 मार्च को ट्विटर कैम्पेन और 15, 16 मार्च को देशभर के बैंकों में होगी हड़ताल

जनज्वार। रोज़गार के मुद्दे को राष्ट्रीय बहस में लाने वाले 'युवा हल्ला बोल' संयोजक अनुपम ने मुनाफा कमा रही सरकारी बैंकों को राजनीतिक स्वार्थ के लिए निजी हाथों में सौंपने की योजना का पुरजोर विरोध किया है। दशकों के खून पसीने और मेहनत से अर्जित राष्ट्रीय संपत्ति, सार्वजनिक उपक्रम और बैंकों को बेचकर कुछ बड़े पूंजीपतियों के हवाले करने की नीति के खिलाफ 'युवा हल्ला बोल' ने मुहिम छेड़ दी है।

अनुपम ने कहा कि बैंक यूनियनों के संयुक्त मंच द्वारा चलाये जा रहे प्रतिरोध कार्यक्रम का वो समर्थन करते हैं। यूनियनों ने तय किया है कि मंगलवार 9 मार्च को बैंक निजीकरण के खिलाफ ट्विटर अभियान चलाया जाएगा और 15 एवं 16 मार्च को देशभर के बैंकों में दो दिवसीय हड़ताल किया जाएगा।

अनुपम ने कहा कि वो उन बैंकरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं जो पिछले कई दशकों से भारत के विकास और समृद्धि की रीढ़ रहे हैं। मोदी सरकार द्वारा चंद पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से भारत के आर्थिक स्वालंबन पर किए जा रहे प्रहार से सिर्फ बैंककर्मी ही नहीं, बल्कि देश का हर नागरिक प्रभावित होगा। इतिहास गवाह है कि बड़े धन्नासेठों ने जब भी कर्ज़ लेकर पैसा वापिस नहीं किया और बैंक के डूबने की नौबत आई तो इन्हीं सरकारी बैंकों ने आम जनता के मेहनत की कमाई को बचाया है। सबसे ताज़ा उदाहरण यस बैंक का है जिसके खाताधारकों को एसबीआई के जरिये बचाया गया।

लेकिन सरकार की नीति और नीयत से स्पष्ट हो चुका है कि हमारी राष्ट्रीय संपत्ति और देश को आत्मनिर्भर बनाने वाले हर संस्थान को अपने पूंजीपति मित्रों के हाथ सौंपने की तैयारी है। इसलिए अब समय आ गया है कि सब एकजुट होकर बोलें: "हम देश नहीं बिकने देंगे।" दुर्भाग्य की बात ये है कि प्रधानमंत्री मोदी सत्ता में आये ही थे "मैं देश नहीं बिकने दूँगा" के नारे के साथ।

Next Story