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आंदोलन

निजीकरण के खिलाफ सरकारी बैंकों की 2 दिवसीय हड़ताल, जानिये किन सेवाओं पर पड़ेगा असर

Janjwar Desk
15 March 2021 5:14 AM GMT
निजीकरण के खिलाफ सरकारी बैंकों की 2 दिवसीय हड़ताल, जानिये किन सेवाओं पर पड़ेगा असर
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पहले तमाम सरकारी उपक्रमों का निजीकरण सरकारी बैंकों का विलय और अब बैंकों के निजीकरण की तरफ अग्रसर होती मोदी सरकार के खिलाफ 15 और 16 मार्च को देशभर के सरकार बैंककर्मियों ने हड़ताल का ऐलान किया है....

जनज्वार। मोदी सरकार लगातार एक के बाद एक सरकारी सेवाओं का निजीकरण करती जा रही है। निजीकरण को सही साबित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी घोषणा भी कर चुके हैं कि उनकी सरकार रणनीतिक क्षेत्र में कुछ सीमित संख्या में सरकारी उपक्रमों (पीएसयू) को छोड़कर बाकी सरकारी कंपनियों का निजीकरण करने के लिए प्रतिबद्ध है।

पीएम मोदी ने कहा कि सरकारी कंपनियों को केवल इसलिए नहीं चलाया जाना चाहिए कि वे विरासत में मिली हैं। पीएम मोदी ने कहा उनके कार्यकाल में तेल, गैस, हवाईअड्डा, बंदरगाह, बिजली सहित विभिन्न क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र की 100 संपत्तियों को बेचने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे 2.5 लाख करोड़ रुपये आएंगे। पहले तमाम सरकारी बैंकों का विलय और अब निजीकरण की तरफ अग्रसर होती मोदी सरकार के खिलाफ आज और कल यानी 15 और 16 मार्च को देशभर के सरकार बैंककर्मियों ने हड़ताल का ऐलान किया है।

सरकारी बैंकों की हड़ताल के कारण जमा और निकासी, चेक क्लीयरेंस और ऋण स्वीकृति जैसी सेवाओं के प्रभावित होने की संभावना जतायी जा रही है। हालांकि हड़ताल करने वालों में प्राइवेट बैंक शामिल नहीं हैं, इसलिए इस दौरान उनका कामकाज जारी रहेगा।

यह भी पढ़ें : देश विक्रेता की अपनी भूमिका को जायज ठहराते मोदी, सार्वजनिक क्षेत्र की 100 कंपनियां बेचने की घोषणा कर कहा व्यवसाय करना सरकार का काम नहीं

हड़ताल करने वाले सरकारी बैंकों की नौ यूनियनों के सम्मिलित संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंकिंग यूनियन के बयान के मुताबिक प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में बैंकों के लगभग 10 लाख कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल में भाग लेंगे। ऐसे में हड़ताल के कारण जमा और निकासी, चेक क्लीयरेंस और ऋण स्वीकृति जैसी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। राहत की बात है कि हड़ताल के दौरान प्राइवेट बैंकों में कामकाज जारी रहेगा।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) समेत कई अन्य सरकारी बैंक अपने ग्राहकों को पहले ही सूचित किया कर चुके हैं कि यदि हड़ताल होती है तो उनका सामान्य कामकाज शाखाओं और कार्यालयों में प्रभावित हो सकता है। बैंकों ने यह भी बताया कि वे बैंक शाखाओं और कार्यालयों के सुचारू संचालन के लिये आवश्यक कदम उठा रहे हैं।

गौरतलब है कि पिछले महीने पेश किये गये केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार के विनिवेश कार्यक्रम के तहत अगले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि 4, 9 और 10 मार्च को अतिरिक्त मुख्य श्रम आयुक्त के साथ हुई बैठकें बेनतीजा रही, इस​लिए हड़ताल होगी।

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