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आंदोलन

"दम है कितना दमन में तेरे, देख लिया है देखेंगे" के उद्घोष के साथ सड़कों पर उमड़ पड़ा जोशीमठ, प्रशासन के हाथ पांव फूले

Janjwar Desk
28 Jan 2023 4:59 AM GMT
दम है कितना दमन में तेरे, देख लिया है देखेंगे के उद्घोष के साथ सड़कों पर उमड़ पड़ा जोशीमठ, प्रशासन के हाथ पांव फूले
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"दम है कितना दमन में तेरे, देख लिया है देखेंगे" के उद्घोष के साथ सड़कों पर उमड़ पड़ा जोशीमठ, प्रशासन के हाथ पांव फूले

Save Joshimath : "सेव जोशीमठ" मुहिम के तहत ऐतिहासिक, धार्मिक और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण नगर जोशीमठ को बचाने को लेकर जोशीमठ की जनता एकजुट होकर सड़कों पर उतर आई, जहां हजारों की हजारों की संख्या में लोगों ने एनटीपीसी गो बैक, हेलंग-मारवाड़ी बाईपास बंद करो के नारों के साथ जोशीमठ के पुनर्वास, विस्थापन, घर-मकानों का मुआवजा देने के संकल्प के साथ लोग उन्हीं लोगों के नेतृत्व में सड़कों पर उतर कर अपनी ताकत दिखाई...

Joshimath Sinking : चमोली जिले के धंसते जोशीमठ शहर को बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा चुके भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी (माले) के शीर्ष नेता अतुल सती को भले ही सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार करने के अपने कुत्सित मंसूबों को अमलीजामा पहनाने की तैयारी कर रही हो, लेकिन जोशीमठ के लोग आंख मूंदकर जोशीमठ को बचाए जाने की इस मुहिम में अतुल सती के साथ हैं। शुक्रवार 27 जनवरी को जोशीमठ आपदा के लिए एनटीपीसी को जिम्मेदार मानते हुए सड़कों पर उतरे सैंकड़ों लोगों ने इसका सबूत दिया।

बता दें कि उत्तराखंड में चमोली जिले के जोशीमठ में भू-धंसाव के रूप में आई आपदा को लेकर जहां सरकार एनटीपीसी कंपनी को क्लीनचिट देते हुए दूसरे ही राग अलाप रही है तो जोशीमठ के सारे लोग भूधंसाव का कारण एनटीपीसी की टनल की खुदाई को मान रहे हैं। भाकपा माले नेता अतुल सती और इंद्रेश मैखुरी के कारण सांसत में आई राज्य सरकार जोशीमठ की यह आवाज बंद करने के लिए भाकपा माले के नेताओं पर गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज करने की फिराक में है, लेकिन राज्य सरकार की इस कुत्सित कोशिश के विरुद्ध जोशीमठ के लोग एनटीपीसी की टनल के विरोध में और विभिन्न मांगो को लेकर खुलकर सड़कों पर उतर आए।

जोशीमठ आपदा को लेकर जहां लोगों का गुस्सा सरकार के प्रति फूटता जा रहा है तो वहीं वह अतुल सती के नेतृत्व में सरकार की नाक में दम करने का दम भर रहे हैं। इसी के तहत शुक्रवार को बड़ी संख्या में लोग जोशीमठ संघर्ष समिति के बैनर तले नगर पालिका परिषद के सामने एकत्रित हुए। जहां आंदोलनकारियों ने शुक्रवार 27 जनवरी को एनटीपीसी और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताया।

"सेव जोशीमठ" मुहिम के तहत ऐतिहासिक, धार्मिक और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण नगर जोशीमठ को बचाने को लेकर जोशीमठ की जनता एकजुट होकर सड़कों पर उतर आई, जहां हजारों की हजारों की संख्या में लोगों ने एनटीपीसी गो बैक, हेलंग-मारवाड़ी बाईपास बंद करो के नारों के साथ जोशीमठ के पुनर्वास, विस्थापन, घर-मकानों का मुआवजा देने के संकल्प के साथ लोग उन्हीं लोगों के नेतृत्व में सड़कों पर उतर कर अपनी ताकत दिखाई, जिन्हें सरकार रासुका जैसे कानून में जेल भेजने के मंसूबे बना रही है।

पैनखंडा क्षेत्र के हजारों लोग सड़कों पर जोशीमठ नगर को बचाने की मांग को लेकर उतरे लोगों ने जोशीमठ भू-धंसाव के लिए जिम्मेदार कंपनी एनटीपीसी की तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना, हेलंग-मारवाड़ी बाईपास को बंद करने, जोशीमठ में भू-धंसाव पीड़ितों को तुरंत पुनर्वास एवं राहत पैकेज समेत जोशीमठ को फिर से स्थापित करने की मांग की। इस दौरान जोशीमठ नगर के साथ पूरे पैनखण्डा क्षेत्र की जनता ने जोशीमठ के पक्ष में अपनी एकता का प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के साथ सरकार, प्रशासन, एनटीपीसी को यह चेतावनी भी दी कि यदि जोशीमठ नगर के लोगों के साथ किसी प्रकार का अन्याय अगर होता है तो जनता सरकार का पुरजोर विरोध करेगी।

बता दें कि अभी तक जोशीमठ में 863 भवनों में दरारें दर्ज की गई हैं, जबकि 181 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित किया जा चुका है। वहीं होटल मलारी इन और माउंट व्यू के ध्वस्तीकरण का काम जारी है। साथ ही आपदा प्रभावित लोगों को शिविरों में रखा गया है। इसके साथ ही आपदा प्रभावितों के लिए फैब्रिकेटेड हट बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिकों ने आपदा के कारण जानने को लेकर अध्ययन भी किया है।

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