रामनगर में शहादत दिवस पर याद किये गये श्रीदेव सुमन, क्रूर राजा ने उनकी लाश को फिंकवा दिया था भिलंगना नदी में
Ramnagar news : नफरत नहीं रोजगार दो अभियान के अंतर्गत स्वतंत्रता सेनानी शहीद श्रीदेव सुमन के शहादत दिवस 25 जुलाई को विभिन्न जन संगठनों ने व्यापार मंडल भवन रामनगर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
किसान संघर्ष समिति के ललित उप्रेती के संचालन में हुई सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि श्रीदेव सुमन का नाम देश के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज है। त्याग और संघर्ष की मिसाल श्रीदेव सुमन से देशवासी बहुत कम परिचित हैं।
उन्होंने टिहरी जेल में दो बार आमरण अनशन किया। दूसरी बार 84 दिनों तक जेल के भीतर आमरण अनशन करते हुए श्रीदेव सुमन ने 25 जुलाई, 1944 को अपने प्राण त्याग दिये, परन्तु टिहरी के राजा के सामने हार नहीं मानी। क्रूर राजा ने उनके शव को बोरे में भरकर भिलंगना नदी में फिंकवा दिया था।
वक्ताओं ने कहा कि भाजपा सरकार जनता के लिए रोजी-रोटी, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य आवास का इंतजाम करने की जगह हिंदू मुसलमान के बीच फूट डालकर अपना फासीवादी शासन कायम रखना चाहती है। देश के अन्य हिस्सों के साथ पुरोला, कमलुवा गांजा व ग्राम कानियां आदि स्थानों में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ नफरत व हिंसा इसी का परिणाम है, जिसके खिलाफ जनता को एकजुट होकर संघर्ष करने और श्री देव सुमन से प्रेरणा लेने की जरूरत है।
सभा में फरीदाबाद में मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई यौन हिंसा का विरोध करने पर के दौरान इंकलाबी मजदूर केंद्र के कार्यकर्ताओं पर आरएसएस के गुंडों द्वारा किए गए जानलेवा हमले की भर्त्सना करते हुए सभी आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग भी की गई तथा "नफरत नहीं रोजगार दो अभियान" को और ज्यादा मजबूती के साथ आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया।
कार्यक्रम में समाजवादी लोक मंच के मुनीष कुमार, उपपा के लालमणि एवं किरण, इमके के रोहित रुहेला, महिला एकता मंच की ललिता रावत, विद्यावती आर्य, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की शीला शर्मा आदि ने विचार व्यक्त किए।