SSC आयु की गणना तिथि फिर से 1 जनवरी किये जाने की मांग को लेकर युवाओं का हल्लाबोल, अनुपम ने आयोग के चेयरमैन को लिखा पत्र
भारी वर्षा के बीच आज 1 मई को फिर से एसएससी में आयु की गणना की तिथि बदलने को लेकर आंदोलित छात्रों के समर्थन में युवा हल्ला बोल के राष्ट्रीय महासचिव प्रशांत कमल पहुंचे। छात्र लगातार तिथि बदलने की मांग करते हुए एससी चेयरमैन बाहर आओ के नारे लगा रहे थे। भारी बारिश के बावजूद एक भी छात्र वहां से नहीं हटे। प्रदर्शन स्थल से प्रशांत कमल उनके साथियों एडवोकेट आकाश विद्यार्थी, अमित प्रकाश, राकेश पाल सहित कुछ अन्य छात्रों को हिरासत में लेकर लोधी कॉलोनी थाने ले जाया गया।
प्रशांत कमल ने कहा कि एसएससी की यह संवेदनशीलता बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, आयु की गणना की तिथि को पुनः 1 जनवरी किया जाय। अगर ऐसा नहीं किया गया तो हजारों छात्र परीक्षा के अवसर से वंचित रह जायेंगे।
युवा हल्लाबोल के लीगल टीम से जुड़े आकाश विद्यार्थी ने कहा कि एक तरफ छात्रों की मांग नहीं मानी जा रही है, दूसरी तरफ उन्हें शांतिपूर्ण ढंग से बात रखने की भी आजादी नहीं देना सरासर अन्याय है।
बता दें कि हाल ही में कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा एसएससी सीजीएल 2023 (SSC CGL 2023) का विज्ञापन प्रकाशित किया गया गया है, और इसमें आयु की गणना दिनांक 1 अगस्त 2023 से की गयी है, इसके परिणामस्वरूप लाखों अभ्यर्थी जिनकी उम्र 1 जनवरी 1993 से 31 जुलाई 1993 के बीच पायी जाती है वो अपने अंतिम प्रयास से हमेशा के लिए वंचित रह जायेंगे, इसके अतिरिक्त जिन अभ्यर्थियों की उम्र 27 वर्ष है वो भी 27 वर्ष या इससे नीचे वाले पदों की पात्रता से बाहर हो जा रहे हैं ।
कर्मचारी चयन आयोग समय-समय पर आयु गणना की तिथि में संशोधन करता आया है। पिछले वर्षो जैसे 2012, 2015 और 2016 में भी आयु गणना की तिथि को अगस्त रखा गया था परन्तु, अभ्यर्थियों के अनुरोध को देखते हुए इसमें संशोधन किया गया और आयु गणना की तिथि को पुनः 1 जनवरी कर दिया गया था। ध्यान दें कि पिछले कुछ वर्षों में कोरोना वायरस के कारण लाखों परीक्षार्थियों के जीवन पर अत्यन्त प्रतिकूल असर पड़ा है।
इस सन्दर्भ में पीड़ित अभ्यर्थियों ने कर्मचारी चयन आयोग को हज़ारों पत्र स्पीड पोस्ट द्वारा भेजे, हजारों से भी ज्यादा शिकायतें प्रधानमंत्री ग्रीवांस पोर्टल एवं DoPT पोर्टल पर डाली गयी। युवा हल्ला बोल के अध्यक्ष अनुपम ने एसएससी को पत्र लिखकर तिथि परिवर्तित करने की मांग भी की है। लेकिन आयोग के तरफ से कोई जवाब नहीं आया। छात्रों की मांग है कि एसएससी के चेयर मैन उनसे मिलकर उनकी पीड़ा को समझे और तिथि फिर से 1 जनवरी किया जाय।