रिहाई मंच अध्यक्ष की गिरफ्तारी की होने लगी है कड़ी निंदा, माले ने कहा निर्दोष मुस्लिम नौजवानों की पैरवी के कारण हैं मोहम्मद शोएब सत्ता के निशाने पर
रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने धर्मांतरण के नाम पर यूपी में हो रहीं गिरफ्तारियों के लिए योगी सरकार को किया कठघरे में खड़ा (file photo)
Human Rights group 'Rihai Manch' founder, activist Mohammed Shoaib arrest : भाकपा (माले) ने जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता रिहाई मंच अध्यक्ष मोण् शोएब को यहां अमीनाबाद थानाक्षेत्र स्थित उनके घर से रविवार 7 मई की सुबह गिरफ्तार करने की कड़ी निंदा की है।
पार्टी राज्य सचिव सुधाकर यादव का कहना है, 75 वर्षीय अधिवक्ता मोहम्मद शोएब ने पहले भी फर्जी आरोपों में जेल भेजे गए कई मुस्लिम नौजवानों की पैरवी कर कोर्ट से उनकी रिहाई कराई थी, इस कारण वे सत्ता के निशाने पर रहे हैं। नागरिकता.विरोधी आंदोलन के दौरान योगी सरकार ने उन्हें जेल भेजा था और अदालती हस्तक्षेप से वे रिहा हुए थे। परिजनों के अनुसार संबंधित थाने की पुलिस पुनः उनकी गिरफ्तारी से इनकार कर रही है। ऐसे में वरिष्ठ व बीमार अधिवक्ता को किस मामले में गिरफ्तार किया गया है और कहां रखा गया है, उनकी पत्नी द्वारा इसकी जानकारी अर्जी देकर मांगने पर भी पुलिस द्वारा नहीं दिया जाना मानवाधिकारों का उल्लंघन है। उन्हें फौरन रिहा किया जाए।
वहीं रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शोएब की गिरफ्तारी को युवा शक्ति संगठन के संयोजक गौरव सिंह ने अन्यायपूर्ण और अलोकतांत्रिक बताया है। वह कहते हैं, उत्तर प्रदेश एटीएस द्वारा 76 वर्षीय बुजुर्ग मानवाधिकार कार्यकर्ता को पीएफआई से जुड़े होने के संदेह के आधार पर पुलिस द्वारा आज सुबह उनके निवास अमीनाबाद लखनऊ से गिरफ्तार करने की सूचना स्तब्ध करनेवाली है।
मोहम्मद शोएब स्वास्थ चुनौतियों से जूझ रहे हैं ऐसी स्थिति में उन्हें पुलिस द्वारा हिरासत में लेना और परिवार को कोई भी सूचना अभी तक नहीं देना यह दिखाता है कि प्रशासन किस तरह की क्रूरता समाजवादी विचारधारा के बुजुर्ग के साथ कर रहा है, हमारी स्पष्ट मांग है कि जल्द से जल्द मोहम्मद शोएब को रिहा किया जाए।