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आंदोलन

फिर उठा एयरपोर्ट के नाम पर किसानों की जमीन छीने जाने का मुद्दा, किसान नेताओं ने उठायी आवाज

Janjwar Desk
2 Sept 2025 1:26 PM IST
फिर उठा एयरपोर्ट के नाम पर किसानों की जमीन छीने जाने का मुद्दा, किसान नेताओं ने उठायी आवाज
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file photo

Azamgarh news : आजमगढ़ समेत देश का किसान अपनी जमीन नहीं देना चाहता है और बिना किसानों की सहमति के जमीन नहीं ली जा सकती है। सूचना में आ रहा है कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। जनता की महत्वाकांक्षा ही लोकतंत्र में सरकार की महत्वाकांक्षा होती है और इस सवाल को लेकर राज्यसभा, लोकसभा , विधानसभा उत्तर प्रदेश में जनप्रतिनिधियों ने किसानों के पक्ष में सवाल उठाया है।

आजमगढ़। एयरपोर्ट के नाम पर किसानों की जमीन छीने जाने के मुद्दे पर आजमगढ़ स्थित निजामाबाद ब्लॉक के बथुआपार में बैठक आयोजित हुई। किसानों ने कहा कि एयरपोर्ट के नाम पर बार-बार किसानों की जमीन छीनने की कोशिश करने वाली सरकार को यह समझ लेना चाहिए कि इस जमीन के मालिक किसान हैं, और यह देश किसानों का है जिस तरह से पिछले दिनों खबरें आईं, किसान डरने वाले नहीं हैं।

किसानों ने मांग की कि जो कर्मचारी अधिकारी सर्वे के बारे में बयान जारी कर रहे हैं उनके खिलाफ सरकार कार्रवाई करे। भूमि अधिग्रहण कानून के मुताबिक ग्रामीणों से वार्ता और जमीनी सर्वे के बगैर जिस तरह से कभी कहा जाता है कि दो नक्शे बन गए, कभी कहा जाता है छह गांव इधर के जाएंगे, छह गांव उधर के जाएंगे, इस तरह की अफवाहों से अगर किसी ग्रामीण के जीवन पर कोई संकट आएगा तो उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।

गौरतलब है कि अक्टूबर 2022 में पुलिस के बल पर जब सर्वे करने की कोशिश की गई और जनवरी 2023 में जब जिलाधिकारी आजमगढ़ ने कहा कि हम परियोजना स्थगित कर रहे हैं तो ग्रामीणों ने मांग की थी ​कि लिखित में दिया जाए तो प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि उनके पास लिखित नहीं है। लोकसभा में सांसद दरोगा प्रसाद सरोज के सवाल के जवाब में भारत सरकार के मंत्री ने कहा कि उनके पास मन्दुरी एयरपोर्ट का कोई प्रस्ताव नहीं है। ऐसे में होना तो यह चाहिए था कि जिलाधिकारी समेत सभी प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई, लेकिन फिर से जिस तरह से एयरपोर्ट विस्तारीकरण की खबरें में आ रही हैं।

ऐसे में किसानों की मांग है कि सरकार बताए किसने एयरपोर्ट विस्तारीकरण की मांग की। किसान नेता कहते हैं, सच्चाई यह है कि आजमगढ़ समेत देश का किसान अपनी जमीन नहीं देना चाहता है और बिना किसानों की सहमति के जमीन नहीं ली जा सकती है। सूचना में आ रहा है कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। जनता की महत्वाकांक्षा ही लोकतंत्र में सरकार की महत्वाकांक्षा होती है और इस सवाल को लेकर राज्यसभा, लोकसभा , विधानसभा उत्तर प्रदेश में जनप्रतिनिधियों ने किसानों के पक्ष में सवाल उठाया है। ऐसे में हम मांग करते हैं कि सरकार किसी भी तरह के विस्तारीकरण की योजना को आगे बढ़ाने की कोशिश ना करें क्योंकि किसान अपनी जमीन नहीं देंगे, किसानों का संकल्प है जान दे देंगे, जमीन नहीं देंगे।

किसान एकता समिति द्वारा किसानों के साथ बैठक की गई, जिसकी अध्यक्षता विनोद कुमार यादव संचालन महेन्द्र यादव ने किया। बैठक को रामसम्हार प्रजापति, प्रकाश रंजन राय , सुबाश यादव , साहबलाल, दिनेश यादव, नन्दलाल, उपेन्द्रनाथ, रमायन, हरेन्द्र, महादेव यादव और किसान नेता राजीव यादव ने संबोधित किया। इस मौके पर बलिराम, विनोद यादव, कैलाश यादव, सहेबदीन, अवधेश यादव, विरेन्द्र विश्वकर्मा, सुरेश यादव एवं गांव के दर्जनों किसान उपस्थित रहे।

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