निज़ामाबाद की सड़कों को बनवाने के लिए जनता ने लगाये लापता सांसद-विधायक, रोड नहीं तो वोट नहीं के बाद नकारा सांसद-विधायक लिखे बैनर

निजामाबाद। आजमगढ़ के निज़ामाबाद की जर्ज़र सड़कों को बनवाने की मांग तेज होती जा रही है। किसान नेता राजीव यादव ने लापता सांसद-विधायक, रोड नहीं तो वोट नहीं के बाद लाहीडीह बाजार में नकारा सांसद-विधायक लिखे बैनरों का स्वागत करते हुए इसे जनता की चेतावनी करार दिया।
सोशलिस्ट किसान सभा महासचिव राजीव यादव ने कहा कि निजामाबाद की सड़कों को बनवाने के लिए पिछले दिनों हुई पदयात्रा के बाद पैदा हुई जन चेतना से जन प्रतिनिधियों को सम्बोधित बैनर इस बात की गवाही हैं कि जनता की बात विधायक, सांसद, एमएलसी नहीं सुन रहे हैं। सालों से झूठ बोल रहे जनप्रतिधि झूठ बोल रहे हैं कि सड़क बनने वाली है। राजीव ने बताया कि पिछले दिनों मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग, आजमगढ़ से मुलाक़ात की तो उन्होंने बताया कि शासन द्वारा कोई बजट स्वीकृत नहीं है और उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि प्रस्ताव भेजें तो सडद्वक का निर्माण शीघ्र होगा।
इससे स्पष्ट है कि जब बजट स्वीकृत नहीं तो कैसे सड़क का निर्माण होगा और जनप्रतिनिधि प्रस्ताव तक नहीं भेजे हैं। पिछले साल भी जब निज़ामाबाद की जर्ज़र सड़कों के निर्माण के सवाल पर सड़क सम्पर्क संवाद किया गया तो कहा जाने लगा की कार्ययोजना भेज दी गई है, जल्द टेंडर और कार्रवाइयाँ की जाएंगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
14 से 17 अगस्त की मुड़ियार से लाहीडीह होते हुए मिर्जापुर, शिवली से रानीपुर, बेगपुर होते हुए निजामाबाद और कबीर आश्रम त्रिमूहानी की पदयात्रा के बाद, जब ऐलान किया गया कि रोड नहीं बनी तो भीख यात्रा निकाली जाएगी तब मुख्यमंत्री द्वारा लोक निर्माण विभाग से प्रस्ताव मांगा गया। जिस पर लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियन्ता ने आगणन रिपोर्ट बनाकर शासन को भेज दिया है और कहा कि शासन से बजट मिलने के बाद निर्माण कार्य शुरु कर दिया जाएगा।
जर्ज़र सड़कों को सही करवाने की मांग को लेकर जनता का आक्रोश बढ़ता जा रहा है, जिसे जनप्रतिनिधियों के खिलाफ लग रहे बैनरों से देखा जा सकता है। और यही नहीं लोग अपने घरों पर भी बैनर लगा रहे हैं। लाहीडीह बाजार में तो जनप्रतिधियों ने जनता और मीडिया के सवालों का जवाब भी सही से नहीं दिया। निजामाबाद की सड़क बनवाने की मांग जन आंदोलन बन गई है। जल्द से जल्द सड़क निर्माण कराया जाए नहीं तो जन भीख यात्रा निकाली जाएगी। ये भीख यात्रा सवाल करेगी कि विधायक निधि, सांसद निधि और सरकार के ख़ज़ाने में क्या निज़ामाबाद की जनता के बेहतरी के लिए पैसा नहीं रह गया है। क्या जनता जो टैक्स देती है, उसे बेहतर रोड पर चलने का अधिकार नहीं है।





