Farmer protest : खाप पंचायतों को समझाने पहुँचे केंद्रीय मंत्री को करना पड़ा भारी विरोध का सामना, ग्रामीणों ने रास्ता रोक बैरंग किया वापस
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जनज्वार, नई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों को लेकर भाजपा की योजनाओं पर किसानों का गुस्सा भारी पड़ रहा है। सरकार के दिशा—निर्देशों के बाद नए कृषि कानूनों के फायदे बताने पहुंचे केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को रविवार 21 फरवरी को शामली में भारी विरोध का सामना करना पड़ा।
शामली के भैंसवाल में संजीव बालियान और बीजेपी के खिलाफ जमकर नारेबाजी देखने को मिली। ग्रामीणों ने मंत्री के काफिले के आगे ट्रैक्टर सटाकर उनको गांव में घुसने से रोक दिया। विरोध के कारण मंत्री का काफिला गांव से लौट गया।
दरअसल किसान आंदोलन के बाद सरकार के माथे पर आ रहीं चिंता की लकीरों को समेटने के लिए स्थानीय नेताओं और मंत्रियों को कमान सौंपी गई है, कि वह गाँव-गाँव जाकर लोगों को ऊरोसे में लें। इसी योजना के तहत रविवार 21 फरवरी को शामली पहुँचे केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान सहित विधायक उमेश मलिक, राज्य मंत्री भूपेंद्र सिंह समेत कई बीजेपी नेताओं को ग्रामीणों और खाप नेताओं के विरोध का भारी सामना करना पड़ा।
यह नेता अपने काफिले के साथ खाप चौधरियों से मिलने के लिए पहुंचे थे। सबसे पहले गांव लिसाढ़ में मंत्रियों ने मलिक गठवाला खाप के चौधरी बाबा राजेंद्र सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की। इस दौरान बीजेपी के सभी नेताओं को किसानों की खरी-खोटी सुननी पड़ी।
शामली के लिसाढ़ से चला काफिला भैंसवाल गांव पहुंचा, जहां काफिले के आगे ट्रैक्टर सटाकर गांव में घुसने का विरोध किया। इतना ही नहीं जब बालियान का काफिला गांव जा रहा था तो ग्रामीणों ने विरोध करते हुए जयंत चौधरी जिंदाबाद, किसान एकता जिंदाबाद के नारे लगाए।
केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान की अगुवाई में बीजेपी नेताओं को खाप चौधरी बाबा संजय कालखड़े, गठवाला खाप के बाबा हरिकिशन, बुडीना खाप चौधरी बाबा सचिन व निर्वाल खाप के चौघरी बाबा धर्मवीर सिंह निर्वाल से मुलाकात करनी थी। खाप चौधरियों ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया और वह गाजीपुर बॉर्डर के लिए रवाना हो गए।
बुडीना के खाप चौधरी बाबा सचिन ने कहा कि मंत्रियों के मिलने की बात सामने आ रही है, लेकिन हमारा यह कहना है कि कोई भी सत्तापक्ष का मंत्री हमसे मिलने की कोशिश न करे। अगर कोई बात करनी भी है, वे संयुक्त किसान मोर्चा से बात करे, हम किसानों के साथ ही रहेंगे। इस दौरान केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि 10 लोगों के बोलने से मैं मुर्दाबाद नहीं हो जाऊंगा. ग्रामीणों का कड़ा विरोध देखते हुए बीजेपी नेताओं का काफिला लौट गया। गौरतलब है कि यह वही गांव है, जहां पर 5 फरवरी को राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने महापंचायत की थी।
इस बीच किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सवित मलिक ने एक वीडियो संदेश जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि अब बीजेपी का गांव-गांव में भी विरोध होना शुरू हो गया है। ऐसे में बीजेपी को अब समझ लेना चाहिए कि वह कृषि कानूनों में केंद्र सरकार के नेतृत्व में मीटिंग कर जल्द निर्णय लेने का काम करे, वरना गांव में ऐसे ही बीजेपी का विरोध होता रहेगा।
गौरतलब है कि पिछले 3 महीनों से दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन की अगुवाई राकेश टिकैत कर रहे हैं। 28 जनवरी को राकेश टिकैत के आंसू के बाद पूरे जाटलैंड में फिजा बदली हुई है और हर कोई कृषि कानूनों का विरोध कर रहा है।