Begin typing your search above and press return to search.
आंदोलन

'चुनावी ड्यूटी में लगे शिक्षकों की कोरोना से मौतों के लिए योगी सरकार जिम्मेदार, छुपाने की जगह लोगों की जान बचाने पर दे ध्यान'

Janjwar Desk
30 April 2021 8:08 PM IST
चुनावी ड्यूटी में लगे शिक्षकों की कोरोना से मौतों के लिए योगी सरकार जिम्मेदार, छुपाने की जगह लोगों की जान बचाने पर दे ध्यान
x

गाजीपुर के छात्रों ने योगी को खून से लिखा पत्र भेजा (file photo)

UP में ऑक्सीजन और बेड को लेकर पूरे प्रदेश में जो त्राहिमाम मचा है और श्मशान घाटों के आंकड़े जो गवाही दे रहे हैं, योगी सरकार द्वारा लाख इनकार व छुपाने की कोशिश के बावजूद खुद उसी के सांसद-विधायक इसे उजागर कर रहे हैं...

लखनऊ, जनज्वार। भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमित होकर बड़ी संख्या में शिक्षकों व कर्मियों द्वारा जानें गंवाने पर गहरा शोक व चिंता प्रकट की है। पार्टी ने इन मौतों के लिए योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। परिजनों को 50-50 लाख रुपये मुआवजा व परिवार के एक-एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है।

राज्य सचिव सुधाकर यादव ने शुक्रवार 30 अप्रैल को एक बयान में कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में पंचायत चुनाव कराने का सरकार का फैसला देखकर मक्खी निगलने जैसा था। पंचायत चुनाव ने संक्रमण को गांव-गांव फैला दिया। दूरदराज के इलाके भी महामारी की चपेट में आ गए हैं।

राज्य सचिव ने नौगढ़ (चंदौली) की सीमा से लगे सोनभद्र की राबर्ट्सगंज तहसील के नागनार हर्रैया गांव का गुरुवार 29 अप्रैल को दौरा कर बताया कि वहां 10 दिन के अन्दर 6 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। दलितों-आदिवासियों के बीच कोई घर ऐसा नहीं है जिसमें एक या दो लोग बीमार न हों। जिला प्रशासन की निगाह से उपेक्षित पूरे इलाके में त्राहि-त्राहि मची हुई है। न तो प्रशिक्षित डॉक्टर हैं और न ही दवा का कोई इंतजाम। सरकार के एजेंडे में भी गांव नहीं है।

कामरेड सुधाकर ने कहा कि उपरोक्त स्थिति केवल सोनभद्र के गांव की ही नहीं है, बल्कि कमोबेश हर जिले की है, क्योंकि कोरोना ने गांवों में अपने पैर तेजी से पसार दिये हैं। सरकार ने एक तो कोरोना की दूसरी लहर से निपटने की पूर्व की तैयारियों को लेकर आपराधिक लापरवाही का परिचय दिया, वहीं इसी बीच पंचायत चुनाव कराकर बीमारी को कई गुना फैला दिया।

माले ने कहा कि सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए सच पर पर्दा डालने और गला दबाने का काम कर रही है। अमेठी में गंभीर रूप से बीमार अपने बुजुर्ग नाना के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर दिलाने की गुहार सोशल मीडिया (ट्विटर) पर लगाने वाले नौजवान को सिलेंडर दिलाने के बजाय पुलिस ने योगी सरकार के इशारे पर आपराधिक मुकदमा कायम कर दिया। सरकार की इस कार्रवाई पर अमेठी की सांसद व केंद्रीय मंत्री भी मूकदर्शक बनी रहीं। ऑक्सीजन न मिलने से बुजुर्ग की मौत भी हो गई। जान बचाने की मदद मांगने पर मुकदमा दर्ज करना योगी सरकारी संवेदनहीनता व अमानवीयता की पराकाष्ठा और दमनकारी कार्रवाई है। इस मुकदमे को फौरन रद्द कर पुलिस पीड़ित परिवार से माफी मांगे।

राज्य सचिव ने कहा कि ऑक्सीजन और बेड को लेकर पूरे प्रदेश में जो त्राहिमाम मचा है और श्मशान घाटों के आंकड़े जो गवाही दे रहे हैं, सरकार द्वारा लाख इनकार व छुपाने की कोशिश के बावजूद खुद उसी के सांसद-विधायक इसे उजागर कर रहे हैं। तस्वीरें भी गवाह हैं।

रेमडेसिविर इंजेक्शन व अन्य दवाओं की कालाबाजारी करते कई पकड़े जा रहे हैं। यदि जीवन रक्षक दवाओं और ऑक्सीजन की उपलब्धता पर्याप्त होती, तो विदेशों से मदद लेने और 16 साल बाद विदेशी मदद स्वीकार करने को लेकर विदेश नीति में बदलाव का उच्च स्तर पर बचाव करने की नौबत नहीं आती। न ही राज्य स्तर पर गठित 11 सदस्यीय कोविड टीम को भंग करने की जरुरत आन पड़ती। लिहाजा सरकार पर्दादारी करने की जगह लोगों की जान बचाने पर ध्यान केंद्रित करे।

Next Story

विविध