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आंदोलन

लखनऊ के पुराने चौक स्थित फूलमंडी पर चला योगी का बुल्डोजर, 120 परिवारों की छिन गयी रोजी-रोटी

Janjwar Desk
28 July 2024 5:54 AM GMT
लखनऊ के पुराने चौक स्थित फूलमंडी पर चला योगी का बुल्डोजर, 120 परिवारों की छिन गयी रोजी-रोटी
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फूलमंडी से जिन लोगों को उजाड़ा गया है उनको गोमती नगर के विभूति खंड में अपना कारोबार ले जाने के लिए प्रशासन की ओर से कहा जा रहा है, यह चौक की तुलना में लखनऊ के दूसरे छोर पर है और कारोबारियों के अनुसार वहां इतनी कम जगह है कि उजाड़ी गई 120 दुकानों का कारोबार नहीं चल सकता, प्रशासन पुनर्वास के नाम पर खानापूर्ति कर रहा है.....

Lucknow news : यूपी में बुल्डोजर योगीराज का दूसरा पर्याय बन चुका है। अकबरनगर उजाड़े जाने के बाद अब राजधानी लखनऊ में चौक इलाके की सबसे बड़ी फूल मंडी पर 25 जुलाई को योगी का बुलडोजर चल गया। इस कार्रवाई का बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है। भाकपा (माले) ने भी राजधानी लखनऊ के चौक स्थित प्रदेश की सबसे बड़ी फूल मंडी पर बुलडोजर चलाने की कड़ी निंदा की है। पार्टी ने कहा है कि लखनऊ के अकबरनगर में गरीबों के आशियाने पर बुलडोजर चलाने के बाद चौक में गरीबों की आजीविका पर बुलडोजर चलाना लोकसभा चुनाव के जनादेश की लगातार हो रही अनदेखी है।

भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि अकबरनगर में मनमाने तरीके से बुलडोजर चलाकर 1300 से अधिक परिवारों को उजाड़ दिया गया, वहीं फूलमंडी पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर 120 पारिवारों की आजीविका छीन ली गई। उन्हें बिना उचित पुनर्वास के उजाड़ा गया। कोई मुआवजा भी नहीं दिया गया। फूलमंडी दशकों से लग रही थी। यह सरासर अनुचित और अमानवीय कार्रवाई है। यह प्रदेश में विनाशकारी बुलडोजर राज के और विकराल होने का संकेत है।

माले नेता ने कहा कि प्रभावितों को गोमती नगर के विभूति खंड में अपना कारोबार ले जाने के लिए प्रशासन की ओर से कहा जा रहा है। यह चौक की तुलना में लखनऊ के दूसरे छोर पर है और कारोबारियों के अनुसार वहां इतनी कम जगह है कि उजाड़ी गई 120 दुकानों का कारोबार नहीं चल सकता। प्रशासन पुनर्वास के नाम पर खानापूर्ति कर रहा है। अकबरनगर वालों के साथ भी ऐसा ही बर्ताव किया गया।

राज्य सचिव ने कहा कि जिस पैमाने पर बुलडोजर चलाकर गरीबों को आवास व आजीविका से बेदखल किया जा रहा है, उससे अलग योगी सरकार के गरीब-विरोधी व अलोकतांत्रिक होने के किसी प्रमाण की जरुरत नहीं है। इसके खिलाफ बड़ा जनप्रतिवाद संगठित करना समय की मांग है।

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