महाराष्ट्र विधानसभा में हंगामा करने के आरोप में बीजेपी के 12 विधायक एक साल के लिए निलंबित
(महाराष्ट्र के भाजपा के 12 विधायक एक साल के लिए निलंबित)
महाराष्ट्र जनज्वार। महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार 5 जुलाई को शुरू हुआ। लेकिन जैसे आसार थे तस्वीर भी वैसी ही दिखी। दो दिनों के इस विशेष सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया।
सदन में हुए हंगामे पर भारतीय जनता पार्टी के 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया है। खबर है कि कृषि कानून, ओबीसी आरक्षण के समर्थन में हंगामा करने पर भाजपा के 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया है। भारतीय जनता पार्टी के विधायकों पर पीठासीन अधिकारी से बदसलूकी का आरोप लगा है।
Maharashtra Assembly Speaker suspends 12 BJP MLAs for one year, for creating ruckus in the House, during the ongoing Assembly session.
— ANI (@ANI) July 5, 2021
विधानसभा में हंगामे को लेकर ये बड़ी कार्रवाई की गई है। आशीष शेलार समेत 12 विधायकों को सस्पेंड किया गया है। इन विधायकों में संजय कुटे, आशीष शेलार, हरीश पिंपले, योगेश सागर, गिरीज महाजन, अभिमन्यु पवार, अतुल भातखलकर, नारायण कुचे और बंटी बांगडीया शामिल हैं।
सदन में हंगामा, धक्का-मुक्की का आरोप
महाराष्ट्र विधानसभा का मॉनसूत्र सत्र हंगामे के साथ शुरू हुआ। सदन की कार्यवाही शुरु होने से पहले भाजपा विधायकों ने निकाय चुनावों में आरक्षण, विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव जल्द करवाने, MPSC परीक्षा के लिए समिति गठित करने, मराठा आरक्षण और किसानों के मुद्दे पर महाविकास आघाड़ी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। विधानभवन की सीढ़ियों पर बैठकर बीजेपी के विधायक लगातार नारेबाजी करते रहे और तकरीबन आधे घंटे बाद सदन में दाखिल हुए।
खबर है कि सदन में जाने के बाद भी भाजपा विधायकों का हंगामा औऱ नारेबाजी जारी थी। एक मौका ऐसा आया जब वे कार्यकारी विधानसभा अध्यक्ष भास्कार जाधव के सामने सत्तापक्ष के कुछ विधायकों से भिड़ गए। मामला इस कदर बढ़ा कि सदन में मार्शल को बुलाना पड़ा। आरोप है कि इन विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष संग धक्कामुक्की भी की है। जिसके बाद घटना को लेकर भास्कर जाधव ने सदन में नाराजगी जाहिर की और संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने भाजपा के 12 विधायकों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया। और प्रस्ताव बहुमत से पारित हो गया और बीजेपी के 12 विधायकों को एक साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया है।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि बीजेपी विधायकों ने कार्यवाहक स्पीकर के साथ बदसलूकी की। इस दौरान भाजपा के विधायकों ने माइक तोड़ा, अपशब्द का प्रयोग किया। मंत्री मलिक ने ये भी कहा कि पीठासीन अधिकारी के चेंबर में जाकर भाजपा के विधायकों ने बदतमीजी की है।
फडणवीस बोले, सोची-समझी कार्रवाई
भाजपा के विधायकों पर पीठासीन अधिकारी से बदसलूकी का आरोप है। जिससे सदन में विपक्ष के नेता और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने नकार दिया। फडणवीस ने महाविकास अघाड़ी सरकार पर हमलावर होकेर बोले सदन में संख्या कम करने के लिए जानबूढकर बीजेपी के विधायकों को निशाना बनाया गया। स्पीकर के चुनाव से पहले ये सोच-समझकर की गयी कार्रवाई है। बीजेपी के किसी विधायक ने गाली नहीं दी।
वही एक साल के लिए सस्पेंड हुए विधायकों में शामिल आशीष शेलार ने इसे तालिबानी रवैया बताया। ओबीसी आरक्षण के मसले पर हुए हंगामे में बीजेपी विधायकों की ओर से धक्का-मुक्की और अपशब्द के आरोपों से इनकार किया। साथ ही शिवसेना के विधायकों पर बदतमीजी करने का आरोप लगाया।