दिल्ली में 13 वर्षीय दलित लड़की की बलात्कार के बाद बेरहमी से की गई थी हत्या, जमींदार की पत्नी और भाई गिरफ्तार
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
जनज्वार। पश्चिमी दिल्ली में एक 13 वर्षीय दलित लड़की के साथ उसके मकान मालिक के रिश्तेदार द्वारा कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या का मामला सामने आया है। आरोपी रिश्तेदार को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। पीड़िता के माता-पिता का कहना है कि अपनी बच्ची की हत्या मामले में हमने पुलिस को तहरीर दे दी है। वहीं पुलिस का कहना है कि 'मामले में मकान मालिक और उसकी पत्नी की कथित संलिप्तता की जांच की जा रही है।'
कथित तौर पर बलात्कार के बाद मौत के घाट उतार दी गयी लड़की के पिता कहते हैं, 'आरोपी ने दावा किया था कि लड़की की मौत बीमारी के कारण हो गई थी और उन पर शव का अंतिम संस्कार करने के लिए दबाव डाला। मामले में पड़ोसियों के हस्तक्षेप के बाद उसने पुलिस को सूचना दी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला है कि बच्ची के चेहरे और प्राइवेट पार्ट पर गंभीर चोटें आई थीं और उसके साथ बलात्कार की पुष्टि हुयी है।'
द इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता के पिता, जो एक दिहाड़ी मजदूर हैं, बताते हैं पिछले महीने मकान मालिक की सिफारिश पर उसने अपनी बेटी को बलात्कार आरोपी प्रवीण के साथ काम करने की इजाजत दी थी। गुड़गांव में उनका घर था। पिता की मानें तो घटना से पहले आरोपी उन्हें परिवार की तरह ही मानता था।
बलात्कार पीड़िता के पिता के मुताबिक, 23 अगस्त की दोपहर करीब 3 बजे उनके पास मकान मालिक का फोन आया कि उनकी 13 साल की बेटी की मौत फूड प्वाइजनिंग से हो गई है। इस घटना के चार घंटे बाद मकान मालिक की पत्नी, बलात्कार आरोपी प्रवीण और दो अन्य लोग लड़की की लाश को एक निजी एम्बुलेंस से दिल्ली ले आए।
पिता द्वारा पुलिस के पास दी गई तहरीर में कहा गया है, उन लोगों ने उस पर संदिग्ध हालात में मरी बेटी का अंतिम संस्कार के लिए दबाव डाला गया। वे बेटी की लाश के साथ लकड़ी और पूजा का सामान भी लेकर लाए थे, लेकिन मामला संदिग्ध होने के कारण हमारे पड़ोसियों ने दाह संस्कार रोक दिया। उन्होंने हमें मेरी बेटी के शरीर की जांच करने के लिए कहा। जब हम लोगों ने बच्ची की लाश को देखा तो दंग रह गये। उसके चेहरे और पीठ पर चोट के कई निशान थे। हम लोगों को अंदाजा नहीं था कि वे लोग उसे मार डालेंगे। हम डर गए और पुलिस को फोन किया।
बाबू जगजीवन राम अस्पताल के डॉक्टरों, जहां लड़की का पोस्टमार्टम किया गया था, ने रिपोर्ट में लिखा है कि मृतक लड़की की मौत एंटीमॉर्टम मैनुअल स्मूथिंग के परिणामस्वरूप श्वासावरोध' से हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक बच्ची गुप्तांगों में दिख रहे चोट के निशान उसके साथ हुए बलात्कार की पुष्टि कर रहे हैं। गुप्तांगों में पाये गये सभी निशान बिल्कुल ताजे पाये गये।
मृतक लड़की की माँ जो घर चलाने के लिए घरेलू सहायिका का काम करती है, बताती है, 'मेरी बच्ची अपने तीन छोटे भाई-बहनों और हम पति—पत्नी के साथ किराए के मकान में रहती थी। हम लोग बिहार के रहने वाले हैं। जमींदार और उसकी पत्नी ने हमसे हमारी बेटी को लेकर झूठ बोला। हमने उनका सम्मान किया और उन्होंने मेरी बेटी को मार डाला। मैं चाहती हूं कि उन्हें गिरफ्तार किया जाए। रक्षाबंधन पर, मैंने उन्हें फोन किया और पता देने के लिए विनती की ताकि मैं अपनी बेटी को देख सकूं, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। काश, मुझे पता होता कि वे मेरी बेटी के साथ क्या कर रहे हैं।'
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि, 'हमने परिवार द्वारा की गई पीसीआर कॉल और पोस्टमॉर्टम के सभी विवरण गुड़गांव पुलिस को भेज दिए हैं। यह पाया गया कि गुड़गांव में लड़की का यौन उत्पीड़न किया गया और फिर उसके शव को दिल्ली लाया गया।'
इस मामले की जांच कर रहे एसीपी वेस्ट, गुड़गांव राजिंदर ने बताया, 'माता-पिता की शिकायत पर हमने बलात्कार आरोपी प्रवीण और उसके रिश्तेदारों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए दिल्ली के एक अस्पताल भेज दिया गया है। हमें उनसे एक रिपोर्ट मिली, जिसमें कहा गया था कि लड़की का यौन उत्पीड़न किया गया था। हमने अब बलात्कार की धाराओं और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। साथ ही प्रवीण को गिरफ्तार कर लिया गया है।'
गौरतलब है कि बच्ची के साथ बलात्कार के बाद हत्या मामले में 25 अगस्त को गुड़गांव में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। शुरुआत में हत्या और आपराधिक साजिश की धाराओं में एससी/एसटी अधिनियम सहित पॉक्सो एक्ट की धारा भी जोड़ी गई है।
बेटी की मौत पर पिता रोते हुए कहता है 'मैंने अपनी बेटी से 10-15 दिन पहले फोन पर आखिरी बार बात की थी। उन्होने ज्यादा कुछ नहीं कहा बस इसके अलावा की, 'काश मैं तब कुछ कर पाता।'