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मर्डर के 20 साल बाद पुलिस कोर्ट में सिद्ध करा सकी कि फूलन देवी की हत्या हुई थी, खत्म हुआ केस

Janjwar Desk
4 Aug 2021 12:11 PM IST
मर्डर के 20 साल बाद पुलिस कोर्ट में सिद्ध करा सकी कि फूलन देवी की हत्या हुई थी, खत्म हुआ केस
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गैंग के साथ फूलन देवी. (फाईल फोटो)

दस्यु से सांसद बनी फूलन देवी की मौत के सुबूतों का परीक्षण करने के बाद मु्कदमा खत्म करने का आदेश दे दिया गया...

जनज्वार, लखनऊ। दस्यु फूलन देवी के खिलाफ कानपुर देहात की स्पेशल जज डकैती कोर्ट ने 20 साल बाद, विचाराधीन मुकदमा खत्म करने का आदेश दिया है। डकैती का यह मुकदमा 41 साल पहले भोगनीपुर कोतवाली में दर्ज हुआ था, जिसमें फूलन और दस्यु विक्रम मल्लाह को आरोपित बनाया गया था।

दस्यु विक्रम पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था और फूलन की 20 साल पहले दिल्ली में हत्या कर दी गई थी। भोगनीपुर कोतवाली के किसुनपुर गांव में 41 साल पहले डकैती डाली गई थी। इस मामले में फूलन देवी के खिलाफ मुकदमा चल रहा था। यह मुकदमा फूलन देवी, गौहानी के रहने वाले विक्रम मल्लाह और गिरोह के खिलाफ दर्ज हुआ था।

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स्पेशल जज डकैती कोर्ट ने मंगलवार को मुकदमा खत्म करने का आदेश दिया। बताते हैैं कि दस्यु से सांसद बनी फूलन देवी की मौत के सुबूतों का परीक्षण करने के बाद मु्कदमा खत्म करने का आदेश दे दिया गया। शासकीय अधिवक्ता आशीष कुमार तिवारी के मुताबिक 25 जुलाई 1980 को भोगनीपुर में गुढ़ा गांव की रहने वाली फूलन के खिलाफ हत्या व डकैती का मुकदमा दर्ज किया गया था।

दस्यु विक्रम 1980 में ही पुलिस से मुठभेड में मार दिया गया था। कोर्ट ने उसके खिलाफ केस को 1998 में खत्म कर दिया था। जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव पोरवाल ने बताया कि गुढ़ा का पुरवा के प्रधान का फूलन की मौत का प्रमाणपत्र व अन्य साक्ष्यों के परीक्षण के बाद अदालत ने मंगलवार को फूलन देवी पर चल रहा मुकदमा खत्म करने का आदेश दे दिया।

गौरतलब है कि, फूलन देवी ने आत्मसमर्पण करने के बाद राजनीति में कदम रख दिया था और सांसद बन गई थीं। जिसके बाद 25 जुलाई 2001 को शेर सिंह राणा ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद भी उनका मुकदमा अदालत में विचाराधीन चल रहा था।

एडीजीसी देहात ने बताया कि, शेरपुर गुढ़ा गांव के प्रधान की ओर से फूलन की मौत का प्रमाणपत्र आने, पुलिस रिपोर्ट, भोगनीपुर कोतवाली के पैरोकार सहित अन्य साक्ष्यों के विशेष न्यायाधीश एंटी डकैती कोर्ट सुधाकर राय की अदालत में पेश किया गया था। जिसपर उन्होने मुकदमा खत्म करने का आदेश जारी किया है।

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