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27 दिन से अस्पताल में पड़ी है झारखंड के चतरा की काजल, लेकिन नहीं बनी राष्ट्रीय मुद्दा कि तेजाब फेंकने वाला सिरफिरा हिंदू था?

Janjwar Desk
31 Aug 2022 9:59 AM GMT
27 दिन से अस्पताल में पड़ी है झारखंड के चतरा की काजल, लेकिन नहीं बनी राष्ट्रीय मुद्दा कि तेजाब फेंकने वाला सिरफिरा हिंदू था?
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27 दिन से अस्पताल में पड़ी है झारखंड के चतरा की काजल, लेकिन नहीं बनी राष्ट्रीय मुद्दा कि तेजाब फेंकने वाला सिरफिरा हिंदू था?

Jharkhand Acid Attack : अंकिता मर्डर केस के मामले में आरोपी शाहरुख एक मुसलमान था और काजल के मामले में आरोपी संदीप एक हिंदू है, तो क्या इसलिए एक लड़की को न्याय दिलाने के लिए तीव्रता से विरोध किया जाएगा और दूसरी लड़की को न्याय दिलाने के लिए आवाज तक बुलंद नहीं की जाएगी...

Jharkhand Acid Attack : झारखंड के दुमका में अंकिता पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगाने वाले आरोपी शाहरुख को कड़ी सजा देने की मांग हो रही है। वहीं इस बीच झारखंड के चतरा से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां एसिड अटैक की शिकार छात्रा टेबो गांव की निवासी काजल कुमारी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे गंभीरता से लेते हुए बेहतर इलाज के लिए एयर एंबुलेंस से दिल्ली स्थित करने की बात कही, जिसके बाद पीड़िता को दिल्ली के एम्स शिफ्ट करवाया गया है। वहीं एसिड अटैक पीड़िता से मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी मुलाकात की। रिम्स सुपरिटेंडेंट की अगुवाई में मेडिकल बोर्ड का गठन हुआ। इसी मेडिकल बोर्ड द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर सीएम ने पीड़िता को दिल्ली शिफ्ट करने का फैसला किया। वहीं पीड़िता काजल की मां देवंती देवी और भाई पंकज कुमार ने फास्ट ट्रैक कोर्ट के तहत सुनवाई कर आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है।


नाबालिग पर सिरफिरे आशिक ने डाला एसिड

इस मामले में हैरानी की बात यह है कि यह घटना अंकिता मर्डर केस से पहले घटी है लेकिन अब तक यह मुद्दा उठ नहीं पाया। दुमका कांड के बाद यह घटना सामने आई है। इस घटना में भी एक सिरफिरे आशिक ने एकतरफा प्यार में घर में सोती हुई नाबालिग काजल पर एसिड डाल दिया, जिसमें एसिड के कुछ बूंदें उसकी मां पर भी पड़े हैं, जिससे बेटी के साथ मां भी जल गई है लेकिन इस मुद्दे का नहीं उठने का कारण यह है कि यह हिंदू मुसलमान का मुद्दा नहीं बन पाया। यह अफसोस की बात है कि भारत में जब तक मामला हिंदू और मुसलमान का ना हो या अगड़े और पिछड़े का ना हो, तब तक वह मामला न कोई उठाना चाहता है और ना ही वह राष्ट्रीय मुद्दा बन पाता है।

जानिए क्या है पूरा मामला

यह घटना बीते चार अगस्त 2022 की है। जब पीड़िता अपने घर में सो रही थी, उस समय आरोपी बेला गांव निवासी संदीप भारती ने घर में घुसकर उसपर तेजाब डाला फरार हो गया था। जिससे वह बुरी तरह जल गयी। उसे बचाने आयी मां भी घायल हो गयी थी। इस घटना के बाद आरोपी फरार हो गया था, लेकिन पुलिस ने घटना के 12 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया। घायलावस्था में काजल को गया मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया था, लेकिन वहां से रांची रिम्स रेफर कर दिया गया। तब से काजल का इलाज चल रहा है।

अस्पताल में नहीं हो रहा पीड़िता का उचित इलाज

पीड़िता के भाई पंकज का कहना है कि इलाज में ध्यान नहीं दिया जा रहा है। दिन-प्रतिदिन बहन की स्थिति बिगड़ती जा रही है। बहन दिनभर तड़पती रहती है। उन्होंने कहा कि एक ओर अस्पताल में मेरी बहन तड़प रही है, तो दूसरी ओर आरोपी जेल में खिचड़ी खा रहा है। उन्होंने आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की है। वहीं, पीड़िता की मां ने कहा कि समय रहते अगर मेरी बच्ची को बेहतर इलाज नहीं हुई तो उसकी जान जा सकती है लेकिन अब सीएम ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और बेहतर इलाज के लिए दिल्ली रेफर किया जा रहा है। अब उम्मीद है कि मेरी बेटी बच जाएगी।

फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कर फांसी देने की मांग

दहेज मुक्त झारखंड संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आनंद कुमार शाही ने राज्य सरकार, उपायुक्त, एसपी एवं न्यायालय से फास्ट ट्रैक कोर्ट में जल्द से जल्द सुनवाई कर आरोपी को फांसी की सजा दिलाने की मांग की। साथ ही पीड़िता को बेहतर इलाज और समुचित मुआवजा देने की मांग की है।

आरोपी के हिंदू होने के कारण नहीं हुआ दरिंदगी का विरोध

सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि इस अपराध को 27 दिन बीत चुके हैं। यह अपराध 4 अगस्त का है लेकिन इसके बावजूद अब तक ना इस मुद्दे को गंभीरता से लिया गया और ना ही पीड़िता को उचित इलाज दिया गया। इस लड़की पर तेजाब फेंका गया लेकिन यह मुद्दा अन्य मुद्दों से इसलिए अलग था क्योंकि इसमें धर्म और जाति का हस्तक्षेप नहीं था। इस मामले में लड़की का दरिंदा हिंदू समुदाय का था इसलिए बवाल इतना बड़ा नहीं उठा और ना ही झारखंड में कहीं प्रदर्शन हो रहा है और ना ही किसी नेता या अन्य द्वारा आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की जा रही है।

काजल एसिड अटैक इसलिए नहीं बना राष्ट्रीय मुद्दा

27 दिनों से पीड़िता जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। लड़की पर ठीक उसी तरह से तेजाब फेंका गया है जिस तरह झारखंड के दुमका की अंकिता को पेट्रोल छिड़ककर उसे आग लगा लगा दिया गया था। दुमका कांड में अंकिता का सिरफिरा आशिक एक मुसलमान था, इस वजह से हंगामा ज्यादा हुआ और प्रदर्शन भी। इस मामले पर कई राजनेताओं के बयान सामने आए। वहीं एक राजनीतिक पार्टी दूसरी राजनीतिक पार्टी पर हमलावर हो गई लेकिन चतरा जिले की काजल के साथ हुई घटना पर ना ही कोई राजनीतिक पार्टी हमलावर है और ना ही किसी नेता का बयान सामने आया था।

दुमका कांड के बाद चतरा कांड हुआ उजागर

दुमका कांड की पीड़िता अंकिता, जिसकी मौत हो चुकी है। उसका का मामला सामने आने के बाद अब काजल के मामले में झारखंड की हेमंत सोरेन की सरकार ने गंभीरता दिखाते हुए युवती को इलाज के लिए दिल्ली के एम्स में शिफ्ट करवाया है। जब यह घटना हुई थी तब लड़की केवल 45 फीसदी तक जली थी। अगर उस समय पीड़िता को उचित इलाज मिल जाता तो शायद अब तक वह ठीक हो गई होती। जाति और धर्म का हस्तक्षेप ना होने के कारण यह मुद्दा एक राष्ट्रीय मुद्दा नहीं बन पाया इसलिए पीड़िता को उचित इलाज मिलने में देरी हो गई।

महिला को न्याय दिलाने के लिए देखा जाता है धर्म

अब ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब युवती पर अत्याचार किया जाएगा तो क्या उसकी सुनवाई धर्म और जाति को देखकर की जाएगी। अंकिता मर्डर केस के मामले में आरोपी शाहरुख एक मुसलमान था और काजल के मामले में आरोपी संदीप एक हिंदू है, तो क्या इसलिए एक लड़की को न्याय दिलाने के लिए तीव्रता से विरोध किया जाएगा और दूसरी लड़की को न्याय दिलाने के लिए आवाज तक बुलंद नहीं की जाएगी। यह एक तरह की बर्बरता है कि किसी युवती को न्याय दिलाने के मामले में उसके धर्म और जाती को ध्यान रखा जाए।

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