8 करोड़ की रकम से हुई थी मरम्मत, लेकिन NOC मिलने से पहले किसके आदेश से खोला गया 150 बलि लेने वाला Morbi Bridge
मोरबी का मौत से है पुराना नाता, कुंभकरणी नींद में सोई रही गुजरात सरकार और तबाह हो गई सैकड़ों जिदंगियां
Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी में मचछु नदी पर बना 143 साल पुराना केबल ब्रिज रविवार शाम लगभग 6 बजे टूट गया। जनज्वार को मिली जानकारी के मुताबिक इस दर्दनाक हादसे में 150 लोग जान गंवा चुके हैं। गुजरात के गृहमंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि 132 से अधिक लोगों की मौत हुई है। मीडिया में मौत के अलग-अलग आंकड़े छापे बताये जा रहे हैं। सरकार ने मुआवजे की घोषणा कर दी, लेकिन ना किसी से सवाल हैं और ना जिम्मेदारी।
गुजरात सूचना विभाग का कहना है कि अब तक 177 लोगों को बचाया जा चुका है। 19 लोगों का इलाज चल रहा है। जबकि हमें मिली सूचना के मुताबिक 60 लोग अब भी लापता हैं और तीन दर्जन से अधिक का इलाज चल रहा है। मौके पर सेना, नौसेना, वायुसेना, NDRF और फायर ब्रिगेड की टीमें सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। गुजरात पुलिस की मरीन टास्क फोर्स ने रात भर मच्छु नदी में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया।
मरम्मत में खर्च हुए 8 करोड़
दीपावली से पहले पुल की मरम्मत का काम हुआ था। एक निजी कंपनी ने 6 महीने तक पुल की मरम्मत का काम कियाथा। इसमें लगभग 8 करोड़ रूपये की लागत आई थी। 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष के दिन जनता के लिए यह मोरबी पुल (Morbi Bridge) खोला गया था। लेकिन सवाल है कि इतनी भारी भरकम राशि खर्च करने के बाद भी यह पुल टूट कैसे गया। अगर भीड़ अधिक थी तो इतनी भीड़ को पुल पर जाने से मना क्यों नहीं किया गया। इसके अलावा सामने य़ह भी आया है कि मरम्मत करने वाली कमपनी ने पुल खोलने के लिए NOC नहीं दी थी, तो फिर पुल खोला क्यों गया और किसके आदेश से खोला गया?
जहां भाजपा वहां भृष्टाचार
गुजरात चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में आम आदमी पार्टी ने मोदी व भाजपा को घेरना शुरू कर दिया है। आप सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा है, 'कर्नाटक में 40% कमीशन। यू पी में बुंदेलखंड व पूर्वांचल एक्सप्रेस वे धँसा। गुजरात में 5 दिन पहले बना पुल टूटा। जहाँ भाजपा वहाँ भ्रष्टाचार। हे प्रभु सबकी रक्षा करना। मोदी जी भगवान का असली संदेश तो भाजपा की महाभ्रष्ट सरकार का अंत करके मिलेगा। ये तो भाजपा के भ्रष्टाचार का संदेश है। इस महासंकट से बचा लो प्रभु,हे छठी मैया सबकी रक्षा करो।'
मोदी जी भगवान का असली संदेश तो भाजपा की महाभ्रष्ट सरकार का अंत करके मिलेगा।
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) October 30, 2022
ये तो भाजपा के भ्रष्टाचार का संदेश है।
इस महासंकट से बचा लो प्रभु,हे छठी मैया सबकी रक्षा करो।#जहाँ_भाजपा_वहाँ_भ्रष्टाचार https://t.co/lnCCOH3QVx
पुल की मरम्मत और गिरने को लेकर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं। पत्रकार विनोद कापड़ी ने लिखा है, '2 दिसंबर 2018 से ये वीडियो #YouTube पर है , किसी Mr Sanaliya ने पोस्ट किया है। लेकिन कल रात से लगातार देश को झूठ परोसा जा रहा है कि कुछ लड़कों ने पैर मार कर पुल गिरा दिया है।' ये है गुजरात मॉडल और 27 साल से आप इसी मॉडल के नाम पर मूरख बन रहे हो और मर रहे हो।
2 दिसंबर 2018 से ये वीडियो #YouTube पर है , किसी Mr Sanaliya ने पोस्ट किया है। लेकिन कल रात से लगातार देश को झूठ परोसा जा रहा है कि कुछ लड़कों ने पैर मार कर पुल गिरा दिया है।
— Vinod Kapri (@vinodkapri) October 31, 2022
ये है गुजरात मॉडल और 27 साल से आप इसी मॉडल के नाम पर मूरख बन रहे हो और मर रहे हो।#MorbiBridgeCollapse pic.twitter.com/70efbGJgU2
न्यूज 24 के पॉलिटीकल एडीटर सुकेस रंजन लिखते हैं, 'कुछ लोगों ने सुपारी ले ली है कि मोरबी की दुर्घटना षड्यंत्र साबित हो जाए।सरकार और प्रशासन तक इसकी आँच न पहुँचे। ये करने के पहले एक पल के सोच लें कि अगर आपका कोई अपना इस हादसे के शिकार होता। हम सब के अंदर कम से कम इतनी इंसानियत तो ज़िंदा रहे!' #MorbiBridgeCollapse
कुछ लोगों ने सुपारी ले ली है कि मोरबी की दुर्घटना षड्यंत्र साबित हो जाए।सरकार और प्रशासन तक इसकी आँच न पहुँचे।ये करने के पहले एक पल के सोच लें कि अगर आपका कोई अपना इस हादसे के शिकार होता।हम सब के अंदर कम से कम इतनी इंसानियत तो ज़िंदा रहे! #MorbiBridgeCollapse
— Sukesh Ranjan (@RanjanSukesh) October 30, 2022
सवाल जो बाकी हैं
- एनओसी के बिना पुल क्यों खोला?
- किसकी मंजूरी से खोला गया पुल?
- पुल पर क्षमता से अधिक लोग कैसे पहुँचे?
- भीड़ नियंत्रण के क्या किये गये उपाय?
- छठ को लेकर क्या विशेष इंतजाम किये गये?
इन तमाम कमियों का पता लगाने के बीच भाजपा सरकार ने मृतकों को 6-6 लाख रूपये का मुआवजा देने की घोषणा कर दी है। जिसमें 4 लाख गुजरात सरकार का और 2 लाख रूपया नरेंद्र मोदी सरकार यानी केंद्र की तरफ से शामिल है। साथ ही घायलों के लिए 50-50 हजार रूपये मदद की घोषणा की गी है। जांच के नाम पर गुजरात सरकार की तरफ से तीन सदस्यीय विशेष कमेटी का गठन किया गया है।