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9600 करोड़ हो गए खर्च, पर फड़नवीस सरकार की जल संरक्षण योजना फेल, उद्धव सरकार कराएगी SIT जांच

Janjwar Desk
15 Oct 2020 2:30 AM GMT
9600 करोड़ हो गए खर्च, पर फड़नवीस सरकार की जल संरक्षण योजना फेल, उद्धव सरकार कराएगी SIT जांच
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File photo

जलयुक्त शिवार (गांव) योजना, फड़णवीस का एक ड्रीम प्रोजेक्ट था, जो 2019 तक राज्य को सूखा मुक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था....

जनज्वार। देवेंद्र फडणवीस की तत्कालीन सरकार द्वारा शुरू की गई जल संरक्षण योजना की एसआइटी जांच होगी। महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने देवेंद्र फड़णवीस नीत पूर्ववर्ती सरकार द्वारा शुरू की गई जलयुक्त शिवार जल संरक्षण योजना की जांच कराने का फैसला किया है। एक अधिकारी ने बताया कि 14 अक्टूबर को राज्य मंत्रिमंडल की एक बैठक में यह फैसला लिया गया है।

उन्होंने बताया कि योजना की जांच के लिये एक विशेष जांच टीम (एसआईटी)का गठन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि जलयुक्त शिवार (गांव) योजना, फड़णवीस का एक ड्रीम प्रोजेक्ट था, जो 2019 तक राज्य को सूखा मुक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।

महाराष्ट्र सरकार में खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने एसआईटी जांच को लेकर कहा कि योजना पिछली सरकार द्वारा शुरू की गई थी और सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि योजना के तहत काम नहीं किया गया है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि सच्चाई सामने आए।

परियोजना में जल धाराओं को गहरा और चौड़ा करना, जल एकत्र करने के लिये सीमेंट और मिट्टी के बांध बनाना, नाला बनाना और खेत तालाब बनाने का कार्य शामिल था।

वैसे शिवसेना भी 2014-19 के दौरान फड़णवीस नीत सरकार का हिस्सा थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जलयुक्त शिवार योजना में फड़णवीस के कार्यों की सराहना किये जाने के एक दिन बाद इस जांच की घोषणा की गई है।

गौरतलब है कि राज्य विधानसभा के पटल पर इस महीने की शुरूआत में रखी गयी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक रिपोर्ट में जलयुक्त शिवार अभियान के क्रियान्वयन की आलोचना करते हुए कहा गया था कि 9633.75 करोड़ रुपये खर्च किये जाने के बावजूद भूजल स्तर बढ़ाने में इस अभियान का बहुत कम असर देखने को मिला है।

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