दैनिक भास्कर और भारत समाचार पर रेड के बाद सोशल मीडिया पर उठी आवाज, डरा हुआ PM बना रहा है मरा हुआ लोकतंत्र
सरकार नहीं चाहती कि उसके फर्जी दावों जुमलों को लेकर जनता को सच से रूबरू कराया जाए (photo : social media)
जनज्वार, दिल्ली। आज 22 जुलाई को दैनिक भास्कर और भारत समाचार के दफ्तरों, कर्मचारियों के घरों पर इनकम टैक्स विभाग ने रेड मारी है। माना जा रहा है कि कोरोना के दौरान देश की असली तस्वीर दिखाने की एवज में मीडिया पर मोदी सरकार ने यह एक्शन लिया है।
दैनिक भास्कर के दफ्तर पर रेड पड़ने के बाद अखबार ने लिखा है, 'कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश के सामने सरकारी खामियों की असल तस्वीर रखने वाले दैनिक भास्कर ग्रुप पर सरकार ने दबिश डाली है। भास्कर समूह के कई दफ्तरों पर गुरुवार तड़के इनकम टैक्स विभाग ने छापा मारा है। विभाग की टीमें दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान स्थित दफ्तरों पर पहुंची हैं और कार्रवाई जारी है।'
सोशल मीडिया पर लोगों ने कहना शुरू कर दिया है कि तमाम जुमलों फरेबों को फैलाने पोसने के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने अब पत्रकारिता के उन केंद्रों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है जो उसके आगे घुटने नहीं टेक रहे हैं। दैनिक भास्कर और भारत समाचार पर की जा रही छापेमारी इसकी ही बानगी है।
सच्ची पत्रकारिता से एक बार फिर डरी मोदी सरकार: गंगा में लाशों से लेकर कोरोना से मौतों के सही आंकड़े देश के सामने रखने वाले भास्कर ग्रुप पर सरकार की दबिश @DainikBhaskar @pantlp https://t.co/ucrbeqf9Ij
— Anupam | अनुपम (@AnupamConnects) July 22, 2021
जनता के मुद्दों को उठाने वाले तमाम पत्रकारों और लोगों ने इसके खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान शुरू कर दिया है। कहना शुरू कर दिया है कि एक डरा हुआ प्रधानमंत्री मरा हुआ लोकतंत्र बना रहा है।
एनडीटीवी से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार लिखते हैं, 'जनता को गुमराह और बेख़बर रखना है। गोदी मीडिया से जो भी अलग होगा,छापा पड़ेगा। देखना उनके भाषणों में लोकतंत्र का ज़िक्र बढ़ने वाला है और लोकतंत्र उतना ही रौंदा जाने वाला है।भास्कर- भारत समाचार पर छापे नहीं पड़े हैं, जनता के घर में पड़े हैं।बोलो मत। चुपचाप 110 रु पेट्रोल ख़रीदो।'
जनता को गुमराह और बेख़बर रखना है। गोदी मीडिया से जो भी अलग होगा,छापा पड़ेगा। देखना उनके भाषणों में लोकतंत्र का ज़िक्र बढ़ने वाला है और लोकतंत्र उतना ही रौंदा जाने वाला है।भास्कर- भारत समाचार पर छापे नहीं पड़े हैं, जनता के घर में पड़े हैं।बोलो मत। चुपचाप 110 रु पेट्रोल ख़रीदो। pic.twitter.com/gA5B0Syj67
— ravish kumar (@ravishndtv) July 22, 2021
जनता तरह—तरह के उदाहरणों से मोदी सरकार को कोस रही है। सोशल मीडिया पर लोग उन्नाव में सीडीओ का थप्पड़ कांड को याद करते कर रहे हैं जो पंचायत चुनाव की धांधली के दौरान कवरेज कर रहे पत्रकार की पिटाई के रूप में चर्चा का पात्र बना था। उस थप्पड़ के बाद मिठाई भी सभी ने देखी। यह दोनो तस्वीरें एक साफ संदेश दे रही है कि वह कलम बंद हो जानी चाहिए जो सरकार के या उसके पोषित सरकारी कामकाज को उजागर करेगी मटियामेट कर दी जाएगी।
वरिष्ठ पत्रकार और फिल्मकार विनोद कापड़ी लिखते हैं, 'भारत के इतिहास के सबसे डरपोक , बेशर्म, निर्लज्ज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इतिहास कभी माफ़ नहीं करेगा। मोदी की हरकतें इमरजेंसी के दिनों की इंदिरा गांधी की हरकतों से भी घिनौनी और वीभत्स हैं।'
भारत के इतिहास के सबसे डरपोक , बेशर्म, निर्लज्ज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इतिहास कभी माफ़ नहीं करेगा।
— Vinod Kapri (@vinodkapri) July 22, 2021
मोदी की हरकतें इमरजेंसी के दिनों की इंदिरा गांधी की हरकतों से भी घिनौनी और वीभत्स हैं।#DainikBhaskarZindabad
यह सरकार नहीं चाहती की कोई भी पत्रकार जनता की पत्रकारिता करे। उसके फर्जी दावों जुमलों को लेकर जनता को सच से रूबरू कराए। बल्कि सरकार चाहती है कि देश की तमाम मीडिया मेनस्ट्रीम चैनलों अखबारों की तरह ही उसकी गोेद में जाकर बैठ जाए और सरकार की गोदिया मीडिया का तमागा हासिल कर ले।
भारत समाचार और दैनिक भास्कर को आप तक सच पहुँचाने की सजा मिल रही है।
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) July 22, 2021
आज चुप रह गए, तो बहुत देर हो जाएगी।
जानकारी के मुताबिक दैनिक भास्कर के भोपाल दफ्तर में 20 से 25 लोग अभी भी तमाम छानबीन कर रहे हैं। अंदर से किसी को बाहर जाने की मनाही है, सभी कर्मचारियों के फोन जब्त कर लिए गये हैं। यही हाल कमोबेश लखनऊ से चलने वाले भारत समाचार चैनल का भी है। वहां भी जबर्दस्त छापामारी की जा रही है।
— Abhisar Sharma (@abhisar_sharma) July 22, 2021
दैनिक भास्कर अपनी वेबसाइट पर लिखता है, 'सरकार रात को जो भ्रामक तथ्य आंकड़े पेश करती थी भास्कर सुबह उसकी सच्चाई उजागर कर देता था। यही काम भारत समाचार भी कर रहा था। गांव गरीब से जुड़ी पत्रकारिता करना इनका सबसे बड़ा जुर्म है। जनता को सरकार का सच बताना छापना इनका अपराध है, जिसके एवज में उन्हें छापा मिल रहा है।'
जासूसी कांड की सबसे जबरदस्त रिपोर्टिंग @DainikBhaskar और #BharatSamachar ने की है। दोनो का गला घोंटने के लिये आज मोदी सरकार ने छापे डाले। ..पर दांव उल्टा पड़ा।
— Deepak Sharma (@DeepakSEditor) July 22, 2021
गर्व इस बात का है कि दोनो मीडिया संस्थान 👇 डरे नहीं, दबे नहीं…बल्कि और धारदार हो गये !!#सत्यमेवजयते pic.twitter.com/O2d9WQtcdk
तानाशाही और सत्ता कुर्सी की लालच में अंधी और कुंठित हो चुकी सरकार आखिर कितने दिनो और कब तक लोकतंत्र का गला घोंटती रहेगी। कहा भी जाता है कि 'जब नाश मनुज पर छाता है तो पहले विवेक मर जाता है।' जैसा विवेक सरकार का मर गया है। हर कमद पर मुँह की खाने के बाद सरकार के खाते में जो चीज बचती है वह है सिर्फ बदनामी और बेइज्जती।