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राष्ट्रीय

अफीम फैक्ट्री गाजीपुर के महाप्रबंधक को ACB ने दबोचा, मिठाई के डिब्बों में बरामद हुई 16 लाख से ज्यादा की रिश्वत

Janjwar Desk
18 July 2021 7:01 AM GMT
अफीम फैक्ट्री गाजीपुर के महाप्रबंधक को ACB ने दबोचा, मिठाई के डिब्बों में बरामद हुई 16 लाख से ज्यादा की रिश्वत
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महाप्रबंधक अफीम की गुणवत्ता में घालमेल करने की एवज में रिश्वत लेता था.

जांच के दौरान गाड़ी में रखे मिठाई के डिब्बों में 16 लाख 32 हजार 410 रुपये बरामद हुए। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि उनसे बरामद की गई रकम किसानों को पट्टे जारी करने व अफीम की गुणवत्ता अच्छी बताने के बदले में रिश्वत के रूप में ली गई थी...

जनज्वार, लखनऊ। राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीम ने भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के अधिकारी डा. शशांक यादव को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपित की गाड़ी से 16 लाख 32 हजार 410 की नकदी भी बरामद की गई है।

गौरतलब है कि शशांक यादव उत्तर प्रदेश के गाजीपुर स्थित अफीम फैक्ट्री में महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। उनके पास नीमच (मध्य प्रदेश) फैक्ट्री का भी अतिरिक्त प्रभार है। एसीबी को पिछले कई दिनों से सूचना मिल रही थी कि महाप्रबंधक और उसके साथी अधिकारियों की टीम मिलकर व्‍यापक स्‍तर पर भ्रष्टाचार कर रही है। इस कारण उन पर कई दिनों से नजर रखी जा रही थी।

एसीबी के मुताबिक शनिवार 17 जुलाई की सुबह जानकारी मिली कि कुछ देर बाद यादव रिश्वत की रकम लेकर स्‍कार्पियो गाड़ी से चित्तौड़गढ़-कोटा होते हुए गाजीपुर जाएंगे। इस पर एसीबी की टीम ने कोटा-उदयपुर हाइवे पर हैंगिंग ब्रिज टोल नाके के पास वाहनों की जांच शुरू की। दोपहर में लोगो लगी गाड़ी में वह गुजरे तो एसीबी की टीम ने रोक कर पूछताछ की।

जांच के दौरान गाड़ी में रखे मिठाई के डिब्बों में 16 लाख 32 हजार 410 रुपये बरामद हुए। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि उनसे बरामद की गई रकम किसानों को पट्टे जारी करने व अफीम की गुणवत्ता अच्छी बताने के बदले में रिश्वत के रूप में ली गई थी। एसीबी के अनुसार उत्‍तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में आरोपित अधिकारी डा. शशांक यादव की तैनाती है। उनपर मध्‍य प्रदेश के नीमच का भी अतिरिक्त प्रभार है।

कई दिनों से रडार पर होने और सटीक सूचना के बाद उनकी गाड़ी में 16 लाख 32 हजार रुपये मिठाई के डिब्बे में बरामद हुए हैं। आरोप है कि डा. शशांक यादव के साथ ही नीमच फैक्ट्री के कर्मचारी अजीत सिंह और दीपक यादव काफी समय से दलालों के माध्यम से प्रति किसान 60 से 80 हजार रुपये वसूल रहे थे। रिश्वत के बदले अफीम की अच्छी गाढ़ता व मारफीन प्रतिशत बताकर पट्टा दिया जाता था। नवीनीकरण भी इसी तरह से होता था।

राजस्थान के प्रतापगढ़, चित्ताैड़गढ़, कोटा व झालावाड़ के किसानों के साथ ऐसा होता था। एसीबी की जांच में सामने आया कि जो किसान रिश्वत नहीं देते थे, उनकी अफीम को घटिया बता दिया जाता था। नीमच अफीम लैब में कार्यरत अजीत सिंह व दीपक ने कुछ समय पूर्व छह हजार से ज्यादा किसानों से पट्टे दिलवाने के नाम पर करीब 35 करोड़ रुपये अग्रिम वसूले थे। ठाकुर चंद्रशील, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एसीबी ने बताया कि यादव के खिलाफ लंबे समय से शिकायत मिल रही थी।

अफीम फैक्ट्री नीमच में राजस्थान के लाइसेंसधारी किसानों की अफीम जमा की जाती है। इन दिनों यहां अफीम के सैंपलों की जांच का काम चल रहा है। अफीम में गाढ़ता व मारफीन प्रतिशत के हिसाब से ही नारकोटिक्स विभाग किसानों को पट्टे जारी करता है। विभाग के अधिकारी किसानों के खेत में अफीम की गुणवत्ता जांचते हैं। इसके बाद दफ्तर में भी जांच की जाती है।

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