दंगाई भाषणबाज रामभक्त गोपाल की जमानत याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा ऐसे युवा कोरोना से भी खतरनाक
(गोपाल शर्मा बीते साल सीएए विरोधी आंदोलनकारियों पर फायरिंग कर चर्चाओं में आया था)
जनज्वार डेस्क। गुरुग्राम कोर्ट ने राम भक्त गोपाल की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने आरोपी को कोरोना से भी खतरनाक बताया है। दरअसल राम भक्त गोपाल ने गुरुग्राम के पटौदी के रामलीला ग्राउंड में 4 जुलाई को धर्मांतरण को लेकर आयोजित हुई एक महापंचायत में भड़काऊ भाषण दिया था। जिसके बाद पुलिस ने गोपाल शर्मा को गिरफ्तार कर लिया था। वहीं अब गोपाल शर्मा के वकील ने कहा है कि वह जमानत के लिए अब सेशन कोर्ट में अपील करेंगे।
बता दें कि रामभक्त गोपाल पिछले साल उस वक्त खबरों में आया था, जब सीएए-एनआरसी विरोधी प्रदर्शन के दौरान जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाहर उसने फायरिंग कर दी थी। इस दौरान एक व्यक्ति भी घायल हो गया था।
गोपाल ने हरियाणा के पटौदी में 4 जुलाई रविवार को महापंचायत के दौरान गोपाल ने काफी भड़काऊ बातें कहीं थीं। इस पर विवाद भी हुआ। उसकी गिरफ्तारी का मांग भी उठी। हालांकि बाद में वह अपने बयानों को गर्मी का असर बताकर बचता भी नजर आया था। रामभक्त गोपाल के खिलाफ ताजा मुकदमा जमालपुर गांव निवासी दिनेश की ओर से दर्ज कराया गया।
दिनेश ने अपनी शिकायत में लिखा था कि पटौदी के रामलीला ग्राउंड में चार जुलाई को एक महापंचायत का आयोजन किया गया। इसमें गोपाल शर्मा उर्फ रामभक्त गोपाल ने काफी भड़काऊ भाषण दिया। इससे दंगे भड़क सकते थे।
कौन है गोपाल शर्मा
गोपाल शर्मा यूपी के गौतमबुद्धनगर जिले के जेवर का रहने वाला है। वो जामिला गोलीकांड के बाद पहली बार सबके सामने आया था। बताया जाता है कि उसके पिता गांव में ही पान की दुकान चलाते हैं। जामिया में फायरिंग के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था, हालांकि नाबालिग होने की वजह से उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया था। जिसके बाद वो फिलहाल जमानत पर बाहर था।