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Ahmedabad blast case में आया बड़ा फैसला, देश के इतिहास में पहली बार एक केस में 38 लोगोंं को फांसी की सजा, ब्लास्ट के बाद मच गया था कोहराम

Janjwar Desk
18 Feb 2022 11:44 AM IST
Ahmedabad blast case में आया बड़ा फैसला, देश के इतिहास में पहली बार एक केस में 38 लोगोंं को फांसी की सजा, ब्लास्ट के बाद मच गया था कोहराम
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Ahmedabad blast case 2008 : ट्विटर ने गुजरात भाजपा का ट्विट डिलीट कर PM मोदी की यूपी की मुहिम को दिया झटका।

Ahmedabad blast case 2008 : अहमदाबाद में 2008 में हुए सीरियल बम धमाकों के मामले में 49 अभियुक्तों में से 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है। 11 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।

Ahmedabad blast case 2008 : साल 2008 अहमदाबाद ब्लास्ट केस में अदालत का फेसला आ गया है। देश के इतिहास में एक केस में पहली बार सबसे ज्यादा 38 लोंगों को फांसी की सजा सुनाई गई है। अहमदाबाद ब्लास्ट केस में 78 लोगों को आरोपल बनाया गया था।

अहमदाबाद ब्लास्ट केस में 78 लोगों को आरोपी बनाया गया था। अदालत ने ब्लास्ट को युद्ध छेड़ने जैसा रेयरेस्ट आफ द रेयरेस्ट केस माना है।



अहमदाबाद में 2008 में हुए 21 सीरियल बम धमाकों के मामले में 49 अभियुक्तों में से 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है। 11 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।

अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को हुए सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। सीरियल बम ब्लास्ट में करीब 70 मिनट के भीतर 56 लोगों की मौत हुई थी। 200 से अधिक घायल हुए थे। सिटी सिविल एंड सेशन कोर्ट अहमदाता बाद में 13 साल से भी ज्यादा समय तक मामला चलने के बाद गत सप्ताह 49 लोगों को दोषी ठहराया गया था। 28 अन्य को बरी कर दिया गया। सोमवार को अभियोजन पक्ष ने दलीलें खत्म की थीं।

विशेष लोक अभियोजक अमित पटेल ने मंगलवार को बताया था कि अभियोजन पक्ष ने अभियुक्तों को अधिकतम सजा देने का अदालत सेस अनुरोध किया था। उन्होंने बताया था कि अदालत ने 49 आरोपियों को दोषी करार दिया था, जबकि 28 को बरी कर दिया।

अहमदाबाद की अदालत ने 77 अभियुक्तों के खिलाफ पिछले साल सितंबर में मुकदमे की कार्यवाही खत्म की थी। विचाराधीन 78 आरोपियों में से एक सरकारी गवाह बन गया था। पुलिस का दावा है कि उक्त आरोपी आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े हैं। आरोप था कि इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादियों ने 2002 में हुए गोधरा दंगे का प्रतिशोध लेने के लिए बम धमाके की साजिश रची थी।

आजाद भारत के न्यायिक व्यवस्था के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि ​किसी अदालत ने किसी एक मामले में इतनी बड़ी संख्या में लोगों को फांसी की सजा सुनाई हो। अहमदाबाद ब्लास्ट केस में 78 को आरोपी बनाया गया था। इनमें से एक सरकारी गवाह बन गया था। 77 में 28 को बड़ी कर दिगा है। शेष 49 में से 38 को फांसी की सजा और 11 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।

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