Amit Shah : लाल आंख दिखा रहा चीन और अमित शाह पाकिस्तान को दे रहे धमकी, सोशल मीडिया यूजर्स बोले- कहां है 56 इंच?
(अमित शाह : पाकिस्तान पर गरम, चीन पर नरम)
Amit Shah। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने गरुवार 14 अक्टूबर को गोवा के धारबांदोडा में नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के तीसरे परिसर की नींव रखी। इसी दौरान उन्होंने अपने संबोधन में जमकर सरकार की तारीफों के पुल बांधे और वहीं कश्मीर में हो रहे आतंकवादी हमलों को रोकने के लिए पाकिस्तान (Pakistan) के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की चेतावनी भी दे डाली। शाह ने कहा कि पहले सिर्फ बातें होती थीं लेकिन अब बदले का समय आ गया है।
सर्जिकल स्ट्राइक की दी धमकी
शाह ने कहा कि एक वो युग था जब बातों से बात होती थी और फिर एक युग आया कि जैसा सामने से सवाल आएगा, वैसा ही जवाब दिया जाएगा। शाह ने 2016 में की गयी सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) का जिक्र करते हुए कहा कि "पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक करके भारत ने दुनिया को बता दिया कि भारत की सीमाओं से छेड़खानी करना इतना आसान नहीं है।"
पर्रिकर को किया याद
गोवा में अपने भाषण के दौरान गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को याद करते हुए कहा कि उन्होंने गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश को बदलने की शुरूआत की। उन्होंने कहा, 'पर्रिकर ने श्री मोदी के नेतृत्व में रक्षामंत्री के तौर पर दो बड़े काम किए जिनके लिए देश उन्हें हमेशा याद रखेगा। पहला सेनाओं को वन रैंक-वन पेंशन देना तथा दूसरा आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक करना।'
शाह ने कांग्रेस पर भी साधा निशाना
शाह ने कहा कि 2016 में हमारे जवानों ने दुश्मन के घर में घुसकर सेना पर हमले का बदला लिया था, आगे भी ऐसा ही होगा। सर्जिकल स्ट्राइक से दुनिया भी हमारे तेवर समझ गई थी। हमार सीमा के भीतर घुसकर दहशत फैलाने का मौका नहीं देते। जो देश इस तरह के मंसूबे पाल रहे हैं वह यह कतई न भूलें कि हमें सर्जिकल स्ट्राइक दोहराने में देर नहीं लगेगी।
उरी में सेना के बेस कैंप पर हुए आतंकी हमला हुआ था। इस हमले का बदला भारतीय सेना (Indian Army) के कुछ जवानों ने 29 सितंबर 2016 को बॉर्डर के दूसरी ओर जाकर लिया था। भारतीय जवानों ने सर्जिकल स्ट्राइक कर पीओके (Pakistan Occupied Kashmir) में स्थित लॉन्च पैड में मौजूद आतंकियों को मार गिराया और सुरक्षित एलओसी के इस पार लौटे थे।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
अमित शाह के सर्जिकल स्ट्राइक की चेतावनी के बाद पाकिस्तान विदेश मंत्रालय (Ministry Of Foreign Affairs, Pakistan) से बयान जारी किया गया। बयान में पाकिस्तान ने खुद को शांतिप्रिय देश बताते हुए कहा कि अमित शाह का बयान गैर-जिम्मेदार और भड़काऊ है। उनका भ्रमपूर्ण बयान केवल भाजपा-आरएसएस (BJP-RSS) गठबंधन के वैचारिक कारणों और राजनीतिक लाभ दोनों के लिए क्षेत्रीय तनाव को भड़काने की प्रवृत्ति को दिखाता है, जो पाकिस्तान के प्रति शत्रुता पर आधारित है। जबकि पाकिस्तान एक शांतिप्रिय देश है। हम किसी भी आक्रामक मंसूबे को पूरी तरह विफल करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।'
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि 2019 में भारत के बालाकोट दुस्साहस का पाकिस्तान ने तेजी से रिस्पॉन्स दिया। इसमें भारतीय लड़ाकू विमान को गिराना और भारतीय वायुसेना के पायलट को पकड़ना शामिल है। ये भारतीय आक्रमण को रोकने के लिए हमारे सशस्त्र बलों की इच्छा, क्षमता और तैयारियों को पूरी तरह से दिखाता है।
'ग्लोबल टाइम्स' में भारत को धमकी
चीन की सरकार द्वारा नियंत्रित अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक संपादकीय में लिखा है, 'नई दिल्ली एक बात स्पष्ट रूप से समझ ले। जिस तरीके से वह सीमा को हासिल करना चाहती है, उस तरीके से उसे वह नहीं मिलेगी। अगर युद्ध शुरू होता है तो निश्चित रूप से उसे हार का सामना करना पड़ेगा। चीन और भारत के बीच सीमा विवाद अभी भी बरकरार है। इसका मूल कारण भारतीय पक्ष की ओर से वार्ता में एक सही रवैये की कमी है। वास्तविक स्थिति के इतर भारत की मांगें अव्यावहारिक होती हैं।'
कांग्रेस ने सरकार पर बोला हमला
पाकिस्तान पर अमित शाह के बयान के बाद कांग्रेस ने पूछा है कि सरकार कब तक चीन को भारतीय क्षेत्र से बाहर करेगी। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ''अमित शाह को सबसे पहले चीन शब्द का उच्चारण करने की सलाह दी जाती है, जिससे मोदी सरकार डरती है और फिर हमें बताएं कि सरकार चीन को भारतीय क्षेत्र से कब तक बाहर धकेलेगी। हमारे 900 किलोमीटर भारतीय क्षेत्र को दोबारा हासिल करने के लिए उन्हें एक समयसीमा तय करनी चाहिए, जिस पर चीन द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है।''
भारत के लिए चीन असली खतरा
रक्षा विशेषज्ञ पथिकृत पायने ने एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में अमित शाह के सर्जिकल स्ट्राइक की चेतावनी पर बात करते हुए कहा कि "पाकिस्तान को चेतावनी ठीक है। लेकिन अभी पाकिस्तान से बड़ा खतरा चीन है। उसी की शह पर पाकिस्तान उछल रहा है। चीन भारत पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाना चाहता है। इस गेम में उसने चमचे पाकिस्तान को लगाया हुआ है। ऐसे में पाकिस्तान के साथ चीन को लेकर भी हमें मुस्तैद रहने की जरूरत है।" उन्होंने कहा कि "चीन के साथ आंखों में आंखें डालकर देखने की जरूरत है। उसके साथ हमारा स्टैंड कहीं भी नरम नहीं पड़ना चाहिए।"
भारतीय सैनिकों का कथित वीडियो किया जारी
इस बीच चीनी मीडिया द्वारा सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया गया है जिसमें चीनी सेना के जवान भारतीय सैनिकों को पकड़कर चलते हुए दिखाई दे रहे हैं। चीन के शेन शिवेई नाम के हैंडल ने वीडियो को साझा करते हुए लिखा- चीनी सेना द्वारा पकड़े गए घायल भारतीय सैनिकों का एक वीडियो सामने आया है। पिछले साल गलवान घाटी में?, भारतीय सैनिकों ने नियमों का उल्लंघन किया और चीनी सेना के जवानों के साथ शारीरिक संघर्ष हुआ।
पूर्व आईएएस सूर्यप्रताप सिंह ने इस ट्वीट को साझा करते हुए लिखा- 18 घंटे पहले चीन के State-Affiliated मीडिया के हवाले से ये बैचेन करने वाला वीडियो पोस्ट किया गया है। चीनी सेना द्वारा घायल भारतीय सैनिकों को गलवान घाटी में कैप्चर किया गया और उनकी इतनी गंभीर हालत कर दी गई। यदि ये सही है तो कहां है 56"?
18 घंटे पहले चीन के State-Affiliated मीडिया के हवाले से ये बैचेन करने वाला वीडियो पोस्ट किया गया है। 😡
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) October 15, 2021
चीनी सेना द्वारा घायल भारतीय सैनिकों को गलवान घाटी में कैप्चर किया गया और उनकी इतनी
गंभीर हालत कर दी गई।
यदि ये सही है तो कहां है 56"?#GalwanValley https://t.co/Reno4KuQEV
पश्चिम उत्तर प्रदेश कांग्रेस सेवा दल ने भी इस वीडियो को साझा किया और लिखा- विजय दशमी के अवसर पर नरेंद्र मोदी का देश को उपहार। कहाँ से कहाँ ला दिया भारत माता को। दु:खद।
विजय दशमी के अवसर पर @narendramodi का देश को उपहार। ❗️कहाँ से कहाँ ला दिया भारत माता को❗️दु:खद❗️ pic.twitter.com/2geosCqyfs
— West Uttar Pradesh Congress Sevadal (@SevadalUPW) October 15, 2021
कांग्रेस के सोशल मीडिया डिपार्टमेंट के चेयरमैन रोहन गुप्ता ने भी इस वीडियो को साझा किया और लिखा- 'मोदी सरकार इस पर अब भी क्यों चुप है ? क्या यह वीडियो सही है ? अगर सही है तो चीन के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई या की जाएगी? देश के हर नागरिक को यह जानने का अधिकार है।'
मोदी सरकार इस पर अब भी क्यों चुप है ? क्या यह वीडियो सही है ? अगर सही है तो चीन के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई या की जाएगी? देश के हर नागरिक को यह जानने का अधिकार है ।
— Rohan Gupta (@rohanrgupta) October 15, 2021
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उपराष्ट्रपति के अरुणाचल दौरे पर आपत्ति
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायूड ने बीते 9 अक्टूबर को अरुणाचल प्रदेश का दौरा कि तो चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर अपना विरोध जताया। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन की सरकार अरुणाचल प्रदेश को राज्य के तौर पर मान्यता नहीं देती है। इस क्षेत्र पर भारत द्वारा अवैध कब्जा किया गया है। इस क्षेत्र में भारत के राजनयिक दौरे का विरोध करते हैं। हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय (Ministry Of External Affairs) ने इस दावे का खारिज करते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है।
बता दें कि पाकिस्तान और चीन के साथ भारत का सीमा विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। भारतीय जनता पार्टी के नेता और मोदी सरकार पाकिस्तान को लेकर तो खूब धमकी भरे अंदाज में बयान देती रही है लेकिन चीन को लेकर उसी तरह तीखी प्रतिक्रिया कम ही देखने को मिलती है। बीते साल जून को गलवाट घाटी में हुए खूनी संघर्ष के बाद प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संदेश में चीन का नाम तक नहीं लिया गया था।