App Based Cab Service : ड्राइवरों के 'कैंसल' टॉर्चर से परेशान हैं ऐप बेस्ड कैब सर्विस वाले ग्राहक
App Based Cab Service : मोबाइल ऐप आधारित कैब सर्विस (Cab Service) का इस्तेमाल करने वाले लोग इन दिनों दो चीजों को लेकर बड़े परेशान हैं। एक तो राइड एक्सेप्ट करने के बाद ड्राइवर फोन करके पूछता है की कहां जाना है और अगर आपकी बताई जगह पर जाने का ड्राइवर का मन नहीं हुआ तो वह या तो खुद आपकी राइड कैंसल कर देगा या तब तक आएगा ही नहीं, जब तक कि आप खुद राइड कैंसल नहीं कर देते। भले ही ऐसा करने पर आपको अलग से पेनल्टी क्यों न देनी पड़े क्योंकि ऐप पर ड्राइवर ऑन रुट दिखाएगा। ऐसे में राइड एक्सेप्ट करके के बाद उसे कैंसल करने को कंपनी आपकी गलती मानेगी।
ड्राइवर ऐसे कर देते हैं परेशान
इसी तरह अगर अपने पेमेंट का मोड़ कैश के बजाय वॉलेट या ऑनलाइन डाला है तो भी कई ड्राइवर आपकी बुकिंग कैंसल कर देते हैं। ऐसे में अगर किसी को जरुरी काम से कहीं जाना है तो वह परेशान होता रहेगा। अब लोकल सर्कल के सर्वे में भी ऐप आधारित कैब सेवाओं का इस्तेमाल करने वाले 79 पर्सेंट लोगों का कहना है कि ड्राइवर की मुफीद जगह ना हो या कैश पेमेंट ना हो तो वे राइड कैंसल करने पर मजबूर करते हैं। चूंकि हमारे देश में कस्टमर सर्विसेज का पहले ही बुरा हाल है, ऐसे में शिकायत करने के बावजूद पैसेंजर की सुनवाई नहीं होती।
ड्राइवरों द्वारा इस 'उगाही' को लेकर लोगों ने खासी चिंता जताई है। लोकल सर्कल ने कैब एग्रीगेटर्स की सेवाओं का स्टार जानने के लिए देश के 324 जिलों के 65 हजार से अधिक लोगों के बीच मेगा नेशनल सर्वे किया था। जिसके नतीजों से ये खुलासे हुए हैं।
कैब सेवाओं के संतुष्टि का स्तर नीचे
बता दें कि सर्वे में 58 परसेंट लोगों ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान उन्होंने ऐप आधारित कैब सेवाओं का इस्तेमाल किया और इसके पीछे सबसे प्रमुख कारण उन्होंने आने-जाने में सुविधा या आसानी को बताया। हालांकि कैब सेवाओं को लेकर संतुष्टि का स्तर बहुत अच्छा नहीं है। 2 साल पहले मोटर वीकल एग्रीगेटर्स के लिए सरकार द्वारा गाइडलाइंस बनाए जाने के बावजूद 71 प्रतिशत लोगों ने बताया कि ड्राइवरों द्वारा राइड कैंसल करने की समस्या बरकरार है।
करीब 47 प्रतिशत लोगों ने इसी सबसे प्रमुख समस्या बताया है। वहीं करीब 45 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उन्हें सर्ज प्राइसिंग के नाम पर डेढ़ गुना से भी ज्यादा किराया देना पड़ेगा। करीब 32 प्रेजेंट लोगों ने इसे ऐसे एक बड़ी समस्या बताया। करीब 9 प्रतिशत लोगों ने लंबे वोटिंग टाइम को, 4 प्रतिशत लोगों ने कैंसिलेशन चार्ज लिए जाने को, 5 प्रतिशत लोगों ने सुरक्षा से जुड़े मुद्दे को और 3 प्रतिशत लोगों ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन न करने का मुद्दा बताया।