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Aurangabad News : दलित को हाउसिंग प्रोजेक्ट में घर बेचने से किया मना, पुलिस ने दर्ज की FIR

Janjwar Desk
12 Jan 2022 2:18 PM GMT
Aurangabad News : दलित को हाउसिंग प्रोजेक्ट में घर बेचने से किया मना, पुलिस ने दर्ज की FIR
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दलित को हाउसिंग प्रोजेक्ट में घर बेचने से किया मना

Aurangabad News : महाराष्‍ट्र (Maharashtra) के औरंगाबाद (Aurangabad) में एक निर्माणाधीन प्राइवेट हाउसिंग प्रोजेक्‍ट साइट के मालिकों और कर्मचारियों के खिलाफ चिकलथाना पुलिस (CHIKALTHANA police) ने एक दलित परिवार (Dalit Family) को एक घर बेचने से कथित रूप से इनकार करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की है...

Aurangabad News : महाराष्‍ट्र (Maharashtra) के औरंगाबाद (Aurangabad) में एक निर्माणाधीन प्राइवेट हाउसिंग प्रोजेक्‍ट साइट के मालिकों और कर्मचारियों के खिलाफ चिकलथाना पुलिस (CHIKALTHANA police) ने एक दलित परिवार (Dalit Family) को एक घर बेचने से कथित रूप से इनकार करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की है|

यह है मामला

चिकलथाना पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की है| दर्ज एफआईआर के अनुसार इस मामले में शिकायतकर्ता 39 वर्षीय महेंद्र गंडले (Mahendra Gandle) एक घर खरीदना चाहता था और उसके दोस्त ने इस आवास परियोजना का सुझाव दिया था| जिसके बाद महेंद्र गंडले 7 जनवरी को औरंगाबाद (Aurangabad) में उस स्थान पर गए, जहां उन्हें साइट पर कर्मचारी द्वारा एक नमूना घर दिखाया गया था|

महेंद्र गंडले ने आरोप लगाया है कि जब उन्होंने घर खरीदने में रुचि दिखाई, तो कर्मचारी ने उनकी जाति (Caste) के बारे में पूछा और जब उन्होंने इसका खुलासा किया, तो कर्मचारी ने कहा कि परियोजना के मालिकों ने उन्हें किसी भी दलित व्यक्ति (Dalit Person) को संपत्ति नहीं बेचने के लिए कहा था| जिसके बाद इस मामले की शिकायत करने महेंद्र गंडले थाने पहुंचा और यहां उसने अपनी शिकायत दर्ज कराई|

इस मामले को लेकर ट्विटर पर भी लोग सवाल उठा रहे है| उनका कहना है कि जातिवाद के नाम पर दलितों का शोषण होता है| इस मामले पर पत्रकार सुमित चौहान ने ट्विटर पर तंज कसते हुए लिखा कि 'अब कहा होता है जातिवाद? अब तो सब बराबर है| नहीं?'

संगीन धाराओं में केस दर्ज

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस मामले में चिकलथाना पुलिस ने छह लोगों के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 (Scheduled Caste and Scheduled Tribe (Prevention of Atrocities) Act, 1989) और धारा 4 (अस्पृश्यता के उपदेश और अभ्यास के लिए सजा) Section 4 (Punishment for the preaching and practice of Untouchability), धारा 6 (जो कोई भी "अस्पृश्यता" के आधार पर किसी भी सेवा को बेचने से इनकार करता है) Section 6 (whoever on the ground of untouchability refuses to sell any services) और नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 के तहत 7(1-ए) (प्रतिशोध के रूप में अस्पृश्यता का अपराध) 7(1-A) (offence of untouchability as a revenge) under Protection of Civil Rights Act 1955 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है| फिलहाल इस मामले की जांच जारी है|

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