Baba Ramdev ने चढ़ाई कलियर शरीफ दरगाह पर चादर तो उठने लगे सवाल, सन्त बोले बाबा को आर्य समाज से करो निष्कासित
(कलियर शरीफ दरगाह में पहुंचे थे बाबा रामदेव)
सलीम मलिक की रिपोर्ट
Baba Ramdev: बाबा रामदेव (Baba Ramdev) दो दिन पूर्व दिल्ली से वापसी के दौरान विश्व प्रसिद्ध दरगाह पिरान कलियर में योग गुरु बाबा रामदेव द्वारा कलियर शरीफ (Kaliyar Shareef) की मजार पर फूल और चादर चढ़ाने का मामला बाबा को भारी पड़ने लगा है। इसको लेकर धर्मनगरी हरिद्वार के संतों में खासा रोष है। रामदेव का दरगाह पर इस तरह जाना हिंदू धर्म की आस्था के साथ खिलवाड़ बताया जाने लगा है। कथित धर्मसंसद के बाद अब कट्टरवादियों द्वारा इस मामले में रामदेव की घेराबंदी की जा रही है।
बता दें कि पतंजलि योगपीठ (Patanjali Yogpeeth) के योग गुरु बाबा रामदेव दो दिन पूर्व दिल्ली से आते वक्त रुड़की के कलियर शरीफ दरगाह में अचानक पहुंच गए थे। जहां योग गुरु बाबा रामदेव कड़ी सुरक्षा के बीच कलियर शरीफ पर अपने हाथों से चादर चढ़ाकर पूरे भारत और विश्व में अमन और सलामती कि दुआ की थी। कलियर शरीफ दरगाह के सुपरवाइजर सिकंदर ने योग गुरु बाबा रामदेव की अगवानी कर दुआएं कराई थी।
इस मौके पर पुलिस प्रशासन द्वारा बाबा रामदेव का दौरा पूरी तरह से गोपनीय रखा गया था। यहां तक कि किसी को भी फोटो खींचने की भी अनुमति नहीं दी गई। सीओ रुड़की की मौजूदगी में कड़ी सुरक्षा के बीच बाबा रामदेव को दरगाह के अंदर ले जाया गया जहां बाबा रामदेव ने हजरत साबिर साहब के मजार पर चादर और फूल पेश किए इसके बाद बाबा रामदेव कुछ देर के लिए दरगाह के कार्यालय में भी रुके। दरगाह से जुड़ी कुछ जानकारियां हासिल करने के बाद वह लौट गए थे।
अब दो दिन बाद इस मामले में कट्टरपंथी संतों की टिप्पणियां आनी शुरू हो गई हैं। रामदेव के इस कदम को धर्मविरोधी बताते हुए कई संत अपनी अलग-अलग वजह से उनके विरोध में आ गए हैं।
शाम्भवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने पत्रकारों से कहा कि वे मानते थे कि बाबा रामदेव दयानन्द सरस्वती को मनाने वाले आर्य समाज के समर्थक है उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव ने पिरान कलियर पर जा कर ठीक नहीं। किया है। उन्हें संत समाज से माफी मांगनी चाहिए।
जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद गिरी ने कहा कि वह भी मानते रहे हैं कि बाबा रामदेव आर्य समाज के मानने वाले सनातनी संत हैं उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव ने एक मजार पर जाकर,ना केवल सनातन धर्म के साथ गद्दारी करी है बल्कि अपने आर्य समाज के प्रवर्तक दयानंद सरस्वती के आदर्शों के साथ भी गद्दारी की है साथ ही यह एक विश्वासघात है। वही इसी विषय पर बोलते हुए स्वामी आनंद सरस्वती ने कहा कि वैसे तो आर्य समाज मूर्ति पूजा को नहीं मानता है तो वहीं दूसरी तरफ नकली आर्य समाजी बाबा रामदेव एक मजार पर जाकर चादर चढ़ाते हैं इस पर आर्य समाज को तुरंत कार्रवाई करते हुए बाबा रामदेव को आर्य समाज से बहिष्कृत करना चाहिए।