Bakrid 2022 : हिंदू थे हमारे पूर्वज, बकरीद पर गाय नहीं खाएंगे तो मर नहीं जाएंगे - Badruddin Ajmal
Bakrid 2022 : हिंदू थे हमारे पूर्वज, बकरीद पर गाय नहीं खाएंगे तो मर नहीं जाएंगे - Badruddin Ajmal
Bakrid 2022 : भारत में सभी त्योहार मिलजुल कर मनाए जाते हैं। चाहे वो होली-दिवाली हो या रमजान या बकरीद ( Bakrid )। कल यानि 10 जुलाई इस्लाम धर्म का दूसरा सबसे बड़ा त्योहार ईद उल अजहा यानी बकरीद है। बकरीद से दो दिन पहले लोकसभा सांसद और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF Badruddin Ajmal ) के प्रमुख मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने असम के मुसलमानों से हिंदुओं की भावनाओं ( Hindu Sentiments ) का सम्मान करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि बकरीद पर गायों की बलि नहीं देने की अपील की है।
RSS का सपना कभी नहीं होगा पूरा
एआईयूडीएफ के प्रमुख मौलाना बदरुद्दीन अजमल (AIUDF Badruddin Ajmal ) असम राज्य जमीयत उलमा (ASJU) के अध्यक्ष भी हैं। वह देवबंदी स्कूल ऑफ थिंक से संबंधित इस्लामिक विद्वानों के प्रमुख संगठनों की टॉप बॉडी है। अजमल ने कहा कि आरएसएस के कुछ लोग हिंदू राज बनाने की कोशिश कर हिंदुस्तान को खत्म करना चाहते हैं। हिंदू राज कभी उनके सपनों में भी नहीं होगा। वे इस देश में मुसलमानों और हिंदुओं के बीच एकता को नहीं तोड़ सकते।
हमारे भी पूर्वज थे हिंदू
अगर आप लोग ईद पर एक दिन के लिए गाय नहीं खाएंगे तो मरेंगे नहीं। हम तो इसे हिंदू भाइयों के साथ मनाते हैं। हमारे सभी पूर्वज हिंदू थे। वे इस्लाम में आए क्योंकि इसमें विशेष गुण हैं, जो कि अन्य धर्मों की भावनाओं का सम्मान करना है।
सनातनी लोग गाय को मां मानता है
एआईयूडीएफ के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल (AIUDF Badruddin Ajmal ) ने हाल ही में कहा था कि हिंदुओं का सनातन धर्म गाय को मां मानता है और उसकी पूजा करता है। हमें उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस्लामी मदरसे दारुल उलूम देवबंद ने 2008 में सार्वजनिक अपील की थी कि बकरीद पर गाय की कुर्बानी न दी जाए। उसने यह बताया था कि इस बात का कोई उल्लेख या अनिवार्यता नहीं है कि गाय की ही बलि देनी होगी।
सिर कलम करने की बात बेवकूफी
एआईयूडीएफ प्रमुख अजमल (AIUDF Badruddin Ajmal ) ने पूर्व भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा की पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी और उसके जवाब में भीषण हत्याओं के विवाद पर भी अपनी टिप्पणी में कहा कि मुसलमानों को प्रतिक्रिया नहीं करनी चाहिए। इसके बजाय, उन्हें प्रार्थना करनी चाहिए कि भगवान नुपुर शर्मा जैसे लोगों को दिमाग दें। जो लोग सिर काटने की बात करते हैं, वह बेवकूफी है। उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि पार्टी राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट दे सकती है।