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Bhaiyyu Maharaj Suicide Case : भय्यू महाराज सुसाइड केस में 3 साल बाद आया फैसला, 3 आरोपियों को 6 साल की सजा

Janjwar Desk
28 Jan 2022 1:59 PM GMT
Bhaiyyu Maharaj Suicide Case : भय्यू महाराज सुसाइड केस में 3 साल बाद आया फैसला, 3 आरोपियों को 6 साल की सजा
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भय्यू महाराज सुसाइड केस में 3 साल बाद आया फैसला

Bhaiyyu Maharaj Suicide Case : मध्य प्रदेश के बहुचर्चित भय्यू महाराज सुसाइड केस में आज 3 साल बाद फैसला आ गया है, इंदौर जिला कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र सोनी ने शिष्या पलक, मुख्य सेवादार और शरद को दोषी ठहराया है....

Bhaiyyu Maharaj Suicide Case : मध्य प्रदेश के बहुचर्चित भय्यू महाराज सुसाइड केस में आज 3 साल बाद फैसला आ गया है। इंदौर जिला कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र सोनी ने शिष्या पलक, मुख्य सेवादार और शरद को दोषी ठहराया है। तीनों दोषियों को 6-6 साल कैद की सजा सुनाई है| बता दें कि पहले यह तीनों 1105 दिन जेल में रह चुके हैं। यानी आधी सजा पहले ही काट चुके हैं, इसलिए उन्हें अब सिर्फ 3 साल और जेल में रहना होगा।

महाराज के जिंदगी में शिष्या पलक की एंट्री

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फैसले में दर्ज बयानों से इस बात का खुलासा हुआ है कि शिष्या पलक की एंट्री भय्यू महाराज के जिंदगी में बहुत पहले ही हो गई थी। तब पहली पत्नी भी जिंदा थी। पहली पत्नी के मौत के बाद सबसे पहला शक महाराज की बहन को हुआ था, लेकिन महाराज यह कह कर रह गए थे मैं फंस गया हूं निकलना चाहता हूं। इसके साथ ही यह खुलासा भी हुआ के पलक महाराज का बाथरूम बेडरूम तक शेयर करती थी।

बेटी ने प्रतिक्रिया देने से किया इनकार

बता दें कि इस मामले में सेवादार विनायक की जमानत को लेकर आरोपी के वकील सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा चुके हैं। वहीं इस फैसले पर भय्यू महाराज की बेटी को कुहू कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कुहू ने कहा कि अभी कुछ नहीं कहूंगी। मौका आने पर जरूर बोलूंगी तब पता चल जाएगा।

कोर्ट में किए गए थे 32 गवाह पेश

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में विनायक की जमानत के लिए आरोपी के वकील धर्मेंद्र गुर्जर ने एक आवेदन पेश किया था। जहां सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को 6 महीने में खत्म करने की बात कही थी लेकिन कोरोना के कारण सर्वोच्च न्यायालय ने फिर से 6 महीने का समय दिया था। बता दें कि इस मामले में कोर्ट में 32 गवाह पेश किए गए थे। भय्यू महाराज की दूसरी पत्नी आयुषी, बेटी कुहू और बहन समेत डॉ पवन राठी के बयान को अहम माना गया था।

घटना के 6 महीने बाद हुई थी गिरफ्तारी

बता दें कि जांच के दौरान तत्कालीन सीएसपी सुरेंद्र सिंह ने कहा था कि महाराज के पास से पुलिस को एक डायरी मिली थी। डायरी में भय्यू महाराज ने लिखा था कि जीवन से परेशान हूं, इसलिए जीवन छोड़ रहा हूं। इस डायरी में उन्होंने आरोपी विनायक को विश्वासपात्र बताया था। डीएसपी सुरेंद्र सिंह ने यह भी बताया था कि मामले में जांच के तहत कुछ लोगों के बयान दर्ज किए गए थे। इनमें से किसी ने भी आरोपियों पर शक नहीं जताया था। आत्महत्या वाली घटना के 6 महीने बाद पुलिस ने विनायक, शरद और पलक को आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार किया था। इससे पहले घटना के 6 महीने तक किसी पर भी कोई आरोप नहीं लगा था।

दूसरी पत्नी आयुषी का बयान

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस पूरे मामले में भय्यू महाराज की दूसरी पत्नी आयुषी ने कोर्ट के समक्ष पेश होने के लिए कई बार अलग-अलग दलील पेश की थीं। आरोपी पक्ष द्वारा सबसे लंबा क्रॉस एग्जामिनेशन का किया गया था। बयान देते वक्त एक बार आयुषी कोर्ट में रोने भी लगी थी।

महाराज ने पहले भी की थी आत्महत्या की कोशिश

जिला न्यायालय में बचाव पक्ष के गवाह ने अपने बयान दर्ज कराए थे। जिसमें सेवादार प्रवीण ने कोर्ट के सामने कहा था कि घटना के 1 महीने पहले भी भय्यू महाराज अपने आप को गोली मारने की कोशिश कर चुके थे लेकिन सेवादार ने बंदूक छिपा दी थी। जिसके बाद उनकी दूसरी पत्नी आयुषी ने ही फोन पर यह जानकारी मांगी की बंदूक कहां छुपाई है। इसके बाद सेवादार प्रवीण घाड़गे ने भय्यू महाराज की दूसरी पत्नी आयुषी को कहा था कि यदि वह बंदूक महाराज को दे देंगे तो वह कोई गलत कदम उठा सकते हैं, लेकिन आयुषी ने सेवादार को यह कहा कि महाराज को शहर जाना है, इसलिए उन्हें बंदूक की जरूरत है।

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