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Farmers Protest: 'महापंचायत का होगा आयोजन, हर साल करेंगे किसान आंदोलन मेला' राकेश टिकैत ने बताई किसानों की रणनीति

Janjwar Desk
12 Dec 2021 6:45 AM GMT
UP Election 2022 : राकेश टिकैत हुए हमलावर, बोले- ईमानदारी से परिणाम आए तो BJP को होगा काफी नुकसान
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राकेश टिकैत हुए हमलावर, बोले- ईमानदारी से परिणाम आए तो BJP को होगा काफी नुकसान

Farmers Protest: टिकैत ने कहा कि हर साल 10 दिन का किसान आंदोलन मेला आयोजित किया जाएगा। वहीं किसानों की समस्याओं पर बात करने के लिए समय-समय पर महापंचायत भी आयोजित होगी...

New Delhi: केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानून बिल (Three Farmers Bill) वापस लिए जाने के बाद एक साल से दिल्‍ली की सीमा पर बैठे किसान अब अपने घरों को लौट गए हैं। इसी बीच भारतीय किसान संघ के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने आंदोलन के बाद आगे की रणनीति बताई है। किसानों की रणनीति को लेकर बड़ी घोषणा करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि महापंचायत का आयोजन समय समय पर होता रहेगा। इसके अलावा हर साल 10 दिन का किसान आंदोलन मेला का भी आयोजन किया जाएगा।

किसान नेता टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन को याद रखने के लिए हर साल 10 दिन का किसान आंदोलन मेला आयोजित किया जाएगा। वहीं किसानों की समस्याओं पर बात करने के लिए समय-समय पर महापंचायत (Kishan Mahapanchayat) भी आयोजित होगी। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक रविवार 12 दिसंबर को किसानों का एक बड़ा समूह गाजीपुर बॉर्डर (Gajipur Border) खाली करने जा रहा है। इससे पहले राकेश टिकैत ने कहा कि हमने कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग सफलता पूर्वक पूरी करा ली है लेकिन इसके बाद भी किसान महापंचायतें जारी रहेंगी। टिकैत ने कहा कि हम हर साल 10 दिवसीय किसान आंदोलन मेला करेंगे। इसके अलावा समय-समय पर महापंचायत भी आयोजित की जाएंगी।" राकेश टिकैत ने इस दौरान आंदोलन (Kisan Andolan) के दौरान केंद्र सरकार पर लगातार दबाव बनाने के लिए मीडिया की अहम भूमिका की भी तारीफ की।

गौरतलब है कि 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इस बात की घोषणा की थी कि सरकार तीन कृषि कानूनों को वापस ले लेगी। इसके बाद 29 नवंबर को शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों में प्रक्रिया पूरी करने के बाद इन कानूनों को वापस ले लिया गया। हालांकि, इसके बाद भी धरना दे रहे किसानों ने अपनी सारी मांगे पूरी होने तक आंदोलन खत्‍म करने से इनकार कर दिया था। इन मांगों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी और किसानों के खिलाफ दर्ज हुए मामलों को वापस लेना शामिल था। इस पर केंद्र सरकार ने लिखित आश्वासन दिया था, जिसके बाद किसानों ने 11 दिसंबर को दिल्ली की सीमा को खाली करने की बात कही थी।

शनिवार 11 नवबंर को आंदोलन के सफलतापूर्वक खत्म होने के बाद आंदोलनकारी किसान एक साल बाद दिल्ली बॉर्डर से अपने घर पहुंचने लगे हैं। बड़ी संख्या में धरनास्थल खाली हो चुके हैं। अब किसान 15 जनवरी को एक समीक्षा बैठक करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने बयान में कहा कि अगर सरकार अपने वादों को पूरा नहीं करती है तो हम अपना आंदोलन फिर से शुरू करेंगे।

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