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Bhawanipur By Election Live Updates 2021: आज EVM में कैद होगा ममता का भविष्य, ममता की टक्कर BJP की प्रियंका टिबरेवाल से

Janjwar Desk
29 Sep 2021 6:32 PM GMT
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(भवानीपुर में शाम 5 बजे तक 53 फीसदी मतदान हुआ है जो अन्य सीटों पर उपचुनाव में हुई वोटिंग के मुकाबले बहुत कम है)

Bhawanipur By Election Live Updates 2021: आज ​EVM में कैद होगा ममता का भविष्

Bhawanipur By Election Live Updates 2021: पश्चिम बंगाल की भवानीपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव में सत्तारूढ़ दल तृणमूल की प्रमुख ममता बनर्जी चुनावी मैदान में हैं। इस चुनाव के नतीजे का असर ममता के राजनीतिक भविष्य पर पड़ने की सम्भावना है। इस सीट पर ममता के मुकाबले भाजपा ने कलकत्ता हाईकोर्ट में वकील प्रियंका टिबरेवाल को मैदान में उतारा है। यहाँ तृणमूल ममता की जीत को लेकर चिंतित नहीं है। उसकी चिंता जीत के अंतर को बढ़ाना है।

भाजपा से 80 नेता आखिरी दिन प्रचार में देखें गए, वहीं ममता बनर्जी लोगों के घर जाकर वोट मांगती हुईं दिखीं। तृणमूल ने भवानीपुर को अपनी बेटी चाहिए कैंपेन चलाया, तो भाजपा चुनाव बाद हिंसा का मुद्दा उठाती रही। बीजेपी ने एक वीडियो जारी किया है, वीडियो का टाइटल दिया गया है, अब खेला नहीं होगा, न्याय होगा।

बता दें कि भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार तक नहीं दिया है, वहीं माकपा ने ये कहते हुए श्रीजीब बिस्वास को उतारा कि लोगों के लिए विकल्प जरूरी है। श्रीजीब बिस्वास प्रचार करते हुए विवादों में रहे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास की ओर जाने वाली सड़क पर प्रचार करने से रोके जाने पर पुलिस से भीड़ गए थे और पुलिस पर गैरकानूनी तरीके से रोके जाने का आरोप लगाया था।

2011 के विधानसभा चुनाव में ममता ने लेफ्ट का 34 साल पुराना किला ध्वस्त किया था। भवानीपुर सीट से टीएमसी के सुब्रत मुखर्जी जीते थे, बाद में ममता के लिए सीट खाली करना पड़ा था। उपचुनाव में ममता बनर्जी ने 77.46 फीसदी वोटों के साथ सीपीएम की नंदनी मुखर्जी को करीब 95 हजार वोटों से शिकस्त दी।

2016 के विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो ममता की जीत का अंतर बहुत कम हो गया। इस बार ममता को 65,520 वोट मिले। यानी 2011 में जितना उनकी जीत का अंतर था उससे भी 30 हजार कम वोट उन्हें मिले।

इस साल अप्रैल-मई के विधानसभा चुनाव में भी यहाँ से तृणमूल उम्मीदवार शोभनदेव चटोपाध्याय मैदान में थे और उन्होंने करीब 29 हजार वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। लेकिन ममता के हार के बाद शोभनदेव ने इस्तीफा देकर मुख्यमंत्री के लिए यह सीट खाली कर दी थी।

भवानीपुर सीट की अनुमानित साक्षरता दर 87.14 फीसदी है। 2021 के चुनाव में यहां कुल 2,06,272 वैध मतदाता थे, जिनमें से 1,11,151 पुरुष, 95,117 महिलाएं और 4 अन्य लिंग के वोटर थे। 2016 के चुनाव में कुल वैध वोटर्स 2,05,713 थे। इनमें से 1,12,548 पुरुष और 93,162 महिलाएं वोटर थीं। इसके अलावा 3 अन्य लिंग के वोटर थे।

दक्षिण कोलकाता की इस विधानसभा सीट के जातीय समीकरण दिलचस्प हैं। यहाँ की विविधतापूर्ण आबादी के लिए इसे मिनी इंडिया कहा जाता है। इस इलाके के करीब 40 फीसदी वोटर गैर बंगाली हैं और 20 फीसदी मुस्लिम आबादी है। सिख परिवारों के अलावा यहाँ गुजराती, उड़िया, मारवाड़ी, पंजाबी, बिहारी, बंगाली बड़ी तादाद में रहते हैं। गुजराती और मारवाड़ी तबके के लोगों को पारंपरिक रूप से भाजपा का समर्थक माना जाता है। शायद इसी वजह से बीजेपी ने यहाँ एक हिंदी भाषी प्रियंका टिबरेवाल को मैदान में उतारा है।

कोलकाता के भवानीपुर इलाके में देर रात तक खुली रहने वाली चाय की मशहूर दुकान बलवंत सिंह इटरीज़ पर चाय पी रहे सोमेश्वर पाल का कहना है की "भवानीपुर दीदी का गढ़ और घर है। यहां उनकी जीत में कोई संदेह नहीं है। मौसम विभाग ने मंगलवार और बुधवार को बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव के चलते कोलकाता में भारी बारिश की चेतावनी दी है। मौसम ठीक रहा तो मैं भी वोट देने जाऊंगा।" ये टिप्पणी ही इस अहम सीट पर हो रहे उप-चुनाव की पूरी तस्वीर बयान करती है।

ममता बनर्जी के लिए यहां जीतना बहुत ज़रूरी है। लेकिन उन्हें या टीएमसी को अपनी जीत पर कोई संदेह नहीं है। उनकी असली चिंता मतदान के दिन वोटरों को घर से निकाल कर मतदान केंद्रों तक पहुंचाने की है ताकि जीत का अंतर अधिक से अधिक रह सके।

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