बॉम्बे हाईकोर्ट ने वरवरा राव को दी 6 महीने की सशर्त जमानत, भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में हैं आरोपी
बेल पर जेल से बाहर आए कवि वरवर राव पर NIA कोर्ट ने थोपी शर्त : न सोशल मीडिया पर लिख सकते, न इंटरव्यू दे सकते और न ही किसी से मिल सकते हैं
मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने भीमा कोरेगांव केस में आरोपी कवि वरवरा राव को छह महीने की जमानत दे दी है। हाईकोर्ट ने 81 वर्षीय राव को मेडिकल आधार पर जमानत देने का फैसला किया है।
जस्टिस एसएस शिंडे और मनीष पिटाले की बेंच ने कहा कि छह महीने बाद वरवरा राव या तो सरेंडर कर सकते हैं या फिर अपनी जमानत की अवधि को बढ़वा सकते हैं। हालांकि वरवरा राव को सशर्त जमानत दी गई है। कोर्ट ने कहा कि वरवरा राव कोर्ट की प्रक्रिया से संबंधित कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं दे सकते और सह-आरोपी के साथ संपर्क भी नहीं साध सकते।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि आरोपी वरवरा राव को जिस तलोजा जेल में रखा गया था, वहां की हालत अच्छी नहीं थी। इसके अलावा वरवरा राव की पत्नी हेमलता राव ने कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने अपने पति के स्वास्थ्य, सम्मान और जीवन के मूलभूत आधारों का जिक्र किया।
वरवरा राव की पत्नी हेमलता ने अपनी याचिका में भारतीय संविधान के आर्टिकल 21 के तहत मिले अधिकारों का हवाला देते हुए कहा कि तलोजा जेल अधिकारियों ने इसका उल्लंघन किया है। उन्होंने वरवरा राव को समय से सही इलाज नहीं दिया।
28 अगस्त 2018 से वरवरा राव जेल में बंद हैं और उन पर यूएपीए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। हेमलता का प्रतिनिधित्व कर रहीं वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह का कहना है कि 365 दिनों में से 149 दिनों तक वरवरा राव ने अस्पताल में अपने दिन काटे।