Bihar News: धनकुबेर निकला बिहार पुलिस का अदना सा सिपाही, करोड़ों के प्लॉट-मकान व मॉल के अलावा दौड़ते थे कई ट्रक भी
(बिहार पुलिस के इस सिपाही के पास वेतन की 500 गुनी संपति का खुलासा हुआ है, जो करोड़ों की है)
Bihar News : (जनज्वार)। बिहार (Bihar) में इन दिनों अधिकारियों, पुलिसकर्मियों और अन्य सरकारी कर्मचारियों के आय से अधिक संपत्ति के मामले लगातार सुर्खियां बटोर रहे हैं। कई आईपीएस रैंक (IPS rank) के अधिकारियों के यहां छापेमारी में आय से अधिक संपत्ति पाए जाने के बाद उनके विरुद्ध निलंबन (suspension) जैसी कार्रवाई भी हुई है। तो फिलहाल एक सिपाही द्वारा अर्जित की गई अकूत संपत्ति का मामला लाइमलाइट में है। यह सिपाही बिहार पुलिस मेंस एसोशिएशन का अध्यक्ष रहा है और इओयू की छापेमारी में इसके पास आय से 500 गुनी से ज्यादा की संपति का पता चला है जबकि अभी इसकी और संपत्तियों को खंगाला जा रहा है।
बिहार पुलिस का सिपाही (2177) नरेंद्र कुमार धीरज 9 करोड़ 47 लाख 66 हजार 745 रुपए की चल-अचल संपत्ति का मालिक निकला है। इसी सरकारी आमदनी से 544 फीसदी अधिक की कमाई सामने आई है। चौंकाने वाला खुलासा तब हुआ, जब मंगलवार को आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की टीम ने सिपाही के पटना में बेऊर थाना (Neur thana) के तहत महावीर कॉलोनी वाले घर सहित अरवल और भोजपुर जिले के कुल 9 ठिकानों को खंगाला।
बताया जा रहा है कि गुप्त सूत्रों के जरिए राज्य सरकार (Bihar Government) को सिपाही और बिहार पुलिस मेन्स एसोसिएशन (Bihar Policemens Association) के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कुमार धीरज के खिलाफ शिकायत मिली थी। इसके बाद सरकार ने अपने स्तर से इंटरनल जांच कराई। जब रिपोर्ट आई तो इनपुट सही मिला। इसके बाद आगे की कार्रवाई का जिम्मा EOU को सौंपा गया। इंटरनल जांच में मिले सबूतों के आधार पर सोमवार को FIR नंबर 18/21 दर्ज की गई।
इस केस में सिपाही (Constable) नरेंद्र कुमार धीरज के साथ ही उसके भाई सुरेंद्र कुमार सिंह, शशिभूषण सिंह, श्याम बिहारी सिंह, वीरेंद्र सिंह, विजेंद्र कुमार विमल, अशोक कुमार और भतीजा धर्मेंद्र कुमार को भी आरोपी बनाया गया है। इनके खिलाफ कोर्ट से सर्च वारंट (search warrant) हासिल कर ADG नैयर हसनैन खान के निर्देश पर बनाई गई 9 अलग-अलग टीमों ने छापेमारी शुरू की, जो देर शाम तक चली।
रिपोर्ट के अनुसार, 7 भाइयों में सिपाही नरेंद्र कुमार धीरज सबसे बड़ा है। लगभग 33 साल पहले 13 मई 1988 को इसने बिहार पुलिस (Bihar Police) में बतौर सिपाही नौकरी जॉइन की थी। उस वक्त इनकी जॉइनिंग नालंदा जिला बल में हुई थी। अब तक यह 33 साल 2 महीने की नौकरी कर चुके हैं। पुराने सिपाही होने के नाते अनुमानतः उनका वेतन करीब 70 हजार रुपए होगा।
ईओयू के मुताबिक नरेन्द्र कुमार धीरज (Narendra kumar Dhiraj) की सिपाही के पद पर नियुक्ति 13 मई 1988 को नालंदा जिला बल में हुई। नौकरी करते हुए कुल 33 वर्ष 2 माह हुए हैं। पैतृक घर भोजपुर (Bhojpur) के सहार थाना का मुजफ्फरपुर (Mujuffurpur) है। ये कुल सात भाई हैं। ईओयू के अनुसार धीरज सामान्य कृषक परिवार से आते हैं और सेवा में आने के पहले इनके पास करीब 3-4 बीघा पुश्तैनी जमीन होने की सूचना है। सेवा प्रारंभ होने के समय सभी भाई इनके ऊपर आश्रित थे। संयुक्त परिवार (Joint family) में धीरज के अलावा कोई अन्य लोक सेवक या सरकारी सेवा में नहीं हैं।
पटना (Patna) के जिस घर में नरेंद्र कुमार धीरज अपने परिवार के साथ रहते हैं, वो दो मंजिला है। भाई विजेंद्र कुमार विमल के नाम आरा (Ara) के अनाइठ जगदेव नगर इलाके में 4 आवासीय जमीन, उदवंत नगर में कृषि की जमीन, भाई सुरेंद्र सिंह के नाम पर 10 जगहों पर आवासीय, व्यावसायिक और खेती वाली कीमती जमीन मिली है। भाई वीरेंद्र सिंह के नाम पर नाढ़ी में 50 डिसमिल खेती वाली जमीन मिली है।
भाई अशोक कुमार के नाम आरा में 4 अलग-अलग जगहों पर आवासीय और खेती वाली जमीन है। भाई श्याम बिहारी सिंह के नाम पर आरा के गोढ़ना (Godhana) में एक आवासीय जमीन मिली है। भाई शशि भूषण सिंह के नाम पर नाढ़ी में 64.50 डिसमिल जमीन का एक प्लॉट मिला है।
जबकि, भतीजा धर्मेंद्र कुमार के नाम पर जगदीश पुर (Jagdishpur) के सेवथा में खेती वाली 51 डिसमिल जमीन मिली है। जमीन के अलावा इन्होंने कई गाड़ियां खरीद रखी हैं। इसमें कई ट्रक शामिल हैं। इसके अलावा अलग-अलग बीमा कंपनियों में भी इनका इंवेस्टमेंट मिला है। कई बैंक अकाउंट्स के डिटेल्स मिले हैं, जिन्हें खंगाला जा रहा है। उसके क़ई ट्रक सड़कों पर दौड़ रहे हैं।
बता दें कि बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन राज्य पुलिस के सिपाही-हवलदार (Constables and Hawaldars) का प्रतिनिधित्व करता है। राज्य स्तर पर पदधारकों के अलावा सभी जिला और इकाईयों में भी इसका संगठन कार्यरत है। प्रत्येक तीन वर्ष पर इसका चुनाव होता है जिसमें अध्यक्ष, महामंत्री के अलावा विभिन्न पदों के लिए चुनाव होता है। यह काफी पुराना संगठन है।
ईओयू को शिकायत मिली थी नरेन्द्र कुमार धीरज द्वारा पद का दुरुपयोग कर स्वयं व परिजनों के नाम करोड़ों की संपत्ति अर्जित की गई है। इसका सत्यापन (Verification) करने के बाद सभी सात भाइयों और भतीजा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनिमय के तहत मामला दर्ज किया गया। मंगलवार को पटना के महावीर कॉलोनी, सहार के मुजफ्फरपुर स्थित पैतृक आवास, भाई अशोक के अरवल स्थित मकान (अरोमा होटल के सामने) पर छापेमारी हुई।
इसके अलावा भाई सुरेन्द्र सिंह के आरा के भेलाई रोड, कृष्णानगर स्थित चार मंजिला और पांच मंजिला मकान, भाई विजेन्द्र कुमार विमल के आरा के कृष्णानगर स्थित पांच मंजिला मकान, भाई श्याम बिहार सिंह भोजपुर (Bhojpur) स्थित नारायणपुर के मॉल सह आवासीय मकान व छड़-सीमेंट की दुकान और भतीजा के आरा के अनाईठ स्थित आशुतोष ट्रेडर्स नामक दुकान में छापेमारी की गई। ईओयू ने धीरज के साथ इन सभी को प्राथमिकी में नामजद किया है।