बिहार में बाढ़ से 10 जिलों की 6.36 लाख की आबादी प्रभावित, राहत और बचाव कार्य तेज
जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार में बाढ़ से 10 जिले प्रभावित हैं। बाढ़ के कारण इन 10 जिलों के 55 प्रखंडों की 282 पंचायतों की 6 लाख 36 हजार की आबादी प्रभावित हो गई है। बाढ़ से कई इलाकों में हालात गंभीर हैं।
बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार राज्य के गोपालगंज, दरभंगा, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, खगड़िया और किशनगंज जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों से अबतक 18612 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
महानन्दा नदी किशनगंज और पूर्णिया, बूढ़ी गंडक मुजफ्फरपुर एवं सीतामढ़ी, कमला बालान मधुबनी तथा अधवारा सीतामढ़ी जिला में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। वहीं बागमती नदी सीतामढ़ी, दरभंगा व मुजफ्फरपुर तथा खिरोई नदी दरभंगा जिले में खतरे के निशान से ऊपर आ गई है। यह जानकारी राज्य जल संसाधन विभाग ने दी है।
जल संसाधन विभाग के मंत्री संजय झा ने कहा कि नदियों में जलस्तर बढ़ने के बावजूद तटबंध सुरक्षित हैं। जहां जरूरत थी, उन सभी तटबंधों की पहले ही मरम्मती कर ली गई थी। तकनीक के प्रयोग और समय पर कार्रवाई के कारण तटबंध सुरक्षित हैं। उधर NDRF की 21 टीमों को राज्य के 12 जिलों में भेजा गया है।
उत्तर बिहार से होकर बहनेवाली नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, गोपालगंज एवं दरभंगा जिलों के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर है। पूर्वी चम्पारण जिला के चार प्रखंडों की 25 पंचायतों में 39 हजार 62 लोग आंशिक रूप से प्रभावित हैं। पश्चिमी चम्पारण में चार प्रखंडों की 15 पंचायतों में 95 हजार लोग आंशिक रूप से प्रभावित हैं।
वहीं गोपालगंज जिले में पांच प्रखंडों की 19 पंचायतों में 28 हजार 387 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, जबकि दरभंगा में 7 प्रखंडों की 80 पंचायतों में लगभग तीन लाख की जनसंख्या प्रभावित है। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए संबंधित जिला प्रशासन राहत एवं बचाव कार्य में लगा हुआ है।
पश्चिम चंपारण डीएम कार्यालय के अनुसार, गंडक नदी के बगहा में 4 लाख 40 हजार क्यूसेक डिस्चार्ज को देखते हुए जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट कर जिलाधिकारी द्वारा अभियंताओं के साथ सभी तटबंधों का देर रात तक निरीक्षण किया गया। माइकिंग के जरिये लोगों को सचेत कर उन्हें सुरक्षित चिह्निïत स्थानों पर पहुंचाया गया। एनडीआरएफ द्वारा बोट के माध्यम से भी माइकिंग करायी गयी और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया।
तटबंधों के निकट अभियंताओं की टीम बनाकर 190 होमगार्ड जवानों की तैनाती की गयी और उनके द्वारा लगातार तटबंधों की पेट्रोलिंग की जा रही है। पेट्रोलिंग की वजह से कई जगहों पर छोटे- मोटे रिसाव की अपातकालीन तरीके से मरम्मत की गयी। 400 लोगों को मध्य विद्यालय बगहा में रखा गया है और वहां सामुदायिक किचेन के माध्यम से लोगों को भोजन कराया जा रहा है। बेतिया-नरकटियागंज मार्ग में चनपटिया के पास सिकहरना नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण पानी सडक़ पर बह रहा है।
पूर्वी चम्पारण डीएम कार्यालय के अनुसार, जिला में प्रभावित लोगों के लिये 12 सामुदायिक रसोई स्थापित किए गए हैं, जिसमें 12324 लोग प्रतिदिन भोजन कर रहे हैं। 49 नाव उपलब्ध कराये गये हैं। प्रभावित लोगों के बीच 240 पॉलिथिन शीट्स वितरित किये गये हैं। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिये एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की दो टीमें तैनात की गई हैं, जो स्थिति पर निगरानी रख रही हैं।
गोपालगंज डीएम के अनुसार, जिला में अवस्थित 84 किलोमीटर लंबे बांध की निगरानी हेतु दंडाधिकारियों एवं अभियंताओं की प्रतिनियुक्ति की गयी है, जो दिन-रात बांध की पहरेदारी कर रहे हैं। छोटे-छोटे रिसाव को दुरूस्त कर उन्हें सुरक्षित बनाया गया है। जिला प्रशासन की यह कोशिश है कि हर हाल में बांध सुरक्षित रहे ताकि बाढ़ की बड़ी विभीषिका का सामना नहीं करना पड़े।
बांध के अंदर रह रहे ९ हजार 500 लोगों को निष्क्रमित कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इनके लिये तीन राहत शिविरों की व्यवस्था की गयी है। 13 सामुदायिक किचेन चलाये जा रहे हैं, जिसमें प्रतिदिन 14 हजार लोगों को भोजन कराया जा रहा है।
मुजफ्फरपुर जिला में बागमती एवं लखनदेई नदी के उफान ने औराई एवं कटरा प्रखंड के 150 गांवों को जलमग्न कर दिया है। वही पुरानी बागमती नदी की धारा बसंत, भदई, ताराजीवर, अतरार, अमनौर, सहिलावली, सरहचिया, महिषवारा, डीहजीवर, जनाड पंचायतों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। क्षेत्र की सभी ग्रामीण सड़कें डूबी हुई हैं, सिर्फ सैदपुर से बसघटा तक पीडब्ल्यूडी सड़क मात्र 25 किलोमीटर ही दिखाई दे रहा है। सड़क के दोनों तरफ के गांव जलमग्न हो चुके हैं, लोग ऊंचे स्थानों एवं सड़कों पर डेरा डाले हुए हैं। वहीं बसघटा से नवादा गंगिया चौक तक सड़क पर दो से 5 फीट पानी का बहाव है।
कटरा प्रखंड क्षेत्र के बागमती नदी के उत्तरी सभी 14 पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। पंचायती राज के सभी मुखिया ने त्राहिमाम संदेश जिलाधिकारी को भेज दिया है। बागमती नदी के दोनों बांध पर औराई-कटरा प्रखंड के 1000 से ज्यादा परिवार विस्थापित होकर डेरा डाले हुए हैं। रामपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अजय कुमार ठाकुर, बिशनपुर गोकुल पंचायत के मुखिया संजीव कुमार शाही ने जिलाधिकारी से विस्थापित परिवारों के बीच फूड पैकेट एवं पॉलीथिन शीट वितरण करवाने की मांग की है।