बिहार में नदियों के बढ़ रहे जलस्तर के बीच मौसम विभाग का अलर्ट, कुछ गांवों में पानी घुसा
जनज्वार ब्यूरो,पटना। बिहार में नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। इसी बीच मौसम विभाग ने बिहार के लगभग डेढ़ दर्जन जिलों में भारी बारिश का एलर्ट जारी कर दिया है। इससे लोगों के साथ-साथ शासन-प्रशासन की टेंशन भी बढ़ गई है।
राज्य के दर्जनभर जिलों में NDRF और SDRF की टीमें तैनात कर दीं गईं हैं तो निरोधात्मक कार्यों में तेजी ला दी गई है। आपदा प्रबंधन विभाग ने जिलों को एलर्ट कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मधुबनी में तटबंधों पर चल रहे कार्यों का जायजा लिया और कई निर्देश दिए हैं।
मॉनसून की दस्तक के साथ ही बिहार में रुक रुककर बारिश शुरू हो गई है। नेपाल के तराई इलाकों में भी बारिश हो रही है। जिस कारण बिहार में नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है। बिहार से होकर गुजरने वाली गंगा,गंडक,कोशी,
बागमती,महानन्दा आदि नदियों के जलस्तर में वृद्धि होती जा रही है। हालांकि इन सभी नदियों का जलस्तर अभी खतरे के निशान से नीचे है। कुछ जगह कटाव भी हो रहा है। कुछ निचले इलाकों और दियारा क्षेत्रों में पानी घुसने की खबर है।
बिहार के पटना,मुंगेर और कटिहार में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। पटना में गंगा नदी में दीघा घाट और गांधी घाट पर पिछले कुछ दिनों में जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है।
खगड़िया जिला में बागमती और कोशी के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की जा रही है। हालांकि अभी यह मामूली वृद्धि है,पर जमींदारी बांधों पर दबाव बढ़ गया है और प्रशासन द्वारा इन बांधों की निगरानी के लिए होमगार्ड जवानों और विभागीय इंजीनियरों की ड्यूटी लगा दी गई है। गौरीपुर, कड़वा,धमौल, आजमनगर आदि गांवों में खेतों का कटाव भी हो रहा है।
सारण जिले के पानापुर प्रखंड में गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। सोनपुर में भी गंडक का जलस्तर बढ़ रहा है। डीएम ने 24 जून को सोनपुर में बाढ़ निरोधक कार्यों का जायजा लिया है।मुजफ्फरपुर जिले में भी नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। यहां के कटरा, गायघाट और औराई प्रखंडों के कई गांवों को पीपा पुल और चचरी पुल ही प्रखंड मुख्यालय से जोड़े हुए हैं। इनपर दबाव बढ़ गया है। जिस कारण इन गांवों के लोग प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग हो जाने की चिंता में हैं।
पश्चिम चंपारण के बगहा पुलिस जिला में गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि दर्ज हो रही है। बाल्मीकिनगर में गंडक बराज है। इस बराज में 36 फाटक हैं। इनमें 18 बिहार में तो 18 नेपाल में हैं। हर साल बरसात से पहले इस बराज और तटबंध की मरम्मत की जाती है। इस वर्ष नेपाल ने लॉकडाउन का बहाना कर वहां स्थित तटबंध और फाटकों की मरम्मत का काम रोक दिया था,जिसके बाद बिहार सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। जल संसाधन मंत्री संजय झा ने मीडिया को बताया था कि अगर इनकी मरम्मती न की गई तो बिहार का एक बड़े हिस्से को बाढ़ की तबाही से बचाना नामुमकिन हो जाएगा। राहत की बात है कि यह मामला सुलझ गया है और नेपाल की इजाजत के बाद बुधवार 24 जून से यहां काम शुरू हो गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 24 जून को जल संसाधन मंत्री संजय झा और विभागीय अफसरों के साथ मधुबनी जिला में बाढ़ से संबंधित कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने कमला नदी के वियर को बराज में परिवर्तित करने का प्रस्ताव देने का निर्देश दिया। इससे सिंचाई क्षमता में वृद्धि की बात कही। नेपाल सीमा पर जयनगर में 1.3 और 14 किलोमीटर पॉइंट पर तटबंध को और ऊंचा करने और आयरन शीट से पाइलिंग का निर्देश भी उन्होंने दिया।
मौसम विभाग ने 24 जून से 2 दिनों तक बिहार के डेढ़ दर्जन जिलों में आंधी-बज्रपात और भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। गोपालगंज, सीवान, मुजफ्फरपुर,पूर्णिया, कटिहार,समस्तीपुर सहित दर्जन भर से ज्यादा जिलों में भारी बारिश का एलर्ट जारी किया गया है। स्वाभाविक है कि अगर ज्यादा बारिश हुई तो नदियों का जलस्तर भी बढ़ेगा।
गोपालगंज जिला में गंडक का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। कुछ दियारा क्षेत्रों समेत सदर प्रखंड के कुछ गांवों में भी पानी घुस गया है। यहां डीएम ने प्रभावित इलाकों का जायजा लिया और सारण तटबंध को शीघ्र दुरुस्त करने का निर्देश दिया।
पूर्णिया जिले के बायसी प्रखंड के श्रीपुर और चोपड़ा पंचायतों के कुछ निचले गांवों में पानी घुस गया है,जिससे फसलों को क्षति पहुंची है। यहां महानन्दा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है।
बाढ़ के खतरे को देखते हर बिहार सरकार ने NDRF की 9वीं बटालियन की टीमों की 13 जिलों में तैनाती कर दी है। गोपालगंज, छपरा,मोतिहारी, बेतिया,मुजफ्फरपुर, दरभंगा,कटिहार,अररिया,किशनगंज,बक्सर,दरभंगा,नालंदा और पटना जिलों में NDRF की टीमों की तैनाती कर दी गई है।
इन सब स्थितियों को देखते हुए राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग ने कई जिलों के डीएम को एलर्ट कर दिया है। मोटरबोट, नाव की उपलब्धता से लेकर NDRF की मुख्यालयों में तैनाती की लगातार मोनिटरिंग का निर्देश दिया गया है। साथ ही तटबंधों की सुरक्षा के लिए सभी संबंधित लोगों को एलर्ट रखने का निर्देश दे दिया गया है। गांवों के जनप्रतिनिधियों को भी स्थिति से अवगत कराते हुए लोगों को जागरूक करने में लगाया जा रहा है।