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बिहार: पुनर्निर्माण के कुछ महीने बाद ही ध्वस्त होने लगी सड़क, आक्रोशित ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

Janjwar Desk
9 Jan 2021 11:07 AM GMT
बिहार: पुनर्निर्माण के कुछ महीने बाद ही ध्वस्त होने लगी सड़क, आक्रोशित ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
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धरना पर बैठे ग्रामीण

आक्रोशित ग्रामीणों ने ताजपुर-एकमा पथ स्थित सरयूपार के समीप चौराहे को जाम कर दिया, जिससे आवागमन पूरी तरह ठप हो गया..

जनज्वार ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में सड़क निर्माण के कार्यों को प्रमुख उपलब्धि बताते रहे हैं, पर सड़कों की गुणवत्ता को लेकर विपक्षी दल सवाल उठाते रहते हैं। पिछले साल राज्य के गोपालगंज जिला में निर्माण के दौरान ही पुलिया के नदी में बह जाने की खबर ने सुर्खियां बटोरी थीं।

ऐसी कई घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं, जब किसी जनप्रतिनिधि ने सड़क निर्माण पर सवाल उठाया हो। अब सारण जिला के ताजपुर-एकमा सड़क पुनर्निर्माण के कुछ महीने बाद ही जगह-जगह ध्वस्त होने लगी, जिससे नाराज क्षेत्र के ग्रामीण सड़क पर उतर गए। ग्रामीणों ने धरना तो दिया ही, क्षेत्रीय बीजेपी सांसद और तत्कालीन विधायक के विरुद्ध खूब नारेबाजी भी की।


सारण जिला स्थित ताजपुर-एकमा मुख्य सड़क का कुछ महीने पहले ही पुनर्निर्माण कराया गया था। क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि पुनर्निर्माण के कुछ महीने बाद ही यह सड़क जर्जर हालत में पहुंच गई है। इसे लेकर ग्रामीण काफी आक्रोशित हैं।

आक्रोशित ग्रामीणों ने ताजपुर-एकमा पथ स्थित सरयूपार के समीप चौराहे को जाम कर दिया। जिससे आवागमन पूरी तरह ठप हो गया। ग्रामीण वरीय पदाधिकारियों को बुलाने की मांग करने लगे।

इसकी सूचना मिलने के बाद स्थानीय दाउदपुर तथा मांझी थाना की पुलिस ने पहुंच ग्रामीणों की मांगों के बारे में जानकारी ली। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने सड़क निर्माण से संबंधित विभागीय जेई से बात की।

उधर ग्रामीणों ने बताया कि काफी मशक्कत और दौड़-धूप के बाद विगत विधान सभा चुनाव के पूर्व सड़क निर्माण का कार्य शुरू हुआ। इसके बावजूद ताजपुर-एकमा सड़क का निर्माण-कार्य अभी भी अधूरा है। सड़क का निर्माण दो पार्ट में व निर्धारित समय-सीमा के अंदर होना था।

ग्रामीणों ने बताया कि ताजपुर से सरयूपार तक एक पार्ट में बनी सड़क का पुनर्निर्माण-कार्य हाल में ही पूरा हुआ है। लेकिन ठेकेदार द्वारा गुणवत्ता-पूर्ण कार्य नही कराए जाने के कारण सड़क चार माह बाद ही उखड़ने लगी है।

धरना दे रहे ग्रामीणों ने कहा कि दूसरी तरफ सरयूपार से एकमा के बीच दूसरे पार्ट की सड़क को जेसीबी की सहायता से पूरी तरह से उखाड़ कर बेतरतीब स्थिति में छोड़ दिया गया है।

इससे धूल उड़ने व ऊबड़खाबड़ गड्ढों के कारण इस सड़क से होकर गुजरने वाले यात्रियों, वाहन-चालकों व क्षेत्रीय ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है। सड़क पुनर्निर्माण कार्य मे स्पष्ट दिख रहा है कि विभागीय पदाधिकारियों से मिलीभगत कर जनता के रुपये की लूट की जा रही है।

आक्रोशित ग्रामीणों ने मामले की उच्च स्तरीय जांच कर कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि जनता को हर हाल में गुणवत्ता-पूर्ण और अच्छी सड़क चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांगों पर अविलंब उचित कदम नही उठाया गया तो ताजपुर-एकमा सड़क को लेकर आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

बाद में आरडब्लूडी के जेई धनंजय कुमार धरना स्थल पर पहुंचे और ग्रामीणों की मांग से सम्बंधित बातें सुनी। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वत करते हुए कहा कि विभाग के वरीय पदाधिकारियों ने भी पूर्व में सड़क का निरीक्षण किया है और वे स्थिति से अवगत हैं।

उन्होंने कहा कि ताजपुर से सरयूपार तक पार्ट 1 में बनी सड़क जहां-जहां खराब हुई है, संवेदक से अविलंब उसकी मरम्मत कराई जाएगी। वहीं उन्होंने बताया कि सरयूपार से एकमा तक पार्ट 2 में डिवीजन व संवेदक अलग हैं।

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