सुशील मोदी का वीडियो वायरल, कहा प्रवासी बिहारी मजदूर रोटी नहीं आनंद लेने के लिए करते हैं पलायन, ट्वीटर पर हो रहे ट्रोल
File photo
जनज्वार। बिहार विधानसभा की तारीखों का ऐलान अब किसी भी दिन हो सकता है, लेकिन इससे ठीक पहले बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का वीडियो वायरल हो गया है, जिस पर वे जम कर ट्रोल किए जा रहे हैं। भाजपा नेता व बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी इस वीडियो में यह कहते सुने जा रहे हैं कि बिहार से बाहर कोई रोजी-रोटी कमाने नहीं जाता, उसकी यहां दिक्कत नहीं है, वे अधिक कमाने जाते हैं और उन्हें इसमें आनंद आता है।
बिहार के लोग दो जून की रोटी कमाने बाहर नहीं जाते बल्कि उनको बाहर जाकर काम करने में आनंद आता है: सुशील मोदी pic.twitter.com/GTVEITdKdp
— Utkarsh Singh (@UtkarshSingh_) September 15, 2020
सुशील मोदी का यह वीडियो न्यूज वेबसाइट लल्लनटाॅप को दिए इंटरव्यू का है और इसमें वे उस वेबसाइट के संपादक सौरभ द्विवेदी से बात करते हुए नजर आते हैं। इस वीडियो से लोगों को सुशील मोदी और भाजपा पर हमले करने का मौका मिल गया है।
बिहार देश के सर्वाधिक पलायन वाले राज्यों में से एक है। लाॅकडाउन के दौरान उत्तरप्रदेश के बाद सबसे अधिक प्रवासी श्रमिक बिहार ही लौटकर आये। अगर अनुपातिक दृष्टिकोण से देखेंगे तो यहां के पलायन का प्रतिशत यूपी से भी अधिक आएगा, क्योंकि उत्तरप्रदेश की आबादी बिहार से दोगुनी है।
सुशील मोदी के इस वीडियो को स्वतंत्र पत्रकार उत्कर्ष सिंह ने ट्वीट किया है और कई दूसरे लोग उस पर कोमेंट लिख कर उसे रिट्वीटर कर रहे हैं।
इस वीडियो को रिट्वीट कर पत्रकार नरेंद्र नाथ मिश्र ने कटाक्ष करते हुए लिखा: चैती के विरह गीत के बीच जब कोई अपनी जमीन, अपने परिवार और बच्चों को छोड़ परदेस कमाने जाता है जो सभी मिलकर रोते हैं। बिहार के 90 फीसदी प्रवासी कामगार बाहर में बिना परिवार रहते हैं। इनमें कई अपने बच्चों को कभी अपने सामने बढ़ा होते नहीं दिखते। यही तो आनंद है। जीवन.आनंद। - .आचार्य सुशील।
चैती के विरह गीत के बीच जब कोई अपनी जमीन,अपने परिवार और बच्चों को छोड़ परदेस कमाने जाता है जो सभी मिलकर रोते हैं। बिहार के 90 फीसदी प्रवासी कामगार बाहर में बिना परिवार रहते हैं। इनमें कई अपने बच्चों को कभी अपने सामने बढ़ा होते नहीं दिखते। यही तो आनंद है। जीवन-आनंद।
— Narendra nath mishra (@iamnarendranath) September 16, 2020
-आचार्य सुशील https://t.co/EcxE6Qq1xX
पत्रकार परिमल कुमार ने इसे रिट्वीट कर लिखा: रोजी-रोजगार, बिहारी भाई क्यों छोड़ रहे हो घर बार, माने कुछ भी...बोलेने में क्या जाता है...जमीनी हकीकत नहीं देखेंगे...हवा हवाई बातें ले लो।
पत्रकार विश्व मोहन ने इस वीडियो को रिट्वीट कर लिखा: छात्रों के बारे में क्या? जिनको सरकारी अस्पताल में इलाज की जरूरत है उनके बारे में क्या? कपिल नाम के एक शख्स ने रिट्वीट करते हुए बिहार के लोगों से पूछा है कि क्या वे सुशील मोदी की बातों से सहमत हैं?
सुशील मोदी के इस बयान पर सहयोगी जदयू ने चुप्पी साध ली है। जदयू नेता व बिहार सरकार के वरिष्ठ मंत्री अशोक चैधरी ने चुप्पी साध ली है। अशोक चैधरी से जब एक प्रेस कान्फ्रेंस में पत्रकारों ने इससे संबंधित सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि बयान अभी हमने देखा नहीं है, इसलिए कुछ कह नहीं सकते हैं।
उत्कर्ष भाई इसी पर जब बिहार सरकार के मंत्री से सवाल पूछा तो वे कन्नी काट गये.. https://t.co/2cEg1O2AOz pic.twitter.com/ZPSGcbglFr
— Abhishek Mishra (@Abhishe79141573) September 16, 2020
उधर, सुशील मोदी का बुधवार को दोपहर तीन बजे एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे, लेकिन अचानक उस कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया। उस कार्यक्रम में पत्रकारों को भी बुलाया गया था।