Begin typing your search above and press return to search.
बिहार

बिहार: मांझी ने बढ़ाई NDA की टेंशन, चाहिए एक और मंत्री पद व विधान परिषद की एक सीट भी

Janjwar Desk
7 Jan 2021 2:31 AM GMT
बिहार: मांझी ने बढ़ाई NDA की टेंशन, चाहिए एक और मंत्री पद व विधान परिषद की एक सीट भी
x

(file photo)

बहुमत के आंकड़े को महज 3 सीट के अंतर से पार करने के कारण 'हम' और 'वीआईपी' जैसी गठबंधन की छोटी पार्टियों का महत्व बढ़ गया है, मांझी मंजे हुए राजनेता हैं और गठबंधन की इस सरकार में अपना महत्व बखूबी समझ रहे हैं..

जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार में एनडीए की सरकार तो जरूर बन गई है, पर सरकार बनने के बाद से ही शुरू हुई खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है। पहले लोजपा को लेकर तल्खी हुई, फिर बीजेपी और जेडीयू के बीच तलवारें खिंचीं और अब 'हम' पार्टी प्रमुख जीतनराम मांझी ने एक नई मांग रखकर प्रेशर पॉलिटिक्स की शुरुआत कर दी है। मांझी ने नीतीश कैबिनेट में एक और मंत्री पद तथा विधान परिषद की एक सीट की मांग रख दी है।

एनडीए में आने और उसके बाद गठबंधन की सरकार बनने के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की महत्वकाक्षाएं भी बढ़ गयी हैं। अब उनकी पार्टी को नीतीश सरकार में एक और मंत्री पद चाहिए, साथ ही एमएलसी की एक सीट भी चाहिए। इसके लिए वो नीतीश कुमार पर दबाव बनाने से पीछे नहीं हटेंगे। यह बात कोई हवा हवाई नहीं बल्कि मांझी ने यह बात 'हम' पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कही हैं।

उल्लेखनीय है कि हालिया संपन्न बिहार विधानसभा चुनावों में एनडीए की ओर से भारतीय जनता पार्टी, जनता दल यूनाइटेड, जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। एनडीए को चुनावों में बहुमत मिला था।

बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में सरकार बनाने के लिए जरूरी आंकड़ा 122 सीट है। एनडीए को इससे 3 सीट ज्यादा यानि 125 सीट मिली थी और राज्य में एक बार फिर से एनडीए की सरकार बन गई थी।

इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी एनडीए की ओर से सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और उसे 74 सीटें मिली थी। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत जनता दल यूनाइटेड को 43 सीट और वीआईपी तथा हम पार्टी को 4-4 सीटें प्राप्त हुईं थीं।

बहुमत के आंकड़े को महज 3 सीट के अंतर से पार करने के कारण 'हम' और 'वीआईपी' जैसी गठबंधन की छोटी पार्टियों का महत्व बढ़ गया है। मांझी मंजे हुए राजनेता हैं और गठबंधन की इस सरकार में अपना महत्व बखूबी समझ रहे हैं। लिहाजा उन्होंने प्रेशर पॉलिटिक्स की शुरुआत कर दी है।

जीतनराम मांझी के आवास पर पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। बैठक में पार्टी के सभी पदाधिकारी, अधिकारी और नेताओं ने हिस्सा लिया। पार्टी के विस्तार की योजनाओं पर चर्चा की गयी। पश्चिम बंगाल, दिल्ली और झारखंड में संगठन को मजबूत करने का निर्णय लिया गया। कार्यकारिणी की बैठक में उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी जदयू के साथ मिलकर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में उतरेगी।

जीतन राम मांझी ने ऐलान किया कि पश्चिम बंगाल चुनाव में 'हम' पार्टी जदयू के साथ उतरेगी। बंगाल में 75 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान जदयू पहले ही कर चुकी है। हम के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में निजी क्षेत्रों में आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर भी प्रस्ताव पारित हुआ है।

बता दें कि अगले कुछ महीने में पश्चिम बंगाल में विधानसभा का चुनाव होना है। जिसको लेकर जेडीयू की ओर से उम्मीदवार उतारे जाने की बात पूर्व में ही कही जा चुकी है।

अब मांझी ने भी पश्चिम बंगाल चुनाव लड़ने का मन बना लिया है, वो भी जेडीयू के साथ मिलकर चुनाव लड़ने बात मांझी कह रहे हैं। ऐसे में देखना होगा कि जेडीयू 75 सीटों में से ही मांझी को हिस्सेदारी देती है या फिर अलग से हम के प्रत्याशी वहां चुनाव मैदान में उतरेंगे।

Next Story

विविध