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Bihar News : हेडमास्टर के पहनावे पर चिल्लाने वाले डीएम ने पेश की सफाई, पर ये क्या, ताजा वीडियो में भी दिखाई पहले वाली हेकड़ी

Janjwar Desk
14 July 2022 4:03 PM IST
Bihar News : हेडमास्टर के पहनावे पर चिल्लाने वाले डीएम ने पेश की सफाई, पर ये क्या, ताजा वीडियो में भी दिखाई पहले वाली हेकड़ी
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Bihar News : हेडमास्टर के पहनावे पर चिल्लाने वाले डीएम ने पेश की सफाई, पर ये क्या, ताजा वीडियो में भी दिखाई पहले वाली हेकड़ी

Bihar News : डीएम संजय सिंह की अमर्यादित भाषा और आचरण पर खुद कई आईएएस और आईपीएस ने सवाल उठाए थे। बिहार के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने तो चीफ सेक्रेट्री को पत्र लिखकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की थी।

Bihar News : बिहार के लखीसराय जिले के डीएम का एक प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टर के पहनावे पर चिल्लते हुए वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो वायरल होने के बाद डीएम संजय कुमार सिंह को सस्पेंड करने की मांग सोशल मीडिया पर जबरदस्त तरीके से उठी थी। इतना ही नहीं, डीएम की अमर्यादित भाषा और आचरण पर खुद कई आईएएस और आईपीएस ने सवाल उठाए थे। उनके आचरण को आईएएस के पद की गरिमा को ताड़-ताड़ करने वाला बताया था। बिहार के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने तो चीफ सेक्रेट्री को पत्र लिखकर डीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

पिछले दो दिनों से चारों तरफ से फजीहत झेलने के बाद 14 जुलाई को डीएम संजय कुमार सिंह ने एक आधिकारिक वीडियो जारी कर सफाई पेश की है। ताज्जुब की बात तो यह है कि वो वीडियो में अपना बयान विनम्रता से शुरू करते हैं, लेकिन अंत होते-होते वो हेडमास्टर को फिर उसी अंदाज में धमकाते नजर आते हैं।

डीएम संजय कुमार कहते हैं कि मैं हेडमास्टर की शि​कायत मिलने के बाद उनके स्कूल में निरीक्षण के लिए पहुंचा था। स्कूल में किसी भी कमरे में पंखे या डेस्क नजर नहीं आये। निरीक्षण के बाद मैंने हेडमास्टर से पूछा कि विकास फंड का क्या हुआ? उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इसके बाद मैंने, उन्हें डांटा। सवाल यह है कि विकास फंड का यूज नहीं हुआ तो डीएम साहब जांच बैठाते। फंड का गबन होने की स्थिति में हेडमास्टर के खिलाफ कार्रवाई करते। बीईओ, एसडीईओ और डीईओ से सवाल पूछते कि हेडमास्टर वाले स्कूल में व्यवस्था दुरुस्त क्यों नहीं है। उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया। क्यों नहीं किया, ये तो डीएम साहब ही जानें।

चौंकाने वाली बात तो यह है कि डीएम साहब ने फजीहत झेलने के बाद अपने आचरण पर अफसोस नहीं जताया, बल्कि इस बार तो हेडमास्टर सहित उनकी भाषा को लेकर सोशल मीडिया पर शोर मचाने वाले लोगों को भी वो धमकाते हुए नजर आ रहे हैं। अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। वो कुर्ते-पजामा पहनने को बुरा नहीं मानते, लेकिन उसी की कमी निकालते वीडियो में दिखाई दे रहे हैं।

दरअसल, डीएम साहब को यह समझने की जरूरत है कि बिहार में फंड से विकास होता तो कभी दुनिया को ज्ञान देने वाला विश्व का पहला गणराज्य वैशाली का यह क्षेत्र देश में हर मामले में पिछड़ा राज्य नहीं होता। ऐसा वहां के निकम्मे और भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से है। आजाद भारत के 75 साल में आईएएस और पीसीएस अधिकारियों ने बिहार की वो दुर्गति की है कि आज विरले ही अधिकारी होंगे जिनके बच्चे बिहार में शिक्षा ग्रहण कर रहे होंगे। क्या उनके पास इसका जवाब है कि बिहार शिक्षा के मामले में इतना पिछड़ा क्यों है?

क्या डीएम साहब को यह नहीं पता है कि स्कूल के खिलाफ जांच बैठाने का मतलब क्या होता हैं। हर जांच का रिश्वत तय है। जांच अधिकारी जाता है, वहां से कमिशन लेकर वापस आ जाता है और रिपोर्ट ओके भेज देता है। क्या डीएम संजय कुमार सिंह को यह नहीं पता है कि वहां पर हर स्कूल में हर माह में शिक्षक रविवार और अन्य अवकास के बावजूद चार से पांच दिन माह में स्कूल से अबसेंट रहना अपना मौलिक अधिकार समझते हैं। अगर कोई हेडमास्टर इस पर सख्ती करे तो सभी शिक्षक ब्लॉक से लेकर पटना तक इतनी शिकायत करते हैं। ऐसे में ईमानदार हेडमास्टर या तो स्कूल छोड़कर भाग जाता है, या मास्टरों की जी-हजूरी करने लग जाता है।

अगर, उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है, तो फिर यही माना जाएगा कि वो भी भ्रष्टाचार में समान रूप से हिस्सेदार हैं। अगर डीएम इस बात को सही मानते हैं तो उन्होंने एक डीएम के रूप में अभी तक शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए क्या कदम उठाए। क्या लखीसराय का शिक्षा विभाग उनके मातहत नहीं है। यदि ऐसा है तो किस हैसियत से हेडमास्टर के स्कूल में निरीक्षण करने पहुंचे थे। डीएम साहब, बिहार की पूरी मशीनरी में ही सुधार की जरूतर है। पहले खुद से इसकी शुरुआत कीजिए।

छोड़िए, इस मामले में बिहार में डीएम साहब भी कुछ नहीं कर सकते। इन सभी बातों की जानकारी खुद सीएम को भी है, पर वो तो जातिवादी राजनीति के तहत बिहार में सीएम बने हुए हैं, तो उन्हें इससे क्या मतलब। अगर वो शिक्षा के क्षेत्र में विकास की बात करेंगे तो उनकी भी कुर्सी चली जाएगी। फिलहाल, इतना जानिए कि दो दिन पहले कपड़ों की वजह से हेडमास्टर को कैमरे के सामने बुरी तरह डांटने वाले डीएम की पिछले कुछ दिनों से काफी आलोचना हो रही है। असल में IAS संजय कुमार लखीसराय के कन्या प्राथमिक विद्यालय बालगुदर में जांच के लिए गए थे और प्रिंसिपल निर्भय कुमार सिंह को कुर्ते-पायजामे में देखकर भड़क गए थे। डीएम टीवी कैमरे के सामने ही प्रिंसिपल को सस्पेंड करने और वेतन रोकने का आदेश देने लगे।

IAS संजय कुमार सिंह ने प्रिंसिपल के कुर्ते-पायजामे में होने की वजह से कहा था कि वे नेता लग रहे हैं, टीचर बिल्कुल नहीं लग रहे हैं। इन कपड़ों में उन्हें स्कूल नहीं आना चाहिए। डीएम ने प्रिंसिपल को सस्पेंड करने की बात भी कह दी। अब वहीं डीएम और IAS संजय कुमार सिंह ने ट्विटर अकाउंट @collectorlak (Dist Admn Lakhisarai) से एक वीडियो जारी किया है। वीडियो में संजय कुमार सिंह यह स्वीकार करते हैं वे प्रिंसिपल पर भड़क गए थे, लेकिन फिर कहते हैं कि असल में उन्हें कुर्ते-पायजामे से दिक्कत नहीं थी। साथ ही कुर्ते पजामे की कमियां भी निकालते नजर आते हैं। अब आप ही बताइए, ऐसे डीएम को कन्फ्यूज्ड नहीं कहेंगे, तो क्या कहेंगे।

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